CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi B Set 1 with Solutions

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CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi B Set 1 with Solutions

समय: 3 घंटे
पूर्णाक: 80

सामान्य निर्देशः

  1. इस प्रश्न-पत्र में दो खंड हैं-खंड ‘अ’ और खंड ‘ब’।
  2. खण्ड ‘ अ ‘ में उपप्रश्नों सहित 45 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए कुल 40 प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
  3. खण्ड ‘ब’ मे वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं, आंतरिक विकल्प भी दिए गए हैं।
  4. निर्देशों को बहुत सावधानी से पढ़िए और उनका पालन कीजिए।
  5. दोनों खंडों के कुल 18 प्रश्न हैं। दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
  6. यथासंभव दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमशः लिखिए।

खण्ड – ‘अ’
(वस्तुपरक प्रश्न)

1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 5 = 5)

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi B Set 1 with Solutions

‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ अभियान देश के विभिन्न राज्यों में सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देता है। भारत एक अनोखा राष्ट्र है, जिसका निर्माण विविध भाषा, संस्कृति, धर्म के तानों – बानों, अहिंसा और न्याय के सिद्धान्तों पर आधारित स्वाधीनता संग्राम तथा सांस्कृतिक विकास के समृद्ध इतिहास द्वारा एकता के सूत्र में बाँधकर हुआ है। हम इतिहास की बात करें या वर्तमान की भारतवर्ष में कला एवं संस्कृति का अनूठा प्रदर्शन हर समय एवं हर स्थान पर हुआ है। नृत्य, संगीत, चित्रकला, मूर्तिकला, वास्तुकला इत्यादि से समृद्ध भारत की पहचान पूरे विश्व में है। भारतीय वास्तुकला एवं मूर्तिकला की परंपरा अत्यंत प्राचीन है। इस कला की कहानी लगभग पाँच हजार वर्ष पूर्व सिंधु घाटी की सभ्यता से आरंभ होती है।

इसके दो प्रमुख नगरों, मोहनजोदड़ो और हड़प्पा में अच्छी सड़कें, दो मंजिले मकान, स्नान- घर, पक्की ईंटों प्रयोग के सबूत मिले हैं। गुजरात के लोथल नामक स्थान की खुदाई से पता चलता है कि वहाँ नावों से सामान उतारने के लिए 216 × 37 मीटर लम्बी-चौड़ी तथा 15 फीट गहरी गोदी बनी हुई थी । ये लोग मिट्टी, पत्थर, धातु, हड्डी, काँच आदि की मूर्तियाँ एवं खिलौने बनाने में कुशल थे। धातु से बनी एक मूर्ति में एक नारी को कमर पर हाथ रखे नृत्य मुद्रा में दर्शाया गया है। दूसरी मूर्ति पशुपतिनाथ शिव की तथा तीसरी मूर्ति दाढ़ी वाले व्यक्ति की है। ये तीनों मूर्तियाँ कला के सर्वश्रेष्ठ नमूने हैं। मूर्ति का श्रेष्ठ होना मूर्तिकार के कौशल पर निर्भर करता मूर्ति की प्रत्येक भावभंगिमा को दर्शाने में मूर्तिकार जी-जान लगा देता है। भारत के प्रत्येक कोने में इस प्रकार की विभिन्न कलाएँ हमारी संस्कृति में प्रतिबिंबित होती हैं। इस अतुलनीय निधि का बचाव और प्रचार-प्रसार ही एक भारत की परिकल्पना है।

(1) भारत को ‘अनोखा राष्ट्र’ कहने से लेखक का तात्पर्य है-
(क) बहुमुखी प्रतिभा का प्रदर्शन
(ख) मूर्तिकला के सर्वश्रेष्ठ नमूने
(ग) संवेदनशील भारतीय नागरिक
(घ) विभिन्नता में एकता का प्रतीक
उत्तर:
(घ) विभिन्नता में एकता का प्रतीक

(2) सिंधु घाटी की सभ्यता प्रतीक है-
(क) मूर्तिकार के कौशल का
(ख) एक भारत श्रेष्ठ भारत का
(ग) प्राचीन सुव्यवस्थित सभ्यता का
(घ) स्वाधीनता संग्राम के नायकों का
उत्तर:
(ग) प्राचीन सुव्यवस्थित सभ्यता का

(3) गद्यांश हमें संदेश देता है-
(क) कलाकार अपनी कला का श्रेष्ठ प्रदर्शन करता है।
(ख) भारतीय नृत्य और संगीत की कला विश्व प्रसिद्ध है।
(ग) भारतीय सभ्यता व संस्कृति का संरक्षण आवश्यक है।
(घ) स्वाधीनता संग्राम में क्रांतिकारियों का विशेष योगदान है ।
उत्तरः
(ग) भारतीय सभ्यता व संस्कृति का संरक्षण आवश्यक है ।

(4) गद्यांश में मूर्तियों का सविस्तार वर्णन दर्शाता है-
(क) सूक्ष्म अवलोकन एवं कला-प्रेम
(ख) प्राचीन मूर्तियों की भावभंगिमा
(ग) स्थूल अवलोकन एवं कला-प्रेम
(घ) सांस्कृतिक एकता एवं सौहार्द्र
उत्तरः
(क) सूक्ष्म अवलोकन एवं कला-प्रेम

(5) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए-
कथन (A): भारतवर्ष में कला एवं संस्कृति का अनूठा प्रदर्शन हर समय हुआ है।
कारण (R): भारतीय वास्तुकला एवं मूर्तिकला की परंपरा अत्यंत प्राचीन है।
(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ख) कथन (A) गलत है लेकिन कारण (R) सही हैं।
(ग) कथन (A) सही है लेकिन कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
उत्तरः
(ग) कथन (A) सही है लेकिन कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है ।

2. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 5 = 5)

परिश्रम यानी मेहनत अपना जवाब आप ही है । उसका अन्य कोई जवाब न है, न हो सकता है अर्थात् जिस काम के लिए परिश्रम करना आवश्यक हो, हम चाहें कि वह अन्य किसी उपाय से पूरा हो जाए, ऐसा हो पाना कतई संभव नहीं। वह तो लगातार और मन लगाकर परिश्रम करने से ही होगा। इसी कारण कहा जाता है कि ‘उद्योगिनं पुरुषसिंहमुपैति लक्ष्मी’ अर्थात् उद्योग या परिश्रम करने वाले पुरुष सिंहों का ही लक्ष्मी वरण करती है। सभी प्रकार की धन-संपत्तियाँ और सफलताएँ लगातार परिश्रम से ही प्राप्त होती हैं । परिश्रम ही सफलता की कुंजी है, यह परीक्षण की कसौटी पर कसा गया सत्य है।

निरंतर प्रगति और विकास की मंजिलें तय करते हुए हमारा संसार आज जिस स्तर और स्थिति तक पहुँच पाया है, वह सब हाथ पर हाथ रखकर बैठे रहने से नहीं हुआ। कई प्रकार के विचार बनाने, अनुसंधान करने, उनके अनुसार लगातार योजनाएँ बनाकर तथा कई तरह के अभावों और कठिनाइयों को सहते हुए निरंतर परिश्रम करते रहने से ही संभव हो पाया है। आज जो लोग सफलता के शिखर पर बैठकर दूसरों पर शासन कर रहे हैं, आदेश दे रहे हैं, ऐसी शक्ति और सत्ता प्राप्त करने के लिए पता नहीं किन-किन रास्तों से चलकर, किस-किस तरह के कष्ट और परिश्रमपूर्ण जीवन जीने के बाद उन्हें इस स्थिति में पहुँच पाने में सफलता मिल पाई है। हाथ-पैर हिलाने पर ही कुछ पाया जा सकता है, उदास या निराश होकर बैठ जाने से नहीं। निरंतर परिश्रम व्यक्ति को चुस्त-दुरुस्त रखकर सजग तो बनाता ही है, निराशाओं से दूर रख आशा – उत्साह भरा जीवन जीना भी सिखाया करता है।

