CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 1 with Solutions

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CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 1 with Solutions

समय: 3 घंटे
पूर्णाक: 80

सामान्य निर्देशः

  1. इस प्रश्न-पत्र में दो खंड हैं-खंड ‘क’ और खंड ‘ख’। खंड-‘क’ में वस्तुपरक / बहुविकल्पी और खंड-‘ख’ में वस्तुनिष्ठ/ वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए हैं।
  2. प्रश्नपत्र के दोनों खंडों में प्रश्नों की संख्या 17 है और सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
  3. यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए।
  4. खंड ‘क’ में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपप्रश्नों की संख्या 49 है। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
  5. खंड ‘ख’ में कुल 7 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

खण्ड – ‘अ’
(बहुविकल्पी / वस्तुपरक प्रश्न)

1. निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 5 = 5)

‘घर’ जैसा छोटा-सा शब्द भावात्मक दृष्टि से बहुत विशाल होता है। इस आधार पर मकान, भवन, फ्लैट, कमरा, कोठी, बँगला आदि इसके समानार्थी बिल्कुल भी नहीं लगते हैं क्योंकि इनका सामान्य संबंध दीवारों, छतों और बाहरी व आंतरिक साज-सज्जा क सीमित होता है, जबकि घर प्यार – भरोसे और रिश्तों की मिठास से बनता है। एक आदर्श घर वही है, जिसमें प्रेम व भरोसे की दीवारें, आपसी तालमेल की छतें, रिश्तों की मधुरता के खिले खिले रंग, स्नेह, सम्मान व संवेदनाओं की सज्जा हो ।

घर में भावात्मकता है, वह भावात्मकता, जो संबंधों को महकाकर परिवार को जोड़े रखती है। यह बात हमें अच्छी तरह याद रखनी चाहिए कि जब रिश्ते महकते हैं, तो घर महकता है, प्यार अठखेलियाँ करता है, तो घर अठखेलियाँ करता है, रिश्तों का उल्लास घर का उल्लास होता है, इसलिए रिश्ते हैं, तो घर है और रिश्तों के बीच बहता प्रेम घर की नींव है। यह नींव जितनी मजबूत होगी, घर उतना ही मजबूत होगा । न जाने क्यों, आज का मनुष्य संवेदनाओं से दूर होता जा रहा है, उसके मन की कोमलता, कठोरता में बदल रही है; दिन-रात कार्य में व्यस्त रहने और धनोपार्जन की अति तीव्र लालसा से उसके अंदर मशीनियत बढ़ रही है, इसलिए उसके लिए घर के मायने बदल रहे हैं, उसकी अहमियत बदल रही है, इसी कारण आज परिवार में आपसी कलह, द्वंद्व आदि बढ़ रहे हैं।

आज की पीढ़ी प्राइवेसी (वैयक्तिकता) के नाम पर एकाकीपन में सुख खोज रही है। उसकी सोच ‘मेरा कमरा, मेरी दुनिया’ तक सिमट गई है। एक छत के नीचे रहते हुए भी हम एकाकी होते जा रहे हैं। काश, सब घर की अहमियत समझें और अपना अहं हटाकर घर को घर बनाए रखने का प्रयास करें।

(1) भावात्मक दृष्टि से घर जैसे छोटे-से शब्द की ‘विशालता’ में निहित है-
कथन पढ़कर सही विकल्प का चयन कीजिए-
कथन
(i) प्रेम, विश्वास, नातों का माधुर्य व संवेदनाएँ
(ii) आकर्षक बनावट, सुंदर लोग, वैभव व संपन्नता विकल्प
(iii) सुंदर रंग संयोजन, आंतरिक सजावट एवं हरियाली
(iv) स्नेह, सम्मान, सरसता, संवेदनाएँ, संपन्नता व साज-सज्जा
(क) कथन (i) सही है।
(ख) कथन (i) और (ii) सही है।
(ग) कथन (ii) व (iii) सही हैं।
(घ) कथन (iii) व (iv) सही हैं
उत्तरः
(क) कथन (i) सही है।

(2) सामान्य रूप में मकान, भवन, फ्लैट, कमरा, कोठी आदि शब्दों का संबंध किससे होता है?
(क) हृदय की भावनाओं से
(ख) वैभव और समृद्धि से
(ग) स्थानीय सुविधाओं से
(घ) बनावट व सजावट से
उत्तरः
(घ) बनावट व सजावट से

