CBSE Previous Year Question Papers Class 10 Hindi B 2016 Term 1

CBSE Previous Year Question Papers Class 10 Hindi B 2016 Term 1

Note: Except for the following questions all the remaining questions have been asked in previous sets.

खण्ड ‘क’

प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए
कभी-कभी मैं अपने मित्रों की परीक्षा लेती हूँ, यह परखने के लिए कि वे क्या देखते हैं। हाल ही में मेरी एक प्रिय मित्र जंगल की सैर करने के बाद वापस लौटीं। मैंने उनसे पूछा, *आपने क्या-क्या देखा?”

“कुछ खास तो नहीं”, उनका जवाब था। मुझे बहुत अचरज नहीं हुआ क्योंकि मैं अब इस तरह के उत्तरों की आदी हो चुकी हूँ। मेरा विश्वास है कि जिन लोगों की आँखें होती हैं, वे बहुत कम देखते हैं। क्या यह संभव है कि भला कोई जंगल में घंटाभर घूमे और फिर भी कोई विशेष चीज न देखे? मुझे-जिसे कुछ भी दिखाई नहीं देता-सैकड़ों रोचक चीजें | मिलती हैं, जिन्हें मैं छूकर पहचान लेती हूँ। मैं भोज–पत्र के पेड़ की चिकनी छाल और चीड़ की खुरदरी छाल को स्पर्श से पहचान लेती हूँ। वसंत के दौरान मैं टहनियों में नई कलियाँ खोजती हूँ। मुझे फूलों की पंखुड़ियों की मखमली सतह छूने और उनकी घुमावदार बनावट महसूस करने में आनंद मिलता है। इस दौरान मुझे प्रकृति के जादू का कुछ अहसास होता है। कभी, जब मैं खुशनसीब होती हैं, तो टहनी पर हाथ रखते ही किसी चिड़िया के मधुर स्वर कानों में गूंजने लगते हैं। अपनी अँगुलियों के बीच झरने के पानी को बहते हुए महसूस | कर मैं आनंदित हो उठती हूँ। मुझे चीड़ की फैली पत्तियाँ या घास का मैदान किसी भी महँगे कालीन से अधिक प्रिय है।

बदलते हुए मौसम का समाँ मेरे जीवन में एक नया रंग और खुशियाँ भर जाता है।

कभी-कभी मेरा दिल इन सब चीजों को देखने के लिए मचल उठता है। अगर मुझे इन चीजों को सिर्फ छूने भर से इतनी खुशी मिलती है, तो उनकी सुंदरता देखकर तो मेरा मन मुग्ध ही हो जाएगा, परन्तु, जिन लोगों की आँखें हैं, वे सचमुच बहुत कम देखते हैं। इस दुनिया के अलग-अलग सुंदर रंग उनकी संवेदना को नहीं छूते। मनुष्य अपनी क्षमताओं की कभी कदर नहीं करता। वह हमेशा उस चीज की आस लगाए रहता है जो उसके पास नहीं है। यह कितने दुःख की बात है कि दृष्टि के आशीर्वाद को लोग एक साधारण-सी चीज समझते हैं, जबकि इस नियामत से जिंदगी को खुशियों के इंद्रधनुषी रंगों से हरा-भरा किया जा सकता है। -हेलन केलर
(i) ‘जिन लोगों की आँखें हैं, वे सचमुच बहुत कम देखते हैं -हेलन को ऐसा क्यों लगता है? [2]
(ii) ‘कुछ खास तो नहीं अपनी मित्र से ऐसा उत्तर सुनकर उनके मन में क्या विचार आए होंगे? [2]
(iii) ‘प्रकृति का जादू’ किसे कहा गया है? [2]
(iv) हेलन प्रकृति-प्रेमी थीं किन्हीं दो उदाहरणों द्वारा सिद्ध कीजिए। [2]
(v) हेलन को मनुष्य के कैसे स्वभाव पर दुःख होता है? क्यों? [2]
(vi) (क) जिन लोगों की आँखें हैं, वे सचमुच बहुत कम देखते हैं। (सरल वाक्य में बदलें)    [1]
(ख) इन गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए। [1]
उत्तर:
(i) ‘जिन लोगों की आँखें हैं, वे सममुच बहुत कम देखते हैं-हेलन को ऐसा इसलिए लगता है, क्योंकि वह नेत्रहीन होते हुए भी अपने आस-पास कितनी ही सुंदरता का अहसास कर सकती है, जबकि आँखों वाले लोगों को अपने आस-पास कुछ खास दिखाई ही नहीं देता।