(1) परीक्षण की कसौटी पर कसे जाने से तात्पर्य है-
(क) सत्य सिद्ध होना
(ख) कथन का प्रामाणिक होना
(ग) आकलन प्रक्रिया तीव्र होना
(घ) योग्यता का मूल्यांकन होना
उत्तरः
(ख) कथन का प्रामाणिक होना

(2) “हाथ-पैर हिलाने से कुछ पाया जा सकता है।” पंक्ति के माध्यम से लेखक ………….. की प्रेरणा दे रहे हैं ।
(क) तैराकी
(ख) परिश्रम
(ग) परीक्षण
(घ) हस्तशिल्प
उत्तरः
(ख) परिश्रम

(3) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
(i) परिश्रम व्यक्ति को सकारात्मक बनाता है।
(ii) आज संसार पतन की ओर बढ़ रहा है।
(iii) पुरुषार्थ के बल पर ही व्यक्ति धनार्जन करता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा / कौन-से कथन सही है/हैं ?
(क) केवल (i)
(ख) केवल (ii)
(ग) (i) और (iii)
(घ) (ii) और (iii)
उत्तरः
(ग) (i) और (iii)

(4) निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द गद्यांश में दिए गए ‘अनुसंधान’ शब्द के सही अर्थ को दर्शाता है-
(क) परीक्षण
(ख) योजनाएँ
(ग) अन्वेषण
(घ) सिंहमुपैति
उत्तरः
(ग) अन्वेषण

(5) निम्नलिखित में से किस कथन को गद्यांश की सीख के आधार पर कहा जा सकता है-
(क) अल्पज्ञान खतरनाक होता है।
(ख) गया समय वापस नहीं आता है।
(ग) मेहनत से कल्पना साकार होती है ।
(घ) आवश्यकता आविष्कार की जननी है ।
उत्तर:
(ग) मेहनत से कल्पना साकार होती है

3. निर्देशानुसार ‘पदबंध’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए- (1 × 4 =4)

(1) “वामीरो फटती हुई धरती के किनारे चीखती हुई दौड़ रही थी ।” रेखांकित पदबंध का भेद है-
(क) संज्ञा पदबंध
(ख) सर्वनाम पदबंध
(ग) क्रिया पदबंध
(घ) विशेषण पदबंध
उत्तर:
(ग) क्रिया पदबंध

(2) “निर्भीक और साहसी वज़ीर अली अपने अधिकार के लिए लड़ रहा था।” इस वाक्य में विशेषण पदबंध है-
(क) साहसी वज़ीर अली
(ख) लिए लड़ रहा था
(ग) निर्भीक और साहसी
(घ) अपने अधिकार के लिए
उत्तर:
(ग) निर्भीक और साहसी

(3) क्रिया पदबंध का उदाहरण छाँटिए-
(क) बिल्ली ने उचककर दो में से एक अंडा तोड़ दिया ।
(ख) यह काम तो हमेशा आदर्शवादी लोगों ने ही किया है।
(ग) दोनों कबूतर रातभर खामोश और उदास बैठे रहते हैं।
(घ) शैलेंद्र तो फिल्म निर्माता बनने के लिए सर्वथा अयोग्य थे ।
उत्तर:
(ग) दोनों कबूतर रातभर खामोश और उदास बैठे रहते हैं।

(4) “बादशाह सुलेमान मानव जाति के साथ-साथ पशु-पक्षियों के भी राजा हैं ।” रेखांकित पदबंध का भेद है—
(क) संज्ञा पदबंध
(ख) सर्वनाम पदबंध
(ग) विशेषण पदबंध
(घ) क्रियाविशेषण पदबंध
उत्तर:
(क) संज्ञा पदबंध

(5) “हरिहर काका धीरे-धीरे चलते हुए आँगन तक पहुँचे।” रेखांकित पदबंध का भेद है –
(क) संज्ञा पदबंध
(ख) क्रिया पदबंध
(ग) विशेषण पदबंध
(घ) क्रियाविशेषण पदबंध
उत्तरः
(घ) क्रियाविशेषण पदबंध

4. निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए- (1 × 4 = 4)

(1) “जब उसने तताँरा को देखा तो वह फूटकर रोने लगी।” इस वाक्य का सरल वाक्य होगा-
(क) तताँरा को देखते ही वह फूटकर रोने लगी ।
(ख) तताँरा को देखकर वामीरो फूटकर रोने लगी ।
(ग) वामीरो ने तताँरा को देखा और फूटकर रोने लगी ।
(घ) जैसे ही वामीरो ने तताँरा को देखा वह फूटकर रोने लगी
उत्तर:
(क) तताँरा को देखते ही वह फूटकर रोने लगी ।

(2) ‘हम जब अकेले पड़ते हैं तब अपने आप से लगातार बड़बड़ाते रहते हैं।’ रचना के आधार पर वाक्य भेद हैं-
(क) सरल वाक्य
(ख) संयुक्त वाक्य
(ग) मिश्रित वाक्य
(घ) सामान्य वाक्य
उत्तर:
(ग) मिश्रित वाक्य

(3) “आपके अच्छे कार्यक्रमों को सभी पसंद करते हैं।” दिए गए वाक्य का मिश्रित वाक्य होगा-
(क) आपके अच्छे कार्यक्रम सभी के पसंदीदा होते हैं।
(ख) जब कार्यक्रम होते ही अच्छे हैं सभी पसंद करते ही हैं।
(ग) आपके कार्यक्रम इतने अच्छे होते हैं कि सभी पसंद करते हैं ।
(घ) आपके कार्यक्रम इतने अच्छे हैं इसलिए सभी को पसंद आते हैं।
उत्तर:
(ग) आपके कार्यक्रम इतने अच्छे होते हैं कि सभी पसंद करते हैं।

(4) निम्नलिखित वाक्यों में से संयुक्त वाक्य है-
(क) आपने मुझे कारतूस दिए इसलिए आपकी जान बख्शी करता हूँ ।
(ख) उसके अफसाने सुनके रॉबिनहुड के कारनामे याद आ जाते हैं।
(ग) वह एक छह मंजिली इमारत थी जिसकी छत पर एक सुंदर पर्णकुटी थी ।
(घ) ग्वालियर से बंबई की दूरी ने संसार को काफी कुछ बदल दिया था ।
उत्तर:
(क) आपने मुझे कारतूस दिए इसलिए आपकी जान बख्शी करता हूँ ।

(5) “सभी लिख चुके हैं लेकिन कनक अभी तक लिख रही है।” रचना के आधार पर इस वाक्य का भेद होगा-
(क) सरल वाक्य
(ख) संयुक्त वाक्य
(ग) मिश्र वाक्य
(घ) विधानवाचक वाक्य
उत्तर:
(ख) संयुक्त वाक्य

5. निर्देशानुसार समास पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए- (1 × 4 = 4)

(1) ‘महावीर’ शब्द / समस्तपद कौन-से समास का उदाहरण है?
(क) द्विगु समास
(ख) कर्मधारय समास
(ग) तत्पुरुष समास
(घ) अव्ययीभाव समास
उत्तर:
(ख) कर्मधारय समास