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(3) आज की पीढ़ी को सुख किसमें दिखाई दे रहा है?
(क) निजी जीवन व एकांतिकता में
(ख) पारिवारिक भावात्मक संबंधों में
(ग) बिना मेहनत सब कुछ मिल जाने में
(घ) धन कमाने के लिए जी-तोड़ मेहनत करने में
उत्तर:
(क) निजी जीवन व एकांतिकता में

(4) गद्यांश में प्रेम को घर का क्या बताया गया है ?
(क) आभूषण
(ख) आधार
(ग) भरोसा
(घ) उल्लास
उत्तरः
(ख) आधार

(5) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उपयुक्त विकल्प चुनिए-
कथन (A): आदमी के अंदर संवेदनाओं की जगह मशीनियत बढ़ती जा रही है।
कारण (R): व्यस्तता और अर्थोपार्जन की अति महत्वाकांक्षा ने उसे यहाँ तक पहुँचा दिया है।
(क) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है ।
(ख) कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत हैं।
(ग) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
(घ) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है ।
उत्तर:
(ग) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।

2. निम्नलिखित दो पद्यांशों में से किसी एक पर आधारित बहुविकल्पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 5 = 5)

सच हम नहीं, सच तुम नहीं, सच है महज़ संघर्ष ही ॥
संघर्ष से हटकर जिए तो क्या जिए हम या कि तुम
जो नत हुआ, वह मृत हुआ, ज्यों वृंत से झरकर कुसुम
जो पंथ भूल रुका नहीं,
जो हार देख झुका नहीं,
जिसने मरण को भी लिया हो जीत, है जीवन वही ॥ सच हम नहीं…
ऐसा करो जिससे न प्राणों में कहीं जड़ता रहे।
जो है जहाँ चुपचाप अपने आप से लड़ता रहे।
जो भी परिस्थितियाँ मिलें,
काँटे चुभें, कलियाँ खिलें,
टूटे नहीं इनसान, बस संदेश यौवन का यही ॥ सच हम नहीं…
अपने हृदय का सत्य अपने आप हमको खोजना ।
अपने नयन का नीर अपने आप हमको पोंछना ।
आकाश सुख देगा नहीं,
धरती पसीजी है कहीं !
हर एक राही को भटककर ही दिशा मिलती रही ॥ सच हम नहीं…….
– जगदीश गुप्त

(1) इस कविता के केंद्रीय भाव हेतु दिए गए कथनों को पढ़कर सबसे सही विकल्प चुनिए-
कथन
(i) प्रतिकूलता के विरुद्ध जूझते हुए बढ़ना ही जीवन की सच्चाई है।
(ii) परिस्थितियों से समझौता करके जोखिमों से बचना ही उचित है।
(iii) लक्ष्य – संधान हेतु मार्ग में भटक जाने का भय त्याग देना चाहिए।
(iv) जीवन में ‘अपने छाले, खुद सहलाने’ का दर्शन अपनाना चाहिए।
विकल्प
(क) कथन (ii) सही है ।
(ख) कथन (i) व (iii) सही हैं।
(ग) कथन (i), (iii) व (iv) सही हैं।
(घ) कथन (i), (ii), (iii) व (iv) सही हैं।
उत्तर:
(ग) कथन (i), (iii) व (iv) सही हैं।

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(2) मरण अर्थात् मृत्यु को जीतने का आशय है-
(क) साधुता व साधना से अमरत्व प्राप्त करना
(ख) योगाभ्यास व जिजीविषा से दीर्घायु हो जाना
(ग) अर्थ, बल व दृढ़ इच्छाशक्ति से जीवन को कष्टमुक्त करना
(घ) जीवन व जीवन के बाद भी आदर्श रूप में स्मरण किया जाना
उत्तरः
(घ) जीवन व जीवन के बाद भी आदर्श रूप में स्मरण किया जाना

(3) ‘आकाश’ सुख देगा नहीं, धरती पसीजी है कहीं ………’ का अर्थ है कि-
(क) आकाश और धरती दोनों में संवेदनशीलता नहीं है।
(ख) ईश्वर उदार है, अतः वही सुख देता है, वही पसीजता है ।
(ग) जुझारू बनकर स्वयं ही जीवन के दुख दूर किए जा सकते हैं।
(घ) सामूहिक प्रयत्नों से ही संकट की स्थिति से निकला जा सकता है।
उत्तरः
(ग) जुझारू बनकर स्वयं ही जीवन के दुख दूर किए जा सकते हैं।