(ii) अपनी मित्र से ऐसा उत्तर सुनकर हेलन को कोई हैरानी नहीं हुई क्योंकि उन्हें इस तरह के उत्तर सुनने की आदत हो चुकी थी। उन्हें लगने लगा था कि जिन लोगों की आँखें होती हैं, वे बहुत कम देखते हैं।

(iii) भोजपत्र के पेड़ की चिकनी छाल और चीड़ की खुरदरी छाल को स्पर्श करना, वसंत के मौसम में टहनियों में नई कलियों का निकलना, फूलों की मखमली पंखुड़ियों का अहसास-ये सब ही प्रकृति का जादू है।

(iv) हेलन प्रकृति प्रेमी थीं, क्योंकि वे अपनी अँगुलियों के बीच झरने के पानी को बहते हुए महसूस करने में अत्यंत आनंद का अनुभव करती थीं। उन्हें चीड़ की फैली पत्तियों और घास के मैदान किसी भी महँगे कालीन से अधिक प्रिय थे।

(v) हेलन को दुःख होता था जब मनुष्य अपनी क्षमताओं की कदर नहीं करता और हमेशा उस चीज की आस लगाए रहता है, जो उसके पास नहीं है। वे दृष्टि के आशीर्वाद को एक साधारण सी चीज समझते हैं।

(vi) (क) सरल वाक्य-आँखों वाले लोग कम देखते हैं।
(ख) शीर्षक ‘जो देखकर भी नहीं देखते’ या ‘आँखें : नियामत जिंदगी की’

प्रश्न 2.
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए
यदि तुम्हारे घर के एक कमरे में आग लगी हो तो क्या तुम दूसरे कमरे में सो सकते हो? यदि तुम्हारे घर के एक कमरे में लाशें सड़ रही हों तो क्या तुम दूसरे कमरे में प्रार्थना कर सकते हो? यदि हाँ तो मुझे तुम से कुछ नहीं कहना है। देश कागज पर बना नक्शा नहीं होता कि एक हिस्से के फट जाने पर बाकी हिस्से उसी तरह साबुत बने रहें और नदियाँ, पर्वत, शहर, गाँव वैसे ही अपनी-अपनी जगह दिखें अनमने रहें। यदि तुम यह नहीं मानते तो मुझे तुम्हारे साथ नहीं रहना है। इस दुनिया में आदमी की जान से बड़ा कुछ भी नहीं है न ईश्वर, न ज्ञान, न चुनाव, कागज पर लिखी कोई भी इबारत फाड़ी जा सकती है और जमीन की सात परतों के भीतर गाड़ी जा सकती है। जो विवेक खड़ा हो लाशों को टेक वह अंधा है जो शासन चल रही हो बंदूक की नली से हत्यारों का धंध T है यदि तुम यह नहीं मानते तो मुझे अब एक क्षण भी तुम्हें नहीं सहना है। याद रखें एक बच्चे की हत्या एक औरत की मौत एक आदमी का किसी शासन का हीं नहीं संपूर्ण राष्ट्र का है पतन।
(i) पहले दो प्रश्नों के माध्यम से कवि क्या जानना चाहता [2]
(ii) ‘देश कागज पर बना नक्शा नहीं होता’ – स्पष्ट कीजिए। [2]
(iii) कवि ने दुनिया में किसे महत्वपूर्ण माना है? क्यों? [2]
(iv) कोई भी हत्या पूरे राष्ट्र को पतन कैसे हो सकती है? [2]
उत्तर:
(i) पहले दो प्रश्नों के माध्यम से कवि यह कहना चाहता है कि अगर देश के एक हिस्से में हिंसा, दंगे और अराजकता फैली हो, तो देश के बाकी हिस्से भी उससे अछूते नहीं रह सकते। यह मारकाट और अराजकता सारे देश के लिए एक खतरा है।