(2) ‘चंद्रखिलौना’ समस्त पद का विग्रह होगा-
(क) चंद्र का खिलौना
(ख) चंद्र और खिलौना
(ग) चंद्र रूपी खिलौना
(घ) चंद्र के लिए खिलौना
उत्तर:
(ग) चंद्र रूपी खिलौना

(3) निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए-

समस्तपद समास
(i) गृहप्रवेश (i) द्वन्द्व समास
(ii) साफ-साफ (ii) अव्ययीभाव समास
(iii) त्रिकोण (iii) तत्पुरुष समास
(iv) मृगलोचन (iv) बहुव्रीहि समास

उपर्युक्त युग्मों में से कौन-से सही सुमेलित हैं-
(क) (i) और (ii)
(ख) (i) और (iii)
(ग) (ii) और (iv)
(घ) (iii) और (iv)
उत्तर:
(ग) (ii) और (iv)

(4) ‘सत्याग्रह’ शब्द के लिए सही समास विग्रह और समास का चयन कीजिए-
(क) सत्य और ग्रह – द्वन्द्व समास
(ख) सत्य का आग्रह – तत्पुरुष समास
(ग) सत्य आग्रह – अव्ययीभाव समास
(घ) सत्य के लिए आग्रह – तत्पुरुष समास
उत्तरः
(घ) सत्य के लिए आग्रह तत्पुरुष समास

(5) ‘चतुर्मुख’ का समास विग्रह एवं भेद होगा-
(क) चतुर है जो – बहुव्रीहि समास
(ख) चार मुख – तत्पुरुष समास
(ग) चार हैं मुख जिसके अर्थात ब्रह्मा – बहुव्रीहि समास
(घ) चतुराई झलकती है जिसके मुख से अर्थात् व्यक्ति विशेष – बहुव्रीहि समास
उत्तर:
(ग) चार हैं मुख जिसके अर्थात ब्रह्मा – बहुव्रीहि समास

6. निर्देशानुसार मुहावरे पर आधारित छः बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए- (1 × 4 = 4)

(1) मुहावरे और अर्थ के उचित मेल वाले विकल्प का चयन कीजिए-
(क) गिरह बाँधना मार डालना
(ख) तलवार खींचना – सब कुछ नष्ट करना
(ग) पन्ने रंगना – व्यर्थ में लिखना
(घ) कदम उठाना – सामना करना
उत्तर:
(ग) पन्ने रंगना व्यर्थ में लिखना

(2) ‘अयोग्य को कोई महत्वपूर्ण वस्तु मिलना’ के लिए उपयुक्त मुहावरा है-
(क) दाँतों तले उँगली दबाना
(ख) अंधे के हाथ बटेर लगना
(ग) अंधे की लाठी बनना
(घ) मोह-माया के बंधन में पड़ना
उत्तर:
(ख) अंधे के हाथ बटेर लगना

(3) तू मित्र है या शत्रु है ? जहाँ भी जाता हूँ, वहीं मेरे सामने……… । रिक्त स्थान की पूर्ति के लिए उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए-
(क) डेरा डालता है।
(ख) हवा में उड़ता है।
(ग) त्यौरियाँ चढ़ा लेता है।
(घ) दीवार खड़ी कर देता है ।
उत्तर:
(घ) दीवार खड़ी कर देता है।

(4) “पढ़ाई में मेहनत कर मैं ………… हो सकता हूँ ।” उचित मुहावरे से रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए ।
(क) खून का घूँट
(ख) एक पंथ दो काज
(ग) पैरों पर खड़ा होना
(घ) अपना हाथ जगन्नाथ
उत्तर:
(ग) पैरों पर खड़ा होना

(5) रेखांकित अंश के लिए कौन-सा मुहावरा प्रयुक्त करना उचित रहेगा ? तुम सारा दिन काम में जुटे रहते हो, कभी आराम भी कर लिया करो ।
(क) कोल्हू का बैल
(ख) खेत का बैल
(ग) तीन तेरह होना
(घ) हक्का-बक्का
उत्तर:
(क) कोल्हू का बैल

(6) ‘अत्यधिक दुखी होना’ अर्थ के लिए उपयुक्त मुहावरा है-
(क) कड़वे घूँट पीना
(ख) आपे से बाहर होना
(ग) कलेजा मुँह को आना
(घ) अक्ल पर पत्थर पड़ना
उत्तर:
(ग) कलेजा मुँह को आना

7. निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए- (1 × 5 = 5)

चलो अभीष्ट मार्ग में सहर्ष खेलते हुए,
विपत्ति, विघ्न जो पड़े उन्हें ढकेलते हुए ।
घटे न हेलमेल हाँ, बढ़े न भिन्नता कभी,
अतर्क एक पंथ के सतर्क पंथ हों सभी ।
तभी समर्थ भाव है कि तारता हुआ तरे,
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे

(1) कवि सभी को एक होकर चलने की प्रेरणा देते हैं। इससे ज्ञात होता है कि कवि ……….के पक्षधर हैं ।
(क) निरन्वय
(ख) समन्वय
(ग) क्रमान्वय
(घ) दूरान्वय
उत्तरः
(ख) समन्वय

(2) अभीष्ट मार्ग से तात्पर्य है-
(क) स्वर्गगत मार्ग
(ख) प्रमाणित मार्ग
(ग) क्रीड़ाक्षेत्रीय मार्ग
(घ) मनोवांछित मार्ग
उत्तरः
(घ) मनोवांछित मार्ग

(3) समर्थ भाव है, दूसरों को-
(क) सफल करते हुए स्वयं सफल होना
(ख) ज्ञान मार्ग बताते हुए सफल बनाना
(ग) शक्ति प्रदर्शन द्वारा सफलता दिलाना
(घ) सफल करते हुए अपना स्वार्थ सिद्ध करना
उत्तरः
(क) सफल करते हुए स्वयं सफल होना

(4) ‘भिन्नता ना बढ़े’ का आशय है-
(क) मत भिन्नता हो
(ख) मतभेद कम हों
(ग) भेदभाव भिन्न हों
(घ) मतभेद अधिक हो
उत्तर:
(ख) मतभेद कम हों

(5) निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़िए-
(i) हमें मृत्यु से कभी नहीं डरना चाहिए ।
(ii) बाह्य आडंबरों का विरोध करना चाहिए।
(iii) मार्ग की विपत्तियों को ढकेलते हुए आगे बढ़ना चाहिए ।
(iv) प्राकृतिक सौंदर्य के लिए ईश्वर को धन्यवाद देना चाहिए ।
(v) हमें अपने जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।
पद्यांश से मेल खाते वाक्यों के लिए उचित विकल्प चुनिए-
(क) (i), (ii), (v)
(ख) (i), (ii), (v)
(ग) (ii), (iii), (iv)
(घ) (ii), (iv), (v)
उत्तर:
(ख) (i), (ii), (v)

8. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उचित विकल्प का चयन कीजिए- (1 × 2 = 2)

(1) ‘तुम्हीं राम, तुम्हीं लक्ष्मण’ कवि ने ऐसा कहा है क्योंकि-
(क) देश की रक्षा सभी देशवासियों का कर्तव्य है ।
(ख) राम और लक्ष्मण द्वारा सीता की रक्षा की गई है।
(ग) सैनिक युद्ध भूमि में वीरगति को प्राप्त हो चुके हैं।
(घ) आत्मबलिदान के अवसर निरंतर बने रहते हैं ।
उत्तर:
(क) देश की रक्षा सभी देशवासियों का कर्तव्य है ।