(4) अपने आप से लड़ने का अर्थ है-
(क) अपनी अच्छाइयों व बुराइयों से भलीभाँति परिचित होना
(ख) किसी मुद्दे पर दिल और दिमाग का अलग-अलग सोचना
(ग) अपने किसी गलत निर्णय के लिए स्वयं को संतुष्ट कर लेना
(घ) अपनी दुर्बलताओं की अनदेखी न करके उन्हें दृढ़ता से दूर करना
उत्तर:
(घ) अपनी दुर्बलताओं की अनदेखी न करके उन्हें दृढ़ता से दूर करना

(5) युवावस्था हमें सिखाती है कि-
कथन पढ़कर सही विकल्प का चयन कीजिए-
कथन
(i) स्वयं को चैतन्य, गतिशील, आत्मआलोचक व आशावादी बनाए रखें।
(ii) सजग रहें: जीवन में कभी कठिन परिस्थितियाँ उत्पन्न ही न होने दें।
(iii) सुख-दुख, उतार-चढ़ाव को भाग्यवादी बनकर स्वीकार करना सीखें ।
(iv) प्रतिकूल परिस्थितियों के आगे घुटने न टेकें; बल्कि दो-दो हाथ करें ।
विकल्प
(क) कथन (i) व (ii) सही हैं।
(ख) कथन (i) व (iv) सही हैं ।
(ग) कथन (ii) व (iii) सही हैं।
(घ) कथन (iii) व (iv) सही हैं।
उत्तर:
(ख) कथन (i) व (iv) सही हैं।

अथवा

‘फसल’ किसान के कच्चे – अधपके
सपनों की लहलहाती आस है
यह उसके हृदय की गहराइयों में
अंकुरित एक विश्वास है
यह विश्वास है-
ढी हुई दीवार की चिनाई का
अट्ठारह पार कर चुकी बेटी की सगाई का
परचूनिए की उधारी चुकाने का
मन के सपनों को नए परिधान पहनाने का
इसी विश्वास की सलामती के लिए
वह मूँदता है आँखें
दिन में न जाने कितनी बार ……
और दुआएँ प्रेषित करता है ऊपर तक
भरोसे और आशंका की रस्साकशी में
न जाने कितनी बार वह जागता है नींद से
और जगा देना चाहता है उस परमात्मा को भी
जिसके बारे में सुनता आया है कि सभी कुछ उसके ही हाथ है……..
और इसीलिए जब फसल सौंधियाती है।
असल में, किसान के सपने सौंधियाते हैं
और फसल घर आ जाने पर, सपने पक जाते हैं……
– डॉ विनोद ‘प्रसून’

(1) फसल को किसानों के कच्चे – अधपके सपनों की लहलहाती आस कहने का कारण है-
कथन पढ़कर सही विकल्प का चयन कीजिए-
कथन
(i) फसल देखकर बैंकों से सस्ते ब्याज पर ऋण सरलता से मिल जाना
(ii) फसल से किसान के स्वप्नों की संबद्धता और भावात्मक लगाव होना
(iii) फसल से जुड़े निराई, सिंचाई, कटाई, गहाई, भंडारण आदि के सपने देखना
(iv) फसल से ही जीवन की जरूरी इच्छाओं के साकार होने की संभावना जुड़ी होना विकल्प
(क) कथन (i) व (ii) सही हैं।
(ख) कथन (ii) व (iii) सही हैं।
(ग) कथन (ii) व (iv) सही हैं।
(घ) कथन (iii) व (iv) सही हैं।
उत्तर:
(ग) कथन (ii) व (iv) सही हैं।

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(2) किसान के हृदय की गहराइयों में अंकुरित हुए विश्वास की परिधि में आते हैं-
(क) कुछ पाकर सामाजिक कार्य करने की इच्छाएँ
(ख) अति आवश्यक कार्य एवं मन के भावात्मक सपने
(ग) आधुनिक कृषि यंत्र आदि जुटा लेने की अभिलाषाएँ
(घ) कठिन समय के लिए कुछ बचाकर रखने की योजनाएँ
उत्तरः
(ख) अति आवश्यक कार्य एवं मन के भावात्मक सपने