(ii) ‘देश कागज पर बना नक्शा नहीं होता’-अर्थात् देश और प्रांत आपस में एक दूसरे से जुड़े हैं। देश के किसी भी कोने में अगर अशांति और अमानवीय घटनाएँ हो रही हैं, तो देश के अन्य हिस्से आँखें मूंदकर नहीं रह सकते। एक कागज पर नक्शा बना देने से देश नहीं बनता. बल्कि भावनाओं और प्रेम के आधार पर ही किसी देश का निर्माण होता है।

(iii) कवि ने मानवीयता और आदमी की जान को इस दुनिया में सबसे बड़ा माना है। उसके अनुसार ईश्वर, ज्ञान, चुनाव और सत्ता से बड़ी इंसान की जान है।

(iv) अगर एक राष्ट्र और उसका कानून किसी निरपराध बच्चे, औरत और आदमी की जान नहीं बचा सकते, तो उस राष्ट्र को राष्ट्र कहलाने का हक नहीं है। एक राष्ट्र और उसके नेताओं का कर्तव्य है कि सभी लोगों को शांति पूर्ण और सुरक्षित माहौल प्रदान किया जाए। इसके अभाव में एक राष्ट्र का पतन निश्चित है।

खण्ड ‘ख’

प्रश्न 3.
निम्नलिखित वाक्यों को निर्देशानुसार बदलिए [3]
(क) वामीरो कुछ सचेत हुई और घर की तरफ दौड़ी। (सरल वाक्य में)।
(ख) सुभाष बाबू को पकड़कर गाड़ी द्वारा लाल बाजार लॉकअप में भेज दिया गया। (मिश्र वाक्य में)
(ग) सालाना इम्तिहान हुआ, भाई साहब फेल हो गए, मैं पास हो गया। (संयुक्त वाक्य में)
उत्तर:
(क) सरल वाक्य-वामीरो सचेत होकर घर की तरफ दौड़ी।
(ख) मिश्र वाक्य-जैसे ही सुभाष बाबू को पकड़ा गया वैसे ही उन्हें लाल बाजार लॉकअप में भेज दिया गया।
(ग) संयुक्त वाक्य-सालाना इम्तिहान हुआ, भाई साहब फेल हुए और मैं पास हो गया।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध करके लिखिए [4]
(क) इस जंगल में एक पागल हाथी हो गया है।
(ख) जो काम करो, वही पूरा जरूर करो।
(ग) शाम को श्रीमती मीरा एक गीत देंगी।
(घ) तुम्हारे को गुलाब की फूलों की माला ले आना।
उत्तर:
(क) इस जंगल में एक हाथी पागल हो गया है।
(ख) जो काम करो, उसे पूरा जरूर करो।
(ग) शाम को श्रीमती मीरा एक गीत गाएँगी।
(घ) तुम गुलाब के फूलों की माला ले आना।

प्रश्न 5.
(क) निम्नलिखित समस्त पदों का विग्रह कीजिए तथा समास का नाम लिखिए [4]
(i) उच्चाकांक्षा
(ii) लोकप्रिय
(ख) निम्नलिखित शब्दों से समास बनाइए व समास का नाम लिखिए
(i) सत्य के लिए आग्रह (समास विग्रह)
(ii) अंधा है जो विश्वास (समास का नाम)
उत्तर:
(क)
(i) उच्चाकांक्षा- ऊँची है जो आकांक्षा, कर्मधारय समास
(ii) लोकप्रिय- लोगों में प्रिय, तत्पुरुष समास समस्त-पद समासे का नाम

(ख)
(i) सत्य के लिए आग्रह– सत्याग्रह, तत्पुरुष समास
(ii) अंधा है जो विश्वास– अंधविश्वास, कर्मधारय समास