(2) ‘तव मुख पहचानूँ छिन छिन में’ का भाव है-
(क) प्रभु की सत्ता पर संदेह न करना ।
(ख) प्रत्येक जीव में परमात्मा को देखना ।
(ग) ईश्वर के दर्शनों की अभिलाषा रखना ।
(घ) सत्मार्ग पर चलकर जीवन यापन करना ।
उत्तर:
(क) प्रभु की सत्ता पर संदेह न करना ।

 

9. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए- (1 × 5 = 5)

‘रातें दसों दिशाओं से कहेंगी अपनी कहानियाँ’ पर संगीतकार जयकिशन ने आपत्ति की। उनका ख्याल था कि दर्शक ‘चार दिशाएँ’ तो समझ सकते हैं-‘दस दिशाएँ’ नहीं। लेकिन शैलेंद्र परिवर्तन के लिए तैयार नहीं हुए। उनका दृढ़ मंतव्य था कि दर्शकों की रुचि की आड़ में हमें उथलेपन को उन पर नहीं थोपना चाहिए । कलाकार का यह कर्तव्य भी है कि वह उपभोक्ता की रुचियों का परिष्कार करने का प्रयत्न करें और उनका यकीन गलत नहीं था। यही नहीं, वे बहुत अच्छे गीत भी जो उन्होंने लिखे बेहद लोकप्रिय हुए। शैलेंद्र ने झूठे अभिजात्य को कभी नहीं अपनाया। उनके गीत भाव – प्रवण थे – दुरूह नहीं । ‘मेरा जूता है जापानी, ये पतलून इंगलिस्तानी, सर पे लाल टोपी रूसी, फिर भी दिल है हिंदुस्तानी’ – यह गीत शैलेंद्र ही लिख सकते थे। शांत नदी का प्रवाह और समुद्र की गहराई लिए हुए । यही विशेषता उनकी जिंदगी की थी और यही उन्होंने अपनी फिल्म के द्वारा भी साबित किया था ।

(1) गीत ‘रातें दसों दिशाओं से कहेंगी अपनी कहानियाँ’ पर संगीतकार जयकिशन ने आपत्ति की क्योंकि उनके अनुसार-
(क) दस दिशाओं का गहन ज्ञान दर्शकों को नहीं होगा ।
(ख) इससे दर्शकों की रुचियों का परिष्कार नहीं होगा ।
(ग) जागरूक दर्शक ऐसी स्पष्ट बातें पसंद नहीं करते थे ।
(घ) दर्शकों की रुचि के लिए उन पर उथलापन नहीं थोपना चाहिए ।
उत्तर:
(क) दस दिशाओं का गहन ज्ञान दर्शकों को नहीं होगा ।

(2) “उनका यह दृढ़ मंतव्य था कि दर्शकों की रुचि की आड़ में हमें उथलेपन को उन पर नहीं थोपना चाहिए। कलाकार का यह कर्तव्य भी है कि वह उपभोक्ता की रुचियों का परिष्कार करने का प्रयत्न करे ।” कथन के माध्यम से ज्ञात होता है कि शैलेंद्र हैं-
(क) दृढ़निश्चयी, सफल फिल्म निर्माता व कवि
(ख) सफल फिल्म निर्माता, गीतकार व कवि
(ग) समाज-सुधारक, कर्मयोगी गीतकार व कवि
(घ) आदर्शवादी, उच्चकोटि के गीतकार व कवि
उत्तर:
(घ) आदर्शवादी, उच्चकोटि के गीतकार व कवि

(3) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए-
कथन (A): उनके गीत भाव – प्रवण थे – दुरूह नहीं ।
कारण (R): शैलेंद्र के द्वारा लिखे गीत भावनाओं से ओत-प्रोत थे, उनमें गहराई थी । गीतों की भाषा सहज, सरल थी, क्लिष्ट नहीं थी ।
(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं ।
(ख) कथन (A) गलत है लेकिन कारण (R) सही हैं ।
(ग) कथन (A) सही है लेकिन कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है I
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है ।
उत्तर:
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है ।

(4) ‘मेरा जूता है जापानी ……………’ यह गीत शैलेंद्र ही लिख सकते थे । लेखक द्वारा ऐसा कहा जाना दर्शाता है, शैलेंद्र के प्रति उनका-
(क) कर्तव्यबोध
(ख) मैत्रीभाव
(ग) व्यक्तित्व
(घ) अवलोकन
उत्तरः
(घ) अवलोकन

(5) गद्यांश के आधार पर शैलेंद्र के निजी जीवन की छाप मिलती है कि वे थे-
(क) बेहद गंभीर, उदार, दृढ़ इच्छाशक्ति और संकीर्ण हृदय
(ख) बेहद गंभीर, उदार, कृपण और संकीर्ण हृदय
(ग) बेहद गंभीर, भावुक, कृपण और दृढ़ इच्छाशक्ति
(घ) बेहद गंभीर, उदार, दृढ़ इच्छाशक्ति और भावुक
उत्तरः
(घ) बेहद गंभीर, उदार, दृढ़ इच्छाशक्ति और भावुक

10. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उचित विकल्प का चयन कीजिए- (1 × 2 = 2)

(1) निम्नलिखित में से कौन-से वाक्य ‘बड़े भाई साहब’ कहानी से प्राप्त प्रेरणा को दर्शाते हैं-
(i) कथनी और करनी का अंतर हमारी स्थिति को हास्यास्पद बना सकता है।
(ii) पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद भी छात्र जीवन के आवश्यक अंग हैं।
(iii) केवल परीक्षा से पहले ध्यान लगाकर पढ़ लेने से प्रथम आ सकते हैं।
(iv) बड़े भाई साहब ज्ञान की बातें लेखक को आसानी से समझा देते हैं।
(क) केवल (i)
(ख) (i) और (ii)
(ग) केवल (iv)
(घ) (ii), (iii), (iv)
उत्तरः
(ख) (i) और (ii)

(2) सआदत अली को अवध के तख्त पर बिठाने के पीछे कर्नल का उद्देश्य था –
(क) अपने परम मित्र सआदत अली की हरसंभव सहायता करना।
(ख) जाँबाज योद्धा के रूप में मित्र सआदत अली को प्रसिद्ध करना ।
(ग) कंपनी के वकील का कत्ल करवाने के लिए मिलकर षड्यंत्र रचना
(घ) अप्रत्यक्ष रूप से अवध पर कंपनी का आधिपत्य स्थापित करना ।
उत्तरः
(घ) अप्रत्यक्ष रूप से अवध पर कंपनी का आधिपत्य स्थापित करना

खण्ड – ‘ब’
(वर्णनात्मक प्रश्न)

11. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए- (3 × 2 = 6)

(1) भ्रमण हम सभी के जीवन का अभिन्न अंग है। अपनी व्यस्ततम दिनचर्या के बीच चैन से भरे कुछ पल शायद हम इसी प्रकार निकाल सकते हैं। शांत वातावरण में अपने तथा अपनों के लिए जीवन व्यतीत करना आवश्यक है। आपके द्वारा इस पाठ्यक्रम में पढ़े गए पाठ में चैन भरे पल बिताने के लिए लेखक ने क्या किया? क्या वास्तव में सभी को इसकी आवश्यकता है? अपने विचार व्यक्त कीजिए ।
उत्तर:
हमारे पाठ्यक्रम में ‘पतझड़ में टूटी पत्तियाँ’ शीर्षक के अंतर्गत ‘झेन की देन’ पाठ में लेखक सुकून के कुछ पल बिताने के लिए जापान की ‘टी सेरेमनी – चा-नो- यू’ में भाग लेने जाता है। जहाँ अत्यंत शांत, गरिमापूर्ण वातावरण में केवल तीन व्यक्ति करीब डेढ़ घंटे तक प्यालों में भरी दो घूँट चाय एक-एक बूँद करके पीते रहते हैं । इस प्रक्रिया में दिमाग की रफ्तार धीमी पड़ती हुई पूरी तरह से बंद हो जाती है । लेखक को ऐसा लगा कि मानो वह अतीत और भविष्य की सभी चिंताओं और परेशानियों से मुक्त होकर विस्तृत अनंत काल अर्थात स्वस्थ और आनंदपूर्ण वर्तमान में जी रहा है। पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाववश भारत में भी लोगों की गतिशीलता बढ़ जाने से मानसिक दबाव बहुत अधिक है। ऐसे में हम सभी को तनाव – मुक्त महसूस करने के लिए शांति के कुछ पल बिताना अत्यंत आवश्यक है। अतीत और भविष्य को भुलाकर, वर्तमान के अनंत काल को साध लेने वाला व्यक्ति ही स्वस्थ और आनंदमय जीवन व्यतीत कर सकता है।