(3) ‘दुआएँ प्रेषित करता है ऊपर तक’ का आशय है-
(क) ईश्वर को प्रसन्न करने के लिए व्रत-उपवास रखना
(ख) सामूहिक यज्ञ करके फसल की कुशलता की कामना करना
(ग) फसल की कुशलता हेतु मन ही मन ईश्वर से प्रार्थना करना
(घ) निवेदन को ग्राम्य विकास से जुड़े अधिकारियों तक पहुँचाना
उत्तर:
(ग) फसल की कुशलता हेतु मन ही मन ईश्वर से प्रार्थना करना

(4) ‘भरोसे और आशंका की रस्साकशी में’ पंक्ति के आधार पर किसान की मनोदशा से जुड़ा सही विकल्प है-
(क) ईश्वर पर अटूट विश्वास कि वे फसल को कोई हानि नहीं होने देंगे
(ख) ईश्वर पर विश्वास, किंतु फसल की कुशलता को लेकर मन आशंकित रहना
(ग) परिश्रम पर पूर्ण विश्वास, किंतु ‘भाग्य में क्या लिखा है’ इससे सदा आशंकित रहना
(घ) स्वयं पर भरोसा करना, किंतु प्राकृतिक आपदाओं की आशंका से सदैव भयभीत बने रहना
उत्तर:
(ख) ईश्वर पर विश्वास, किंतु फसल की कुशलता को लेकर मन आशंकित रहना

(5) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उपयुक्त विकल्प चुनिए-
कथन (A): किसान अपनी फसल के साथ भावात्मक रूप से जुड़ा होता है ।
कारण (R): व्यवसाय और व्यवसायी के बीच ऐसे संबंध स्वाभाविक हैं।
(क) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है ।
(ख) कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत हैं।
(ग) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
(घ) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तरः
(घ) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।

3. निर्देशानुसार ‘ रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पी प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए- (1 × 4 = 4)

(1) ‘न तो तुम वहाँ जा सके, न ही मैं।’ इसका सरल वाक्य होगा-
(क) तुम और मैं दोनों ही वहाँ नहीं जा सके।
(ख) तुम भी वहाँ नहीं जा सके और मैं भी वहाँ नहीं जा सका ।
(ग) यद्यपि तुम और मैं वहाँ जा सकते थे, फिर भी नहीं जा सके ।
(घ) चूँकि तुम वहाँ नहीं जा सके, इसलिए मैं भी वहाँ नहीं जा सका ।
उत्तर:
(क) तुम और मैं दोनों ही वहाँ नहीं जा सके।

(2) ‘सूर्योदय होते ही प्रकृति का सौंदर्य खिल उठता है।’ इसका संयुक्त वाक्य होगा-
(क) सूर्योदय होने पर प्रकृति का सौंदर्य खिल उठता है।
(ख) सूर्योदय होता है और प्रकृति का सौंदर्य खिल उठता है ।
(ग) जब सूर्योदय होता है, तब प्रकृति का सौंदर्य खिल उठता है ।
(घ) क्योंकि सूर्योदय होता है, इसलिए प्रकृति का सौंदर्य खिल उठता है।
उत्तरः
(ख) सूर्योदय होता है और प्रकृति का सौंदर्य खिल उठता है।

(3) आपके आवाज़ उठाने पर सभी आपके साथ खड़े हो जाएँगे । इसका मिश्र वाक्य होगा-
(क) आपके आवाज़ उठाते ही सभी आपके साथ खड़े हो जाएँगे ।
(ख) आप आवाज़ उठाएँगे, तो सभी आपके साथ खड़े हो जाएँगे ।
(ग) आप आवाज़ उठाएँगे और सभी आपके साथ खड़े हो जाएँगे ।
(घ) आप आवाज़ उठाएँगे इसलिए सभी आपके साथ खड़े हो जाएँगे ।
उत्तरः
(ख) आप आवाज़ उठाएँगे, तो सभी आपके साथ खड़े हो जाएँगे ।