प्रश्न 6.
(क) “विद्यालय’ पद है या शब्द? कैसे?
(ख) छात्रों को अवकाश अच्छा लगता है। (रखांकित पद है या शब्द) क्यों?
उत्तर:
(क) विद्यालय- शब्द है, क्योंकि इसे एक वाक्य में प्रयुक्त नहीं किया गया।
(ख) रेखांकित पद है, क्योंकि (छात्रों) एक वाक्य का हिस्सा ” है। ‘वाक्य में प्रयुक्त शब्द-पद कहलाता है।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित मुहावरों का वाक्यों में प्रयोग इस प्रकार कीजिए कि उनका अर्थ स्पष्ट हो जाए [2]
(क) दो से चार बनाना
(ख) चुल्लू भर पानी देने वाला न होना
उत्तर:
(क) दो से चार बनाने की विद्या तो कोई हितेष से पूछे, क्योंकि दो ही साल की छोटी-सी नौकरी में वह मालामाल हो गया।
(ख) एक्सीडेंट में कृष्ण के माता-पिता के अलावा सभी की मौत हो गई। अब घर में कोई चुल्लू भर पानी देने वाला ही न रहा।

खण्ड ‘ग’

प्रश्न 8.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए
“ढीठता की हद है। मैं जब से परिचय पूछ रही हूँ और तुम बस एक ही राग अलाप रहे हो। गीत गाओ-गीत गाओ,
आखिर क्यों? क्या तुम्हें गाँव का नियम नहीं मालूम?” इतना बोलकर वह जाने के लिए तेजी से मुड़ी। तताँरा को मानो कुछ होश आया। उसे अपनी गलती का अहसास हुआ। वह उसके सामने रास्ता रोककर मानो गिड़गिड़ाने लगा।
(i) किसने ढीठता दिखाई? वह ढीठता क्या थी? [2]
(ii) तताँरा को अपनी किस गलती का अहसास हुआ? [2]
(iii) गाँव का नियम क्या था? [1]
अथवा
यह सब तो अपनी सुनी हुई लिख रहे हैं, पर सुभाष बाबू का और अपना विशेष फासला नहीं था। सुभाष बाबू बड़े जोर से वंदे मातरम् बोलते थे, यह अपनी आँख से देखा। पुलिस भयानक रूप से लाठियाँ चला रही थी। क्षितीश चटर्जी का फटा हुआ सिर देखकर तथा बहता हुआ खून देखकर आँख मिंच जाती थी। इधर यह हालत हो रही थी कि उधर स्त्रियाँ मोनुमेंट की सीढ़ियों पर चढ़ झंडा फहरा रही थीं और घोषणा पढ़ रही थीं। स्त्रियाँ बहुत बड़ी संख्या में पहुँच गई थीं। प्रायः सबके साथ झंडा था। जो वोलेंटियर गए थे वे अपने स्थान से लाठियाँ पड़ने पर भी नहीं हटते थे।
(i) यह कौन-सा दिन/वर्ष था? यह दिन महत्त्वपूर्ण क्यों था?
(ii) स्त्रियों का क्या योगदान था?
(iii) पाठ में वर्णित किन्हीं दो क्रांतिकारी स्त्रियों के नाम लिखिए
उत्तर:
(i) तताँरा ने वामीरो को छुप-छुप कर देखने और बार-बार उसका नाम पूछने की ढीठता दिखाई। वह वामीरो को बार-बार गाना गाने को कह रहा था जिसे वामीरो ने उसकी ढीठता कहा।
(ii) तताँरा, एक अनजान लड़की के गाने की तारीफ, उसके मना करने के बाद भी किए जा रहा था। वह भूल गया था कि उनके गाँव में एक गाँव का पुरुष, दूसरे गाँव की लड़की से बातें नहीं कर सकता। इस बात का अहसास होते ही, उसने वामीरो का रास्ता छोड़ दिया।
(iii) गाँव का नियम था कि अपने गाँव के बाहर वैवाहिक और प्रेम संबंध नहीं बनाए जा सकते।