(2) ‘डायरी का एक पन्ना’ के माध्यम से आपने गुलाम भारत के स्वतंत्रता दिवस के आयोजन के विषय में जाना। आज हम आज़ाद भारत में आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। देश के प्रति अपने कर्तव्यों को बताते हुए पाठ से प्राप्त सीख का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
‘डायरी का एक पन्ना’ पाठ में हमने पढ़ा कि किस प्रकार 26 जनवरी, 1931 के दिन कोलकाता में अंग्रेजी शासन के विरोध के बावजूद गुलाम भारत का स्वतंत्रता दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। जगह-जगह घरों और सार्वजनिक भवनों पर झंडे लगाए गए, पुलिस की निषेधाज्ञा के बावजूद जुलूस निकाला गया, सामान्य जन ने लाठियाँ खाईं, मॉन्यूमेंट के पास सभा की और प्रतिज्ञा पढ़ी। आज हम स्वतंत्र भारत का ‘अमृत महोत्सव’ मना रहे हैं, ऐसे में हम सब का यह कर्तव्य है कि अनेक वीरों के बलिदान से प्राप्त हुई अपनी अमूल्य आजादी अक्षुण्णता को बनाए रखें। अपने राष्ट्र के प्रति पूर्ण निष्ठा रखें और सदैव उसकी उन्नति के लिए प्रयास करें। इस पाठ से सीख लेकर यदि आज हम सब संगठित होकर अपने देश को विश्व का अग्रणी राष्ट्र बनाने के लिए कृत संकल्प हों जाएँ तो वह दिन दूर नहीं कि जब हम अपने लक्ष्य को पा लेंगे।

(3) इस वर्ष आपने पाठ्यक्रम में लोककथा पर आधारित एक कहानी पढ़ी है । यह कहानी समाज की विसंगतियों को दूर करने का संदेश देती है । कथन का मूल्यांकन करते हुए अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
हमारे पाठ्यक्रम में संकलित ‘तताँरा – वामीरो कथा’ एक प्रसिद्ध लोक कथा है, जिसके माध्यम से लेखक ने समाज में व्याप्त विसंगतियों को दूर करने का संदेश दिया है। इस लोक कथा में हमने देखा कि तताँरा और वामीरो का विवाह एक रूढ़ि या विसंगति के कारण नहीं हो पाया और अंततः उन्हें अपना बलिदान देना पड़ा। यदि कोई समाज जाति, धर्म अथवा क्षेत्र के आधार पर प्रेम की पवित्र भावना को संकीर्णता के दायरे में बंद करें तो हमें उसे बढ़ावा नहीं देना चाहिए क्योंकि इसके परिणाम सुखद नहीं होते । यदि हमें अपना विकास करना है तो हमें इन रूढ़िवादी विचारधाराओं और विसंगतियों से अपने समाज को मुक्त करना ही होगा। इनसे लोगों का हित कम और अहित अधिक होता है और ये मानव के संपूर्ण विकास, आनंद और इच्छाओं की पूर्ति होने में बाधा उत्पन्न करती हैं।

12. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए- (3 × 2 = 6)

(1) आपके द्वारा इस पाठ्यक्रम में पढ़ी गई किस कविता की अंतिम पंक्तियाँ आपको सर्वाधिक प्रभावित करती हैं और क्यों ? लगभग 60 शब्दों में व्यक्त कीजिए ।
उत्तर:
नोट: इस प्रश्न का उत्तर प्रत्येक छात्र के विचारों के आधार पर भिन्न हो सकता है।
हमें अपनी पाठ्य पुस्तक में संकलित ‘मनुष्यता’ कविता की अंतिम पंक्तियाँ-
‘चलो अभीष्ट मार्ग में सहर्ष खेलते हुए, विपत्ति, विघ्न जो पड़ें उन्हें ढकेलते हुए …..
तभी समर्थ भाव है कि तारता हुआ तरे, वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे ॥
बहुत प्रभावित करती हैं। इसमें कवि ने मानव को जीवन में विघ्न-बाधाओं से घबराए बिना निरंतर लक्ष्य – पथ पर बढ़ने का संदेश दिया है। इसके साथ ही कवि ने इन पंक्तियों में यह भी संदेश दिया है कि उसी व्यक्ति का जीना या मरना सार्थक है, जो दूसरों के लिए जीता है। परोपकार, दयालुता तथा उदारता यह तीन ऐसे मानवीय गुण हैं, जो मानव जीवन को सार्थक बनाने में सक्षम हैं। दूसरों का हित चिंतन करना भी ‘मनुष्यता’ की निशानी है। मानव के मन में सबके कल्याण की भावना होनी चाहिए ।

(2) कबीर और मीरा की भक्ति की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए ।
उत्तरः
कबीरदास जी निराकार ब्रह्म के उपासक अर्थात् निर्गुण भक्ति के समर्थक थे । उन्होंने अपने काव्य में ईश्वर के निराकार रूप का वर्णन किया है। उन्होंने धार्मिक बाह्याडम्बरों जैसे – जप-तप, व्रत, पूजा, कर्म-कांडों आदि और जाति-धर्म के आधार पर होने वाले भेदभाव का खुलकर विरोध किया और उन पर तीखी चोट की।

मीरा ईश्वर के सगुण रूप ( श्रीकृष्ण) की अनन्य आराधिका थीं। उनकी भक्ति दैन्य और माधुर्य भाव की भक्ति थी । उन्होंने अपने काव्य में अपने आराध्य श्रीकृष्ण के रूप-सौन्दर्य का वर्णन किया है। वे गिरधर के एकनिष्ठ प्रेम से अभिभूत दिखाई देती हैं। एक ओर जहाँ वे उनकी दासी या चाकर बन कर रहना चाहती हैं वहीं अवसर पड़ने पर उन्हें उलाहना देने से भी नहीं चूकतीं।

(3) आपके पाठ्यक्रम में किस कविता में वर्षा के प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन किया गया है? अपने शब्दों में वर्णन कीजिए ।
उत्तर:
‘पर्वत प्रदेश में पावस’ कविता में कविवर सुमित्रानंदन पंत ने पर्वतीय क्षेत्र में प्रकृति के पल-पल परिवर्तित होते स्वरूप का मानवीकरण के प्रयोग द्वारा जीवंत चित्रण किया है । कवि को वहाँ का दृश्य देखकर ऐसा लगता है मानो विशालकाय पर्वत अपने ऊपर खिले सुमन रूपी नेत्रों से तालाब के पारदर्शी जल में अपना प्रतिबिंब निहार रहा है। पहाड़ों के बीच में बहते सफेद मोतियों की लड़ियों जैसे कलकल करते झरने पहाड़ों का गौरव-गान करते हैं। पर्वत के उर से निकलते वृक्ष मानव के मन की महत्वाकांक्षाओं के समान प्रतीत होते हैं। अचानक बादलों के आने से पर्वत और झरने अदृश्य हो जाते हैं मानो वे विशालकाय पक्षी की भाँति पंख फड़फड़ा कर उड़ गए हैं। मूसलाधार वर्षा से शाल के पेड़ धरती में धँसने लगते हैं। तालाब में धुआँ उठने लगता है, ऐसा लगता है जैसे इंद्र अपनी जादूगरी दिखा रहा हो । यह सम्पूर्ण दृश्य बड़ा मनोहारी है।

13. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए- (3 × 2 = 6)

(1) लोगों के बीच बहस छिड़ जाती है। उत्तराधिकारी के कानून पर जो जितना जानता है, उससे दस गुना अधिक उगल देता है । फिर भी कोई समाधान नहीं निकलता। रहस्य खत्म नहीं होता, आशंकाएँ बनी ही रहती हैं। लेकिन लोग आशंकाओं को नज़रअंदाज कर अपनी पक्षधरता शुरू कर देते हैं।
हरिहर काका सभी के लिए चर्चा का केंद्र बने हुए थे । हरिहर काका मामले में गाँव वालों की राय तर्कसहित स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
हरिहर काका के मामले में गाँव के लोग दो वर्गों में बँट गए थे। दोनों ही पक्षों के लोग अपनी-अपनी राय प्रकट कर रहे थे। आधे लोग परिवार वालों के पक्ष में थे और उनका कहना था कि काका की जमीन पर उनके परिवार का ही हक बनता है इसलिए काका को अपनी जमीन-जायदाद अपने भाइयों के नाम लिख देनी चाहिए ऐसा न करना अन्याय होगा। जबकि दूसरे पक्ष के लोगों का मानना था कि महंत, हरिहर की जमीन उनको मोक्ष दिलाने के लिए लेना चाहता है । अत: काका को अपनी जमीन ठाकुर जी के नाम लिख देनी चाहिए, इससे उनका नाम और यश भी फैलेगा और उन्हें सीधे बैकुंठ की प्राप्ति होगी । प्रत्येक का अपना-अपना मन था इसका कारण यह था कि हरिहर का विधुर थे और उनकी अपनी कोई संतान न थी ।

(2) स्काउट परेड करते समय लेखक स्वयं को महत्वपूर्ण ‘आदमी’ फौजी जवान समझने लगता था । कथन के आलोक में अपने विचार प्रकट करते हुए बताइए कि विद्यालय जीवन में प्रशिक्षण व गतिविधियों की क्या उपयोगिता है ?
उत्तरः
लेखक गुरदयाल सिंह फौजी बनना चाहते थे । उन्होंने सूट-बूट और शानदार वर्दी पहने लेफ्ट राइट करते फौजी जवानों को परेड में देखा था इसी कारण स्काउट परेड के समय फौजी की धुली वर्दी, पुलिस के बूट तथा जुराबें पहनने के बाद भी पी.टी. मास्टर जब लेफ्ट-राइट की आवाज में सीटी बजाकर मार्च करवाते तो अपने बूट से थपकी की आवाज करते हुए वे स्वयं को महत्वपूर्ण फौजी समझने लगते थे। विद्यालयी शिक्षा में शिक्षा के साथ-साथ अन्य गतिविधियों का बहुत अधिक महत्वपूर्ण स्थान है। शिक्षा का उद्देश्य केवल मानसिक विकास करना ही नहीं बल्कि सर्वांगीण विकास करना होता है। इससे हम में परस्पर सहयोग, स्वस्थ प्रतियोगिता की भावना, सामूहिक मेलजोल, हार-जीत को समान समझना, प्रेम और सद्भाव जैसे जीवन मूल्यों का उदय होता है। इन जीवन मूल्यों को अपनाकर व्यक्ति आदर्श नागरिक बन सकता है।

(3) बालमन किसी स्वार्थ या हिसाब से चलायमान नहीं होता। बचपन प्रेम के रिश्ते के अलावा किसी और रिश्ते को कुबूल नहीं करता । ‘टोपी शुक्ला’ पाठ में टोपी अपने परिवार के एक सदस्य को बदलने की बात करता है । उसकी सोच के आधार पर उसकी मनोदशा का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
बालमन सिर्फ प्रेम जानता है, वह स्वार्थ सिद्धि के लिए अपने रिश्ते नहीं बनाता। बचपन केवल प्रेम की भाषा और रिश्ते समझता है, जाति या धर्म नहीं। टोपी शुक्ला को अपने घर में अपनापन नहीं मिलता था। उसकी दादी उसे बात-बात पर डाँटती और अपमानित करती रहती थीं। टोपी को अपनेपन की तलाश थी। उसकी यह तलाश अपने मित्र इफ़्फ़न के घर जाकर पूरी हुई। उसकी दादी बहुत अच्छी थीं। उसकी अपनी दादी ने कभी भी उसके मनोभावों को समझने का प्रयास नहीं किया, इसके विपरीत इफ़्फ़न की दादी से उसे बहुत प्यार व अपनापन मिला, वे उसे कहानियाँ सुनाती थीं । टोपी को इफ़्फ़न की दादी की बोली तिल के लड्डू, शक्कर या गुड़ जैसी लगती थी। उनका मन ममता से भरपूर था। वे मृदुभाषी और उदार विचारों वाली थीं। टोपी को उनसे भरपूर दुलार मिलता था । उसे अपनी दादी से नफरत थी, इसलिए टोपी अपनी दादी को इफ़्फ़न की दादी से बदलना चाहता था ।

14. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर संकेत – बिंदुओं के आधार पर लगभग 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए- [5 × 1 = 5]

(1) विद्यार्थी जीवन और चरित्र निर्माण
संपूर्ण जीवन की आधारशिला
चरित्र निर्माण की आवश्यकता
देश व समाज के लिए उपयोगी
उत्तरः

विद्यार्थी जीवन और चरित्र निर्माण

विद्यार्थी जीवन मानव जीवन की वह अवस्था है जब उसके भावी जीवन की आधारशिला रखी जाती है। इस समय प्राप्त की गई शिक्षा जीवन में सदैव उसका मार्गदर्शन करती है। शिक्षा के माध्यम से ही चरित्र का निर्माण होता है। शिशु को प्रथम संस्कार और शिक्षा अपने घर और परिवार से प्राप्त होती है। इसी तरह विद्यालय में भी विद्यार्थी अपने शिक्षक-शिक्षिकाओं, प्रयोगशाला, वार्तालाप, गोष्ठी, संवाद, नाट्य मंचन के द्वारा भी बहुत कुछ सीखता है। सीखने और चरित्र निर्माण में मित्रों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है । विद्यार्थी जीवन में ईमानदारी, सच्चाई, परोपकार, करुणा, सहानुभूति, शील और सम्मान करने की भावना जैसे गुणों का विकास किया जाना चाहिए । चरित्र निर्माण की आवश्यकता इसलिए है क्योंकि परिश्रम से व्यक्ति सफलता के शिखर पर तो पहुँच सकता है परंतु वहाँ पर स्थाई रूप से बने रहने के लिए उत्तम एवं आदर्श चरित्र की आवश्यकता होती है । चरित्र निर्माण का विशेष लाभ यह है कि व्यक्ति सफलता के साथ-साथ हर जगह सम्मान भी प्राप्त करता है। इससे उसका मनोबल ऊँचा रहता है और वह सदैव दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत बन जाता है। अतः अपने भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए विद्यार्थी को आदर्श और उत्तम मानवीय मूल्यों को अपनाना चाहिए तथा इसके लिए उसे शिक्षाप्रद कहानियाँ और महापुरुषों के जीवन से भी प्रेरणा लेनी चाहिए ।

