NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 14 लोकगीत

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Board CBSE
Textbook NCERT
Class Class 6
Subject Hindi
Chapter Chapter 14
Chapter Name लोकगीत
Number of Questions Solved 25
Category NCERT Solutions

NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 14 लोकगीत

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

निबंध से

प्रश्न 1.
निबंध में लोकगीतों के किन पक्षों की चर्चा की गई है? बिंदुओं के रूप में उन्हें लिखो।
उत्तर-
इस निबंध में लोकगीतों के निम्नलिखित पक्षों की चर्चा हुई है-

  • लोकगीत प्रिय होते हैं।
  • लोकगीत का महत्त्व
  • लोकगीत और शास्त्रीय संगीत
  • लोकगीतों के प्रकार, गायन शैली, राग
  • सहायक वाद्य यंत्र, गायक समूह
  • लोकगीतों के साथ चलने वाले नृत्य
  • लोकगीतों की भाषा
  • लोकगीतों की लोकप्रियता।
  • लोकगीतों के प्रकार
  • बिना किसी बाजे की मदद के भी गया जाना।

प्रश्न 2.
हमारे यहाँ स्त्रियों के खास गीत कौन-कौन से हैं?
उत्तर-
हमारे यहाँ लोकगीत ऐसे हैं जिन्हें स्त्रियों के खास गीत कहा जा सकता है। ऐसे गीत में त्योहारों पर नदियों में नहाते समय के, नहाने जाते रास्ते के गीत, विवाह के अवसर पर गाए जाने वाले गीत, मटकोड, ज्यौनार के, संबंधियों के लिए प्रेमयुक्त गाली, जन्म आदि के गीत स्त्रियों के गीत हैं। इसके अतिरिक्त कजरी, गुजरात का गरबा और ब्रज का रसिया भी स्त्रियों द्वारा गाया जाने वाला गीत है।

प्रश्न 3.
निबंध के आधार पर और अपने अनुभव के आधार पर (यदि तुम्हें लोकगीत सुनने के मौके मिले हैं तो) तुम लोकगीतों की कौन-सी विशेषताएँ बता सकते हो?
उत्तर-
लोकगीत हमारी सांस्कृतिक पहचान है। इन गीतों में हमारी-अपनी सभ्यता-संस्कृति एवं संस्कार झलकते हैं। इनकी अनेक विशेषताएँ हैंलोकगीत गाँव के अनपढ़ पुरुष व औरतों के द्वारा रचे गए हैं। इनके लिए साधना की ज़रूरत नहीं होती। लोकगीतों में लचीलापन और ताजगी होती है। ये आम जनता के गीत हैं। ये त्योहारों और विशेष अवसरों पर ही गाए जाते हैं।

मार्ग या देशी के सामने इनको हेय समझा जाता था अभी तक इनकी उपेक्षा की जाती है, लेकिन साहित्य और कला के क्षेत्र में परिवर्तन होने पर प्रांतों की सरकारों ने लोकगीत साहित्य के पुनरुद्धार में हाथ बँटाया। वास्तविक लोकगीत गाँव व देहात में है। लोकगीत वाद्य यंत्रों की मदद के बिना गाए जा सकते हैं। वैसे साधारण ढोलक, झाँझ, करताल, बाँसुरी बजाकर भी गाए जाते हैं। इनके रचनाकार आम आदमी और स्त्रियाँ ही होते हैं?

प्रश्न 4.
‘पर सारे देश के … अपने-अपने विद्यापति हैं’-इस वाक्य का क्या अर्थ है? पाठ पढ़कर मालूम करो और लिखो।
उत्तर-
इस वाक्य का यह अर्थ है कि विद्यापति जैसे लोकगीतों की रचना करने वाले अन्य क्षेत्रों में भी होते हैं। यानी जिस तरह मिथिला क्षेत्र में मैथिल कोकिल विद्यापति के गीत लोकप्रिय हैं, उसी प्रकार हर क्षेत्र में हर जगह पर कोई-न-कोई प्रसिद्ध लोकगीत रचनाकार पैदा हुआ है, जिसके गीतों की उस क्षेत्र में विशेष धूम रहती है। बुंदेलखंड के लोकगीत रचनाकार जगनिक का ‘आल्हा’ इसका उदाहरण है।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.
क्या लोकगीत और नृत्य सिर्फ गाँवों या कबीलों में ही गाए जाते हैं? शहरों के कौन से लोकगीत हो सकते हैं? इस पर विचार करके लिखो।
उत्तर-
लोकगीत और नृत्य गाँवों और कबीलों में बहुत लोकप्रिय होते हैं। शहरों में इन्हें बहुत कम देखा जा सकता है। शहरों में जो लोकगीत गाए जाते हैं वे भी किसी-न-किसी रूप में गाँवों से ही जुड़े हुए हैं। शहरों के लोग देश के अलग-अलग ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर बसे हुए होते हैं। अब शहरों के लोग भी इनमें रुचि ले रहे हैं। वे सामान्य संगीत से हटकर होते हैं। अतः आकर्षण के कारण बन जाते हैं। शहरों के लोकगीत हो सकते हैं-शहरिया बाबू, नगरी आदि।