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(4) निम्नलिखित वाक्यों में मिश्र वाक्य पहचानकर नीचे दिए गए सबसे सही विकल्प को चुनिए-
(i) आप कह सकते थे कि यह गलती आपने नहीं की है।
(ii) यदि आप अपना पक्ष रखते, तो अवश्य ही निर्दोष सिद्ध होते ।
(iii) जब आपने गलती की ही नहीं है, तो उसका दंड आपको क्यों मिलेगा ?
(iv) चूँकि दोषी कोई और है इसलिए आप यह दोष अपने ऊपर बिल्कुल मत लीजिए ।
विकल्प
(क) केवल कथन (i) सही है।
(ख) केवल (ii) व (iii) सही हैं।
(ग) कथन (iii) व (iv) सही हैं।
(घ) कथन (i), (ii), (iii) व (iv) सही हैं।
उत्तरः
(घ) कथन (i), (ii), (iii) व (iv) सही हैं ।

(5) कॉलम 1 को कॉलम 2 के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए-

कॉलम 1 कॉलम 2
(1) बिल्ली आई और दूध पी गई। (i) सरल वाक्य
(2) यदि दूध बाहर न रखा होता, तो बिल्ली ऐसा नहीं कर पाती । (ii) संयुक्त वाक्य
(3) हमें बिल्ली का झूठा दूध फेंकना पड़ा। (iii) मिश्र वाक्य

विकल्प
(क) 1-iii, 2-i, 3-ii
(ख) 1-ii, 2-iii, 3-i
(ग) 1-ii, 2-i, 3-iii
(घ) 1-ii, 2-i, 3-iii
उत्तरः
(ख) 1-ii, 2-iii, 3-i

4. निर्देशानुसार ‘वाच्य’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पी प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए- (1 × 4 = 4)

(1) कॉलम 1 को कॉलम 2 के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए-

कॉलम 1 कॉलम 2
(1) भारत द्वारा मैच जीत लिया गया । (i) कर्तृवाच्य
(2) गेंदबाजों ने मैच में बेहतरीन प्रदर्शन किया । (ii) कर्मवाच्य
(3) विपक्षी बल्लेबाजों से क्रीज़ पर रुका नहीं जा सका। (iii) भाववाच्य

विकल्प
(क) 1-ii, 2-i, 3-iii
(ख) 1-i, 2-iii, 3-ii
(ग) 1-ii, 2-iii, 3-i
(घ) 1-i, 2-ii, 3-iii
उत्तर:
(क) 1-ii, 2-i, 3-iii

(2) इनमें कर्मवाच्य का उदाहरण है-
(क) रवीना गज़ल नहीं गा पाती है।
(ख) रवीना से गज़ल नहीं गाई जाती है ।
(ग) रवीना पैदल नहीं चल पाती है।
(घ) रवीना से पैदल नहीं चला जाता है।
उत्तर:
(ख) रवीना से गज़ल नहीं गाई जाती है ।

(3) इनमें कर्तृवाच्य का उदाहरण है-
(क) चलो, अब घर चलें ।
(ख) चलो, अब घर चला जाए।
(ग) कैरम के बाद अब शतरंज खेली जाए ।
(घ) हमारे द्वारा शतरंज खेली जा सकती है।
उत्तर:
(क) चलो, अब घर चलें ।

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(4) ‘दादी जी पढ़ नहीं सकतीं।’ इसका भाववाच्य होगा-
(क) दादी जी कुछ भी पढ़ नहीं पाएँगी ।
(ख) दादी जी से पढ़ा नहीं जा सकेगा।
(ग) दादी जी से पढ़ा नहीं जा सकता ।
(घ) दादी जी कुछ भी पढ़ नहीं पाती हैं।
उत्तर:
(ग) दादी जी से पढ़ा नहीं जा सकता ।

(5) ‘बिना सहारे बूढ़ी माँ से अब चला नहीं जाता है।’ इसका कर्तृवाच्य होगा-
(क) बिना सहारे बूढ़ी माँ अब चल नहीं सकेंगी।
(ख) बिना सहारे बूढ़ी माँ अब चल नहीं पाती हैं ।
(ग) बिना सहारे बूढ़ी माँ अब चल नहीं पाएँगी ।
(घ) बिना सहारे बूढ़ी माँ अब चल नहीं सकती हैं।
उत्तरः
(ख) बिना सहारे बूढ़ी माँ अब चल नहीं पाती हैं।

5. निर्देशानुसार ‘पद परिचय’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पी प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए- (1 × 4 = 4)