(2) ट्वेंटी-ट्वेंटी क्रिकेट का रोमांच

मैच कब और कहाँ
मों का संघर्ष
दर्शकों की प्रतिक्रिया

उत्तरः

ट्वेंटी-ट्वेंटी क्रिकेट का रोमांच

आज क्रिकेट भारत का सर्वाधिक लोकप्रिय खेल है। प्रारंभ में क्रिकेट को मुख्यतः टेस्ट क्रिकेट के रूप में खेलते थे । समय की व्यस्तता और रुचि में आए परिवर्तन के साथ क्रिकेट का प्रारूप बदलता गया । वर्तमान में टी-20 प्रारूप क्रिकेट का सर्वाधिक लोकप्रिय और रोमांचक प्रारूप है, जिसे 40 ओवरों में पूरा कर लिया जाता है। प्रत्येक टीम 20 ओवर खेलती है। इस रोमांचकारी मैच में प्रत्येक बॉलर को अधिकतम चार ओवर की अनुमति होती है। भारत ने अपना ट्वेंटी-20 मैच 1 दिसम्बर, 2006 को जोहांसबर्ग में दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध खेला था, जिसके रोमांचक मैच में वह 6 रनों से विजयी रहा। इसका सर्वाधिक रोमांच तब देखने को मिला जब युवराज ने एक अंग्रेज गेंदबाज के एक ओवर में छह छक्कों को दर्शकों के बीच पहुँचा दिया था। 20-20 मैच में ओवर दर ओवर मैच के रोमांच में वृद्धि होती जाती है, बल्लेबाज द्वारा मारे गए चौके और छक्कों पर दर्शक उत्साह से उछल-उछल जाते हैं। क्रिकेट के इस प्रारूप ने खेलों के व्यवसायीकरण को भी बढ़ावा दिया है। उद्योगपति एवं फिल्मी सितारे इसमें ऊँची बोली लगाकर टीमों एवं खिलाड़ियों को खरीदते हैं। एक दल द्वारा निर्धारित ओवरों के दौरान बनाए गए रन ही विपक्षी दल का लक्ष्य होते हैं। दोनों दलों के मध्य अर्जित रन ही इस खेल में रोमांच पैदा करते हैं। आज के व्यस्त जीवन में अल्प समय में पूर्ण मनोरंजन का रोमांच कायम रखने में ट्वेंटी-ट्वेंटी क्रिकेट मैच का कोई विकल्प नहीं है ।

(3) दौड़ती हुई जिंदगी
कैसे
कारण
आवश्यकताओं में वृद्धि
क्या करें ?
उत्तर:

दौड़ती हुई जिंदगी

आज व्यक्ति इस तरह की व्यस्तता का जीवन जी रहा है कि उसके पास एक मिनट भी बैठने का समय नहीं रह गया है। हर कार्य को करने की शीघ्रता ने उसे अधीर बना दिया है। जिसे देखो वह तेजी से भागता -दौड़ता नज़र आता है। ऐसा लगता है कि लोग बहुत जल्दी में हैं, उन्हें डर है कि यदि कुछ पल शांति से बिता लिए तो कहीं जिंदगी की दौड़ में पिछड़ न जाएँ। इस तरह के जीवन ने व्यक्ति को लापरवाह और अव्यवस्थित बना दिया है, न उसके सोने का कोई टाइम है और ना जागने का । सही समय पर सही कार्य करना ही संतुलित जीवन का आधार है। जो समय बीत गया वह फिर नहीं आता किंतु इसका अर्थ यह भी नहीं कि हम इतने व्यस्त हो जाएँ कि हमें साँस लेने की भी फुर्सत न रहे। भागदौड़ भरी जिंदगी का एक भयंकर परिणाम है- उतावलापन और अधीरता । इसी का परिणाम है कि व्यक्ति मानसिक तौर पर तनावग्रस्त रहने लगे हैं। हमारे जीवन में रिश्तों की अहमियत भी कम होती जा रही है। इससे निबटने के लिए आवश्यक है कि हम अपना प्रत्येक कार्य धैर्यपूर्वक और योजनाबद्ध ढंग से करें। ध्यान, योगाभ्यास, प्राणायाम, स्वाध्याय तथा चिंतन-मनन जैसी सरल क्रियाओं द्वारा इस व्यस्तता से निजात पाई जा सकती है। सुखद जीवन जीने के लिए आवश्यक है कि अपनी जिंदगी में अपने कार्य, रिश्तों, मनोरंजन और

15. (1) आप वेणु राजगोपाल / वेणी राजगोपाल हैं। हिंदुस्तान टाइम्स दिल्ली के संपादक के नाम एक पत्र लिखकर सामाजिक जीवन में बढ़ रही हिंसा पर अपने विचार व्यक्त कीजिए। (शब्द-सीमा लगभग 100 शब्द) (5 × 1 = 5)
अथवा
(2) आपके विद्यालय में खेल की उपयुक्त सामग्री है तथा समय-समय पर सभी स्तरों पर मैच का आयोजन भी किया जाता है। विद्यालय के खेल कप्तान होने के नाते प्रधानाचार्य के प्रति आभार व्यक्त करते हुए पत्र लिखिए ।
उत्तरः
प्रेषक,
वेणु राजगोपाल
अ ब स नगर
सेवा में,
संपादक,
हिंदुस्तान टाइम्स,
नई दिल्ली।
दिनांक ……
विषय: सामाजिक जीवन में बढ़ रही हिंसात्मक प्रवृत्ति के संदर्भ में
महोदय,
आपके लोकप्रिय समाचार पत्र के माध्यम से मैं समाज में बढ़ रही हिंसात्मक प्रवृत्ति की ओर जनसाधारण का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूँ। मेरा आग्रह है कि आप मेरे पत्र को अपने ‘जनवाणी’ स्तंभ में स्थान देने की कृपा करें।

महोदय, आजकल समाज में हिंसात्मक प्रवृत्ति बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है। समाचार पत्र डकैती, चोरी, हत्या, लूटपाट, ठगी की घटनाओं से भरे हुए हैं। कहीं धर्म के नाम पर तो कहीं जाति के नाम पर दंगे-फसाद और हत्या की घटनाएँ बढ़ती जा रही हैं। युवा वर्ग दिशाहीन हो रहा है और लोगों की प्रवृत्ति इतनी हिंसात्मक हो गई है कि किसी को भी जान से मार देना उनके लिए आम बात है । हमारी हिंसाप्रधान फिल्में भी इसका एक प्रमुख कारण हैं और युवा वर्ग पर विपरीत प्रभाव डाल रही हैं। जीवन कहीं भी सुरक्षित नहीं रह गया है। ऐसे में समाज में प्रबुद्ध वर्ग, फिल्म निर्देशकों, लेखक और धार्मिक प्रतिनिधियों का यह विशेष उत्तरदायित्व है कि समाज को विश्व बंधुत्व और शांति का संदेश देते हुए एक नई दिशा प्रदान करें। मुझे आशा है कि मेरे इस पत्र से हम सभी इस दिशा में जागरूक होकर प्रयास करेंगे।
धन्यवाद,
भवदीय,
वेणु राजगोपाल