अथवा

(i) यह 26 जनवरी, 1931 का दिन था। यह दिन महत्त्वपूर्ण इसलिए था, क्योंकि इस दिन कोलकाता (कलकत्ता) में दूसरा स्वाधीनता दिवस मनाया गया था।
(ii) स्त्रियाँ मोनुमेंट की सीढ़ियों पर झंडा फहरा रही थीं और घोषणा पढ़ रही थीं। एक बड़ी संख्या में स्त्रियाँ इस स्वाधीनता दिवस आयोजन में हिस्सा ले रही थीं।
(iii) जानकी देवी, मदालसा बजाज, विमल प्रतिभा।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए
(i) तीसरी कसम के हीरामन’ की क्या विशेषता थी? उनके अभिनय के बारे में पाठ में क्या कहा गया है?** [2]
(ii) शैलेंद्र के गीतों की दो विशेषताएँ लिखिए ।** [2]
(iii) छोटा भाई पढ़ता नहीं था फिर भी पास कैसे हो जाता था? आप इसका क्या कारण समझते हैं?
उत्तर:
(iii) छोटा भाई कम मेहनत करके भी परीक्षा में अच्छे अंक लेकर उत्तीर्ण हो जाता था। उसका मन पढ़ाई में कम, खेल-कूद में ज्यादा लगता है। वह कुशाग्र बुद्धि का था इसलिए कम मेहनत करके भी परीक्षा में अच्छे अंकों से पास हो जाता था। इससे हमारी रटन्त और अव्यावहारिक शिक्षा प्रणाली का प्रमाण मिलता है।

प्रश्न 10.
‘तीसरी कसम’ फिल्म को सैल्यूलाइड पर लिखी कविता क्यों कहा गया है?** [5]

प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए
(i) मीरा कृष्ण की चाकरी करने को इतनी आतुर क्यों हैं? [2]
(ii) तोप के लिए ‘धर रखी गई है’ वाक्यांश का प्रयोग क्यों किया गया है? [2]
(iii) कबीर के अनुसार ‘राम वियोगी क्यों नहीं जी पाता है? [1]
उत्तर;
(i) मीरा कृष्ण की चाकरी करने के लिए आतुर हैं, क्योंकि वे सेवक बनकर कृष्ण के आस-पास रहना चाहती थीं। ताकि वे अपने प्रिय कृष्ण के दर्शन प्रतिदिन कर सकें। इस प्रकार मीरा चाकरी करके कृष्ण की निकटता पाना चाहती हैं।

(ii) तोप के लिए ‘धर रखी गई है’ वाक्यांश यह सीख देता है। कि आततायी शक्ति चाहे कितनी भी बड़ी क्यों न हो, पर उसका अंत अवश्य होकर रहता है। कंपनी बाग में धरी हुई इस तोप ने हमारे जाँबाजों को मौत के घाट उतारा था। पर एक दिन ऐसा आया कि लोगों ने ब्रिटिश सत्ता को ही उखाड़ फेंका। यह तोप उसी सत्ता का प्रतीक है।

(iii) राम वियोगी वह होता है जो राम से अलग रहकर तड़पता है। वह परमात्मा से वियोग की दशा को सह नहीं पाता।

प्रश्न 12.
“पर्वत प्रदेश में पावस’ कविता के आधार पर लिखिए कि वर्षा ऋतु . के दौरान पहाड़ी क्षेत्रों में क्या परिवर्तन आते हैं?
उत्तर:
पर्वत प्रदेश में पावस प्रकृत-सौंदर्य की कविता का उद्देश्य है-वर्षाकाल में पर्वतों की क्षण-क्षण बदलती। सोभा का वर्णन करना। कवि ने दिखाया है कि विशाल पर्वत पर हजारों फूल खिले हैं। पर्वत करधनी जैसा विशाल है। उसका प्रतिबिंब नीचे वाले तालाब में दिखाई दे रहा है। पहाड़ से गिरने वाले झरने झर-झर करते हुए शोर कर रहे हैं। उनका झााग वाला जल मोती की लड़ियों के समान सुंदर प्रतीत हो रहा है। पहाड़ पर खड़े हुए पेड़ बहुत ऊँचे हैं। वे मानो नीले शांत आकाश को देखते हुए कुछ सोच रहे हैं। कवि ने दिखाया है कि कभी पहाड़नुमा चमकीले बादल आकाश में उड़ चले हैं, कभी वे धरती पर टूट पड़े हैं। शाल के वृक्ष भयभीत होकर धंस गए से लगते हैं। तालाब का धुंआ उसके जलने का संकेत देता है। इस प्रकार वर्षा ऋतु में पर्वतों पर मायावी खेल-से दिखाई देते हैं।