प्रश्न 2.
जीवन जहाँ इठला-इठलाकर लहराता है, वहाँ भला आनंद के स्त्रोतों की कमी हो सकती है। उद्दाम जीवन के ही वहाँ के अनंत संख्यक गाने प्रतीक हैं। क्या तुम इस बात से सहमत हो ? ‘बिदेसिया’ नामक लोकगीत से कोई कैसे आनंद प्राप्त कर सकता है और वे कौन लोग हो सकते हैं जो इसे गाते-सुनते हैं? इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर अपने कक्षा में सबको बताओ। हाँ, मैं इस बात से सहमत हूँ। लोकगीत गाँवों की उन्मुक्त चर्चा के प्रतीक हैं। किसी भी लोकगीत से आनंद प्राप्त किया जा सकता है यदि आप वहाँ की बोली से थोड़ा भी परिचित हों। जो लोग भोजपुरी के जानकार हैं। वे ‘बिदेसिया’ लोकगीत को सुनकर आनंद उठा सकते हैं। इन गीतों में रसिक प्रियों और प्रियाओं की बात रहती है। इससे परदेशी प्रेमी और करुणा का रस बरसता है।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
‘लोक’ शब्द में कुछ जोड़कर जितने शब्द तुम्हें सूझे, उनकी सूची बनाओ। इन शब्दों को ध्यान से देखो और समझो कि उनमें अर्थ की दृष्टि से क्या समानता है। इन शब्दों से वाक्य भी बनाओ, जैसे-लोककला।
उत्तर

  • लोकहित- हमारे नेताओं को लोकहित में ध्यान रखकर काम करना चाहिए।
  • लोकप्रिय- डॉ० राजेंद्र प्रसाद हमारे लोकप्रिय नेता थे।
  • लोकप्रिय- लोक संगीत का अपना अलग की आनंद है।
  • लोकनीति- लोकनीति यदि सही है तो देश में समाज का विकास होगा।
  • लोकगीत- लोकगीतों की परंपरा का पालन केवल गाँवों तक सीमित रह गया है।
  • लोकनृत्य- लोकनीति ग्रामीण संस्कृति का प्रतीक है।
  • लोकतंत्र- भारत में लोकतंत्र है।

इनमें अर्थ की दृष्टि से यह समानता है कि शब्द लोक अर्थात जनता से संबंधित है।

प्रश्न 2.
‘बारहमासा’ गीत में साल के बारह महीनों का वर्णन होता है। नीचे विभिन्न अंकों से जुड़े कुछ शब्द दिए गए हैं। इन्हें पढ़ो और अनुमान लगाओ कि इनका क्या अर्थ है और वह अर्थ क्यों है? इसी सूची में तुम अपने मन से सोचकर भी कुछ शब्द जोड़ सकते हो-

  • इकतारा
  • सरपंच
  • चारपाई
  • सप्तर्षि
  • अठन्नी
  • तिराहा
  • दोपहर
  • छमाही
  • नवरात्र
  • चौराहा

उत्तर

शब्द – अनुमान वाले अर्थ

  • इकतारा – एक तार वाला वाद्य यंत्र
  • सरपंच – पंचों में प्रमुख
  • तिराहा – जहाँ तीन रास्ते मिलते हैं।
  • दोपहर – दो पहर का मिलन
  • चारपाई – चार पायों वाली
  • छमाही – छह महीने में होने वाली
  • सप्तर्षि – सात ऋषियों का समूह
  • नवरात्र – नौ रात्रियों के समूह
  • अठन्नी – आठ आने का सिक्का
  • नवरत्न – नौ रत्नों का समूह
  • शताब्दी – सौ सालों का समूह
  • चतुर्भुज – चार भुजाओं से घिरी आकृति