अथवा

उत्तरः
सेवा में,
प्राचार्य,
अब सविद्यालय,
क ख ग नगर ।
दिनांक..
विषय: आभार व्यक्त करने हेतु
महोदय,
अत्यंत गर्व का विषय है कि इस वर्ष हमारे विद्यालय की क्रिकेट टीम ने संभागीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करके विद्यालय को गौरवान्वित किया है। इसका प्रमुख कारण है कि हमें इस विद्यालय में खेलकूद से संबंधित वे सब सुविधाएँ प्राप्त हैं, जो नगर के अन्य प्रतिष्ठित विद्यालयों में भी उपलब्ध नहीं है । क्रीड़ा – विभाग में खेल की पर्याप्त सामग्री उपलब्ध है तथा क्रीड़ा- शिक्षक द्वारा आपकी अनुमति से समय-समय पर सभी स्तरों पर विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जाता है।

महोदय, विद्यालय का खेल कप्तान होने के नाते मैं आपका हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ । आपके द्वारा प्राप्त सहयोग से ही हम विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन होता है। मुझे आशा है कि भविष्य में भी इसी प्रकार हमें आपका सहयोग प्राप्त होता रहेगा ।
धन्यवाद सहित
आपका आज्ञाकारी शिष्य
सुधांशु मिश्रा
कक्षा दसवीं ‘ब’
(विद्यालय का खेल कप्तान)

16. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 80 शब्दों में सूचना लिखिए- (4 ×1 = 4)

(1) आप विद्यालय के सांस्कृतिक सचिव हैं। बाल दिवस समारोह के अवसर पर विद्यालय में आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम के विवरण सहित सूचना तैयार कीजिए ।
अथवा
(2) आप रजत चट्टोपाध्याय / रजनी रस्तोगी, मोहल्ला सुधार समिति के सचिव हैं। स्वच्छता अभियान के अंतर्गत ‘स्वच्छता पखवाड़ा’ कार्यक्रमों में भाग लेने के इच्छुक लोगों के लिए एक सूचना तैयार कीजिए ।
उत्तरः
दिनांक……

अ ब स विद्यालय, अ ब स नगर

सूचना

समस्त विद्यार्थियों को सूचित किया जाता है कि दिनांक 14 नवंबर, 20XX को प्रार्थना सभा के पश्चात् विद्यालय के सभागार में बाल दिवस के अवसर पर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत हास्य-नाटिका और ‘कठपुतली’ के तमाशे का आयोजन किया गया है। समस्त विद्यार्थी अपने कक्षाध्यापकों के निर्देशन में कक्षा मॉनीटर के साथ पंक्तिबद्ध होकर सभागार में आएँ और वहाँ शांतिपूर्वक बैठकर कार्यक्रम का आनंद लें ।
विनीत
मयूर गुप्ता
(विद्यालय सांस्कृतिक सचिव )

अथवा

उत्तरः
दिनांक ……….
क ख ग मोहल्ला अ ब स नगर

आवश्यक सूचना

क ख ग मोहल्ला के समस्त निवासियों को सूचित किया जाता है कि दिनांक …………. (रविवार) को प्रात: 7 बजे से 10 बजे तक मोहल्ले के आसपास के क्षेत्र को स्वच्छ करने और स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने हेतु एक अभियान चलाया जाएगा। अतः स्थानीय निवासियों से अनुरोध है कि वे इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें ।
धन्यवाद
निवेदक,
रजत चट्टोपाध्याय
सचिव, मोहल्ला सुधार समिति

17. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 60 शब्दों में विज्ञापन तैयार कीजिए- (3 × 1 = 3)

(1) स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा योग दिवस के अवसर के प्रचार-प्रसार के लिए एक आकर्षक विज्ञापन लगभग 60 शब्दों में तैयार
कीजिए ।
अथवा
(2) लोकल फॉर वोकल (स्थानीय उत्पादों का प्रयोग) के प्रचार-प्रसार के लिए एक आकर्षक विज्ञापन लगभग 60 शब्दों में तैयार कीजिए ।
उत्तरः
CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi B Set 1 with Solutions - 1
अथवा
CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi B Set 1 with Solutions - 2

18. (1) ‘जैसा करोगे वैसा भरोगे’ विषय पर लघु कथा लगभग 100 शब्दों में लिखिए। (5 × 1 = 5)
अथवा
(2) आप श्वेता कपूर /शैलेश कपूर हैं। आप वर्तमान परिप्रेक्ष्य में हिंदी की उपयोगिता जानते हैं इसीलिए ग्यारहवीं कक्षा में विज्ञान विषय के साथ हिंदी भी अतिरिक्त विषय के रूप में पढ़ना चाहते हैं। अपने प्रधानाचार्य को विद्यालय के ईमेल पते पर ईमेल लिखकर अनुमति प्राप्त कीजिए। (शब्द-सीमा लगभग 100 शब्द)
उत्तरः

लघु कथा: जैसा करोगे वैसा भरोगे

एक नगर में एक दर्जी रहता था। नगर के ज्यादातर लोग उसकी कारीगरी से प्रभावित होकर उसकी दुकान पर कपड़े सिलवाने आते थे। उसी नगर में रहने वाले एक बड़े सेठ के सेवक उसके हाथी को प्रतिदिन उसी मार्ग से नदी में स्नान कराने ले जाते थे जहाँ दर्जी की दुकान थी । दर्जी हाथी को देखकर बहुत खुश होता था और उसे स्नेहपूर्वक रोज कुछ न कुछ खाने के लिए देता था । इस प्रकार धीरे-धीरे दोनों पक्के मित्र बन गए। एक दिन दर्जी किसी कारणवश क्रोध में था। जब हाथी ने वहाँ से गुजरते हुए अपनी सूँड़ दर्जी के घर की खिड़की से अंदर डाली तो दर्जी ने गुस्से से उसकी सूँड़ में सुई चुभा दी । हाथी को बहुत क्रोध आया। उस समय तो वह चुपचाप वहाँ से चला गया किंतु उसने

मन-ही-मन दर्जी को सबक सिखाने की ठान ली। उस दिन हाथी ने स्नान करने के पश्चात् अपनी सूँड़ में नदी किनारे का गंदा पानी और कीचड़ भर लिया। जब वह दर्जी के घर के सामने पहुँचा तो उसने उस कीचड़ वाले पानी को दुकान में टँगे सिले हुए नए कपड़ों पर फेंक दिया। दर्जी को बहुत दुख हुआ परंतु अब पछताने का कोई लाभ नहीं था । ‘जैसा करोगे वैसा भरोगे’

अथवा

उत्तर:
From: shaileshk25@gmail.com
To: principalaps@gmail.com
Subject: हिंदी अतिरिक्त विषय के रूप में लेने की अनुमति हेतु
महोदय,
निवेदन है कि मैंने गत वर्ष इसी विद्यालय से दसवीं कक्षा की बोर्ड की परीक्षा 92% अंकों से उत्तीर्ण की है तथा इस वर्ष ग्यारहवीं कक्षा में विज्ञान विषयों के साथ प्रवेश लिया है। मान्यवर, जैसा कि विदित ही है कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में हिंदी भाषा की उपयोगिता बहुत अधिक बढ़ गई है। प्रायः सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में हिंदी विषय से संबंधित प्रश्न भी पूछे जाते हैं, इसीलिए मैं 11वीं कक्षा में विज्ञान विषय के साथ हिंदी भी अतिरिक्त विषय के रूप में पढ़ना चाहता हूँ ।

अतः मेरा आपसे अनुरोध है कि कृपया मुझे 11वीं कक्षा में विज्ञान विषयों के साथ हिंदी विषय पढ़ने की अनुमति प्रदान करें ।
धन्यवाद सहित
आपका आज्ञाकारी छात्र
शैलेश कपूर
कक्षा ग्यारहवीं ‘ब’
अनुक्रमांक-23
दिनांक …….