प्रश्न 13.
“एक ही रात में ठाकुरबारी में जो सुख-शांति और संतोष पाया, वह अपने अब तक के जीवन में हरिहर काका ने कभी नहीं पाया था।” इस कथन के संदर्भ सच्चे सुख-शांति और संतोष की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए तथा बताइए कि आप काका की उस स्थिति को कहाँ उचित मानते हैं? और क्यों? [5]
उत्तर:
रात में हरिहर काका को भोग लगाने के लिए जो मिष्ठान्न और व्यंजन मिले, वैसे उन्होंने कभी भी नहीं खाए थे। घी टपकते मालपुए, रस बुनिया, लड्डू, छेने की तरकारी, दही, खीर। पुजारी जी ने स्वयं अपने हाथों से खाना परोसा था। पास में बैठे महंत जी धर्म चर्चा से मन में शांति पहुँचा रहे थे। एक ही रात में ठाकुरबारी में जो सुख-शांति और संतोष उन्होंने पाया, वह अपने अब तक के जीवन में उन्होंने नहीं पाया था।

हम काका की उस स्थिति और उस सोच को बिल्कुल उचित मानते हैं, क्योंकि अपनी पत्नी और संतान ने होने के कारण उन्हें प्रतिदिन रोटी के लिए अपने भाइयों की पत्नियों पर आश्रित रहना पड़ता था और बदले में उन्हें बासी–रूखा-सूखा भोजन ही मिलता था। ऐसे में ठाकुरबारी में प्रेमपूर्वक खिलाए गए स्वादिष्ट पकवान के कारण उन्होंने ऐसा सोचा।

खण्ड “घ”

प्रश्न 14.
निम्नलिखित विषयों में से किसी एक पर संकेत बिंदुओं के आधार पर लगभग 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए : [5]
(क) पुस्तकें पढ़ने की आदत

  • पढ़ने की घटती प्रवृत्ति
  • कारण और हानि
  • पढ़ने की आदत से लाभ

(ख) कम्प्यूटर हमारा मित्र

  • क्यों है।
  • विद्यार्थियों के लिए उपयोग
  • सुझाव

(ग) स्वास्थ्य की रक्षा

  • आवश्यकता
  • पोषक भोजन
  • लाभकारी सुझाव

उत्तर:
(क) पुस्तकें पढ़ने की आदत
किताब/पुस्तक पढ़ना एक ऐसी आदत है, जिसके लाभों की गणना नहीं की जा सकती। अतः छोटे-बड़े सबको विशेषकर बच्चों को किताब पढ़ने की आदत डालनी चाहिए। जिस व्यक्ति या बच्चे ने पुस्तकें पढ़ने की आदत डाल ली उसने स्वयं को नाना प्रकार की बुराइयों से बचा लिया। पुस्तकें पढ़ने वाले का आत्मविश्वास पुस्तकें न पढ़ने वाले की अपेक्षा अष्टि कि होता है। जो व्यक्ति पुस्तकें पढ़ने की आदत डाल लेता है, वह स्वयं को ज्ञान में वृद्धि के स्रोत से जोड़ लेता है, ऐसे लोग अपनी इच्छाओं को और अधिक तार्किक बना लेते हैं। मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि अध्ययन व पुस्तकें आत्मा का भोजन है। शिक्षकों और अभिभावकों को बच्चों के लिए ऐसी किताबों का चयन करना चाहिए, जो बच्चों में जिज्ञासा की भावना की प्रोत्साहित करने का कारण बने।