(1) ‘चारों ओर छाई हरियाली मनमोहक लग रही थी ।’ रेखांकित अंश का पद – परिचय होगा-
(क) भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ता कारक
(ख) भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, बहुवचन, कर्मकारक
(ग) जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ता कारक
(घ) व्यक्तिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ता कारक
उत्तरः
(क) भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ता कारक

(2) ‘ड्राइवर ने जोर से ब्रेक मारे । ‘ रेखांकित अंश का पद-परिचय दीजिए-
(क) रीतिवाचक क्रियाविशेषण, विशेष्य क्रिया- मारे
(ख) स्थानवाचक क्रियाविशेषण, विशेष्य क्रिया- मारे
(ग) कालवाचक क्रियाविशेषण, विशेष्य क्रिया- मारे
(घ) परिमाणवाचक क्रियाविशेषण, विशेष्य क्रिया- मारे
उत्तर:
(क) रीतिवाचक क्रियाविशेषण, विशेष्य क्रिया- मारे

(3) ‘यह पुस्तक मैंने तब खरीदी थी, जब मैं पंद्रह वर्ष का था । ‘ रेखांकित अंश का पद-परिचय होगा-
(क) संकेतवाचक सर्वनाम, एकवचन, पुल्लिंग
(ख) सार्वनामिक विशेषण, विशेष्य-पुस्तक
(ग) निपात, वाक्य के अर्थ को बल दे रहा है
(घ) परिमाणवाचक विशेषण, विशेष्य-पुस्तक
उत्तरः
(ख) सार्वनामिक विशेषण, विशेष्य-पुस्तक

(4) ‘हालदार साहब ने पान खाया । ‘ रेखांकित अंश का पद-परिचय होगा-
(क) अकर्मक क्रिया, सामान्य भूतकाल, कर्तृवाच्य
(ख) सकर्मक क्रिया, कर्म – पान, सामान्य भूतकाल, कर्तृवाच्य
(ग) प्रेरणार्थक क्रिया, कर्म – पान, सामान्य भूतकाल, कर्तृवाच्य
(घ) द्विकर्मक क्रिया, कर्म -पान, हालदार साहब, सामान्य भूतकाल, कर्तृवाच्य
उत्तर:
(ख) सकर्मक क्रिया, कर्म-पान, सामान्य भूतकाल, कर्तृवाच्य

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(5) कुछ लड़के बाहर खेल रहे हैं। चाय में कुछ पड़ा है। दोनों वाक्यों के कुछ का सामान्य पद – परिचय होगा-
(क) पहला कुछ – सार्वनामिक विशेषण, दूसरा कुछ – अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
(ख) पहला कुछ – अनिश्चयवाचक सर्वनाम, दूसरा कुछ – अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
(ग) पहला कुछ – अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण, दूसरा कुछ – अनिश्चयवाचक सर्वनाम
(घ) पहला कुछ – अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण, दूसरा कुछ – निश्चयवाचक सर्वनाम
उत्तरः
(ग) पहला कुछ – अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण, दूसरा कुछ- अनिश्चयवाचक सर्वनाम

6. निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पी प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए- (1 × 4 = 4)

(1) “अर्थ बिना कब पूर्ण हैं, शब्द, सकल जग-काज ।
अर्थ अगर आ जाए तो, ठाठ-बाट औ’ राज ॥”
इस दोहे में प्रयुक्त अलंकार है-
(क) श्लेष
(ख) उत्प्रेक्षा
(ग) मानवीकरण
(घ) अतिशयोक्ति
उत्तर:
(क) श्लेष

(2) “कैसे कलुषित प्राण हो गए।
मानो मन पाषाण हो गए।”
इन काव्य पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है-
(क) श्लेष
(ख) उत्प्रेक्षा
(ग) मानवीकरण
(घ) अतिशयोक्ति
उत्तर:
(ख) उत्प्रेक्षा

(3) “इधर उठाया धनुष क्रोध में और चढ़ाया उस पर बाण ।
धरा, सिंधु, नभ काँपे सहसा, विकल हुए जीवों के प्राण ॥”
इन काव्य पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है-
(क) श्लेष
(ख) उत्प्रेक्षा
(ग) मानवीकरण
(घ) अतिशयोक्ति
उत्तरः
(घ) अतिशयोक्ति