प्रश्न 3.
को, में, से आदि वाक्य में संज्ञा का दूसरे शब्दों के साथ संबंध दर्शाते हैं। ‘झाँसी की रानी’ पाठ में तुमने का के बारे में जाना। नीचे ‘मंजरी जोशी’ की पुस्तक ‘भारतीय संगीत की परंपरा’ से भारत के एक लोकवाद्य का वर्णन दिया गया है। इसे पढ़ो और रिक्त स्थानों में उचित शब्द लिखो।
तुरही भारत के कई प्रांतों में प्रचलित है। यह दिखने …….. अंग्रेज़ी के एस या सी अक्षर ………… तरह होती है। भारत ………. विभिन्न प्रांतों में पीतल या काँसे ………. बना यह वाद्य अलग-अलग नामों ……… जाना जाता है। धातु की नली ……… घुमाकर एस ………… आकार इस तरह दिया जाता है कि उसका एक सिरा संकरा रहे दूसरा सिरी घंटीनुमा चौड़ा रहे। फेंक मारने ……… एक छोटी नली अलग ………. जोड़ी जाती है। राजस्थान ……… इसे बर्ग कहते हैं। उत्तर प्रदेश ………. यह तूरी, मध्य प्रदेश और गुजरात ……….. रणसिंघा और हिमाचल प्रदेश ………… नरसिंघा …………. नाम से जानी जाती है। राजस्थान और गुजरात में इसे काकड़सिंघी भी कहते हैं।
उत्तर-
तुरही भारत के कई प्रांतों में प्रचलित है। यह दिखने में अंग्रेजी के एस या सी अक्षर की तरह होती है। भारत के विभिन्न प्रांतों में पीतल या काँसे का बना यह वाद्य अलग-अलग नामों से जाना जाता है। धातु की नली को घुमाकर एस का आकार इस तरह दिया जाता है कि उसका एक सिरा संकरा रहे और दूसरा सिरा घंटीनुमा चौड़ा रहे। फेंक मारने को एक छोटी नली अलग से जोड़ी जाती है। राजस्थान में इसे बर्गे कहते हैं। उत्तर प्रदेश में यह तूरी, मध्य प्रदेश और गुजरात में रणसिंघा और हिमाचल प्रदेश में नरसिंघा के नाम से जानी जाती है। राजस्थान और गुजरात में इसे काकड़सिंधी भी कहते हैं।

भारत के मानचित्र में

भारत के नक्शे में पाठ में चर्चित राज्यों के लोकगीत और नृत्य दिखाओ।
NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 14 लोकगीत Q3

कुछ करने को

प्रश्न 1.
अपने इलाके के कुछ लोकगीत इकट्ठा करो। गाए जाने वाले मौकों के अनुसार उनका वर्गीकरण करो।
उत्तर-

  • मल्हार- सावन के महीने में गाया जाने वाला गीत।
  • विवाह गीत- विवाह के अवसर पर गाए जाने वाले गीत।
  • रागिणी- हरियाणा-दिल्ली का लोकगीत।

प्रश्न 2.
जैसे-जैसे शहर फैल रहे हैं और गाँव सिकुड़ रहे हैं, लोकगीतों पर उनका क्या असर पड़ रहा है? अपने आसपास के लोगों से बातचीत करके और अपने अनुभवों के आधार पर एक अनुच्छेद लिखो।
उत्तर-
गाँव के लोगों का शहर की तरफ़ पलायन हो रहा है। अपने साथ वे अपने लोकगीतों को भी ला रहे हैं। ये लोकगीत शहरी लोगों को काफ़ी आकर्षित कर रहे हैं। शहरी लोगों को ये लोकगीत सामान्य फ़िल्मी और गैर-फ़िल्मी गीतों से अलग हटकर आनंद दे रहे हैं। अब सभा और समारोहों में लोकगीतों का धूम मची रहती है।

प्रश्न 3.
रेडियो और टेलीविज़न के स्थानीय प्रसारणों में एक नियत समय पर लोकगीत प्रसारित होते हैं। इन्हें सुनो और सीखो।
उत्तर-
छात्र इन्हें सुनकर सीखने का प्रयास करें।

अन्य पाठेतर हल प्रश्न

बहुविकल्पी प्रश्नोत्तर

(क) “लोकगीत’ पाठ के लेखक कौन हैं?
(i) प्रेमचंद
(ii) विष्णु प्रभाकर
(iii) विनय महाजन
(iv) भगवतशरण उपाध्याय

(ख) लोकगीतों की भाषा कैसी होती है?
(i) संस्कृतनिष्ठ
(ii) शास्त्रीय
(iii) आम बोलचाल
(iv) अनगढ़

(ग) लोकगीत शास्त्रीय संगीत से किस मायने में भिन्न है?
(i) लय, सुर और ताल में
(ii) मधुरता में
(iii) सोच, ताजगी और लोकप्रियता में
(iv) इनमें कोई नहीं