(ख) कम्प्यूटर हमारा मित्र
आज के युग को यदि हम कम्प्यूटर का युग कहें, तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। शिक्षा, मनोरंजन, चिकित्सा, यातायात, संचार आदि सभी क्षेत्रों में कम्प्यूटर ने अपनी उपयोगिता सिद्ध की है। शिक्षा के क्षेत्र में कम्प्यूटर अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रहे हैं। कम्प्यूटर के माध्यम से पठन-पाठन का स्तर भी अच्छा हुआ है। कार्यालयों में इसके माध्यम से कार्य करना अत्यंत सहज एवं सरल हो गया है। महत्त्वपूर्ण आँकड़ों व तथ्यों को ‘फाइल’ में सुरक्षित रखा जाता है। इसी कारण से प्रत्येक सरकारी, गैर-सरकारी और निजी कार्यालयों में कम्प्यूटर का प्रयोग अनिवार्य हो गया है। इसने संचार के क्षेत्र में एक क्रांति ला दी है। ‘ई-मेल के माध्यम से हजारों मील दूर बैठे अपने संबंधी अथवा मित्रों को हम, कम खर्च और कम समय में संदेश भेज सकते हैं। इंटरनेट के माध्यम से मनुष्य हर प्रकार की जानकारी का आदान-प्रदान • विश्व के किसी भी कोने से करने में सक्षम है। इन सभी कारणों से कम्प्यूटर हमारा मित्र है।

(ग) स्वास्थ्य की रक्षा
खान-पान तथा स्वास्थ्य रक्षा के अन्य नियमों में त्रुटि आने पर ही शरीर में रोगों का जन्म होता है। यदि स्वास्थ्य रक्षा संबंधी सभी नियमों का यथाविधि पालन किया जाए, तो कभी बीमार होने के अवसर ही उपस्थित नहीं होंगे। प्रतिदिन स्नान, व्यायाम और योग करने से हम अपने स्वास्थ्य की काफी हद तक रक्षा कर सकते हैं। अच्छा स्वास्थ्य जीवन के समस्त सुखों का आधार है। धन से वस्तुएँ खरीदी जा सकती हैं, परन्तु उनको उपभोग अच्छे स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। अच्छे स्वास्थ्य की कामना करने वाले बहुत हैं परंतु उसके लिए जागरूक होकर प्रयत्न करने वाले थोड़े ही हैं। अच्छा एवं संतुलित आहार, नियमित दिनचर्या और नियमित व्यायाम स्वास्थ्य को बनाए रखने वाले तीन मूलभूत तत्व हैं। भोजन में फल, अनाज, सब्जी और दूध का समन्वय होना चाहिए। फल, हरी ताजी सब्जियाँ, अंकुरित अनाज तथा दूध की कुछ-न-कुछ मात्रा प्रतिदिन लेने से व्यक्ति का स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है। अतः प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह स्वास्थ्यप्रद जीवनशैली अपनाए और अपने तन को स्वस्थ और मन को आनंदित रखे।

प्रश्न 15.
विद्यालय के गेट पर मध्यावकाश के समय ठेले और रेहड़ी वालों द्वारा जंक फूड बेचे जाने की शिकायत करते हुए प्रधानाचार्य को पत्र लिखकर उन्हें रोकने का अनुरोध कीजिए।
उत्तर:
सेवा में,
प्रधानाचार्य महोदय
क ख ग विद्यालय
अ ब स स्थान
विषय : विद्यालय के गेट पर मध्यावकाश के समय जंक फूड बेचने वालों को रोके जाने के संबंध में पत्र।
महोदय,
सविनय निवेदन है कि हमारे विद्यालय के गेट पर मध्यावकाश के समय ठेले और रेहड़ी वालों द्वारा जंक फूड बेचा जाता है। बाहर जंक फूड मिलने की वजह से अधिकतर विद्यार्थियों ने टिफिन लाना भी बंद कर दिया है। यह जंक फूड विद्यार्थियों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। जंक फूड खाने से कई बच्चों की तबीयत भी खराब हुई है।

अतः आपसे विनम्र अनुरोध है कि आप यथाशीघ्र इन्हें हटवाने का प्रबंध कीजिए।
धन्यवाद!
आपकी आज्ञाकारी शिष्य
क, ख, ग
कक्षा-दसवीं

प्रश्न 16.
विद्यालय में छुट्टी के दिनों में भी प्रातःकाल योग की अभ्यास कक्षाएँ चलने की सूचना देते हुए इच्छुक विद्यार्थियों द्वारा अपना नाम देने हेतु सूचना-पट्ट के लिए एक सूचना लगभग 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
क,ख,ग, पब्लिक स्कूल
अ. ब. स. स्थान
दिनांक : 07 फरवरी, 20xx
सूचना
प्रातःकाल में योगाभ्यास कक्षा
आप सभी को सूचित किया जाता है कि विद्यालय में छुट्टी के दिनों में प्रातः काल में योग की अभ्यास कक्षाएँ चलाई जाएँगी। जो भी विद्यार्थी योगाभ्यास की कक्षाओं का लाभ उठाना चाहते हैं, वे अपना नाम अपने
कक्षाध्यापक/कक्षाध्यापिका को दे सकते हैं। नाम देने की | आखिरी तारीख 26 फरवरी, 20xx है।

योगाभ्यास कार्यक्रम
स्थान – बास्केटबॉल मैदान
समय – प्रातः 6.7 बजे
दिनांक – प्रत्येक शनिवार एवं रविवार
अभिनव छाबड़ा
अधिकृत

प्रश्न 17.
परीक्षा में आपकी शानदार उपलब्धियों पर आपके और पिताजी के बीच हुए संवाद को लगभग 50 शब्दों में लिखिए। [5] |
उत्तर:
पिता – बेटा! आज तुम्हारा परीक्षाफल देखकर मैं बहुत प्रसन्न हूँ और कामना करता हूँ कि भविष्य में भी तुम ऐसे ही सफलता के मार्ग पर आगे बढ़ते रहोगे।
बेटा – धन्यवादपिताजी!यहसबआपकेआशीर्वादऔर मेहनतका परिणाम है। पिताजी इस बार बहुत से होशियार बच्चे भी, उतना अच्छा परिणाम नहीं दे पाए, जितना कि वे दे सकते थे।
पिता – बेटा ऐसा तो हर साल ही होता है।
बेटा – आजकल परीक्षा को योग्यता जाँचने का माध्यम बना दिया गया है। अंकों को व्यक्ति की बुदिधिमता का मापदंड माना जाता है। इसलिए जो विद्यार्थी पढ़कर उत्तीर्ण हो जाते हैं, उन्हें कक्षा में श्रेष्ठ माना जाता
पिता – इसी कारण परीक्षा विद्यार्थियों में भय का कारण बन गई है। जिसके कारण बहुत से होनकार छात्र भी परीक्षा में अच्छे अंक नहीं प्राप्त कर पा रहे हैं।
बेटा – हाँ जी! मुझे लगता है हमें यहाँ यह नहीं सोचना चाहिए कि जिन विद्यार्थियों को कम अंक मिले हैं, वे योग्य नहीं हैं। शिक्षा केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित नहीं है। प्रतिदिन के जीवन के लिए सामान्य ज्ञान भी अत्यंत आवश्यक है।
पिता – शाबाश बेटा! तुम्हारे विचार जानकर मुझे तुम पर गर्व है।

प्रश्न 18.
सड़क पर टहलते हुए आपको एक बैग मिला, जिसमें कुछ रुपये, मोबाइल फोन तथा अन्य कई महत्त्वपूर्ण कागजात थे। लगभग 25 शब्दों में एक विज्ञापन तैयार कीजिए कि अधिकारी व्यक्ति आपसे
संपर्क कर अपना बैग ले जाए। [5]
उत्तर:
खोया-पाया
मैं पार्थ छाबड़ा, दिल्ली निवासी आप सभी को सूचित करना चाहता हूँ कि मुझे 12 जनवरी, 20xx को सड़क पर टहलते। हुए, पीरागढ़ी चौक पर एक काला बैग मिला, जिसमें कुछ जरूरी कागजात, रुपये और एक मोबाइल फोन है। बैग संबंधी अन्य जानकारी हेतु संपर्क करें।
दूरभाष : 011XXXXXXX

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