(घ) लोकगीतों की रचना में किसका विशेष योगदान है?
(i) बच्चों का
(ii) स्त्रियों का
(iii) पुरुषों का
(iv) इनमें कोई नहीं

(ङ) इनमें से कौन बंगाल का लोकगीत है?
(i) कजरी
(ii) बाउल
(iii) पूरबी
(iv) सावन

उत्तर

(क) (iv)
(ख) (iii)
(ग) (iii)
(घ) (ii)
(ङ) (ii)

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
लोकगीत किस अर्थ में शास्त्रीय संगीत से भिन्न है?
उत्तर-
लोकगीत अपनी सोच, ताजगी तथा लोकप्रियता की दृष्टि से शास्त्रीय संगीत से भिन्न है। इस गीत को गाने के लिए शास्त्रीय संगीत जैसी साधना की ज़रूरत नहीं होती है।

प्रश्न 2.
लोकगीतों की क्या विशेषता है?
उत्तर-
लोकगीत सीधे जनता के गीत हैं। इसके लिए विशेष प्रयत्न की आवश्यकता नहीं पड़ती। ये त्योहारों और विशेष अवसरों पर साधारण ढोलक और झाँझ आदि की सहायता से गाए जाते हैं। इसके लिए विशेष प्रकार के वाद्यों की आवश्यकता नहीं होती।

प्रश्न 3.
लोकगीत किससे जुड़े हैं?
उत्तर-
लोकगीत सीधे आम जनता से जुड़े हैं? ये घर, गाँव और नगर की जनता के गीत हैं।

प्रश्न 4.
वास्तविक लोकगीतों का संबंध कहाँ से है?
उत्तर-
वास्तविक लोकगीतों का संबंध देश के गाँवों और देहातों से है।

प्रश्न 5.
स्त्रियाँ लोकगीत गाते समय किस वाद्य का प्रयोग करती हैं?
उत्तर-
स्त्रियाँ प्रायः ढोलक की मदद से लोकगीत गाती हैं?

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
हमारे यहाँ स्त्रियों के खास गीत कौन-कौन से हैं?
उत्तर-
हमारे यहाँ कुछ लोकगीत ऐसे हैं जिन्हें स्त्रियों के खास गीत कहा जा सकता है। ऐसे गीतों में त्योहारों पर, नदियों में नहाते समय के, नहाने जाते हुए राह में गाए जाने वाले, विवाह के मटकोड के, ज्यौनार के संबंधियों के लिए प्रेमयुक्त गाली के, जन्म आदि अवसरों पर गाए जाने वाले प्रमुख हैं। होली के अवसर पर एवं बरसात की कजरी भी स्त्रियों के खास गीत हैं। इसके अतिरिक्त सोहर, बानी, सेहरा आदि उनके अनंत गानों में से कुछ हैं।

प्रश्न 2.
भारत के विभिन्न प्रदेशों में कौन-कौन से लोकगीत गाए जाते हैं?
उत्तर-
भारत के विभिन्न प्रांतों में विभिन्न प्रकार के लोकगीत गाए जाते हैं। पहाड़ियों के अपने-अपने गीत हैं। उनके अपने-अपने भिन्न रूप होते हुए भी अशास्त्रीय होने के कारण उनमें एकसमान भूमि है। गढ़वाल, किन्नौर, काँगड़ा आदि के अपने-अपने गीत और उन्हें गाने की अपनी-अपनी विधियाँ हैं। चैता, कजरी, बारहमासा, सावन आदि मिर्जापुर, बनारस और उत्तर प्रदेश के पूरबी और बिहार के पश्चिमी जिलों में गाए जाते हैं। बाउल और भतियाली बंगाल के लोकगीत हैं। पंजाब में माहिया आदि इसी प्रकार के हैं। हीर-राँझा, सोहनी-महीवाल संबंधी गीत राजस्थान में गाए जाते हैं।

प्रश्न 3.
स्त्रियों द्वारा गाए जाने वाले लोकगीतों की क्या विशेषता है?
उत्तर-
गाँवों में स्त्रियाँ प्राचीन काल से ही लोकगीत गाती आ रही हैं? इनके गीत आमतौर पर दल बाँधकर ही गाए जाते हैं। अनेक कंठ एक साथ फूटते हैं। यद्यपि अधिकतर उनमें मेल नहीं होता, फिर भी त्योहारों और शुभ अवसरों पर वे बहुत ही भले लगते हैं। स्त्रियाँ ढोलक के साथ गाती हैं। प्रायः उनके गीत के साथ नाचे भी जुड़ा होता है।

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