(4) “एक दिवस सूरज ने सोची, छुट्टी ले लेने की बात ।
सोचा कुछ पल सुकूँ मिलेगा, चलने दो धरती पर रात ॥”
इन काव्य पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है-
(क) श्लेष
(ख) उत्प्रेक्षा
(ग) मानवीकरण
(घ) अतिशयोक्ति
उत्तर:
(ग) मानवीकरण

(5) “कहती हुई यों उत्तरा के नेत्र जल से भर गए ।
हिमकणों से पूर्ण मानो हो गए पंकज नए ॥ ”
इन काव्य पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है-
(क) श्लेष
(ख) उत्प्रेक्षा
(ग) मानवीकरण
(घ) अतिशयोक्ति
उत्तर:
(ख) उत्प्रेक्षा

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7. निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 5 = 5)

कुछ नहीं पूछ पाए हालदार साहब । कुछ पल चुपचाप खड़े रहे, फिर पान के पैसे चुकाकर जीप में आ बैठे और रवाना हो गए। बार-बार सोचते, क्या होगा उस कौम का जो अपने देश की खातिर घर-गृहस्थी – जवानी – जिंदगी सब कुछ होम देने वालों पर भी हँसती है और अपने लिए बिकने के मौके ढूँढ़ती है। दुखी हो गए। पंद्रह दिन बाद फिर उसी कस्बे से गुजरे। कस्बे में घुसने से पहले ही खयाल आया कि कस्बे की हृदयस्थली में सुभाष की प्रतिमा अवश्य ही प्रतिष्ठापित होगी, लेकिन सुभाष की आँखों पर चश्मा नहीं होगा ।… क्योंकि मास्टर बनाना भूल गया।…. और कैप्टन मर गया ।

सोचा, आज वहाँ रुकेंगे नहीं, पान भी नहीं खाएँगे, मूर्ति की तरफ देखेंगे भी नहीं, सीधे निकल जाएँगे । ड्राइवर से कह दिया, चौराहे पर रुकना नहीं, आज बहुत काम है, पान आगे कहीं खा लेंगे। लेकिन आदत से मजबूर आँखें चौराहा आते ही मूर्ति की तरफ उठ गईं। कुछ ऐसा देखा कि चीखे, रोको ! जीप स्पीड में थी, ड्राइवर ने जोर से ब्रेक मारे । रास्ता चलते लोग देखने लगे। जीप रुकते-न-रुकते हालदार साहब जीप से कूदकर तेज़ – तेज़ कदमों से मूर्ति की तरफ लपके और उसके ठीक सामने जाकर अटेंशन में खड़े हो गए। मूर्ति की आँखों पर सरकंडे से बना छोटा-सा चश्मा रखा हुआ था, जैसा बच्चे बना लेते हैं। हालदार साहब भावुक हैं । इतनी-सी बात पर उनकी आँखें भर आईं।

(1) हालदार साहब क्या सोचकर दुखी हो गए ?
(क) नेताजी की मूर्ति की आँखों पर चश्मा न देखकर
(ख) देशभक्तों का मज़ाक उड़ाने वाली बिकाऊ कौम को देखकर
(ग) घर-गृहस्थी, जवानी – जिंदगी आदि की बीती हुई बातें सोचकर
(घ) देश में अलग-अलग कौमों की विचारधारा में बहुत अंतर देखकर
उत्तरः
(ख) देशभक्तों का मज़ाक उड़ाने वाली बिकाऊ कौम को देखकर

(2) ‘सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति की आँखों पर चश्मा नहीं होगा…. ।’
हालदार साहब ऐसा क्यों सोच रहे थे ?
(क) कैप्टन के सारे चश्मे बिक जाने के कारण
(ख) कैप्टन के गंभीर रूप से बीमार हो जाने के कारण
(ग) मूर्तिकार मास्टर की भूल और कैप्टन की मृत्यु के कारण
(घ) नटखट बच्चों द्वारा चश्मा बार – बार उतार दिए जाने के कारण
उत्तर:
(ग) मूर्तिकार मास्टर की भूल और कैप्टन की मृत्यु के कारण

(3) हालदार साहब की आदत से मजबूर आँखों ने क्या किया ?
(क) चौराहे पर आते ही पान की दुकान खोजने लगीं
(ख) उन्होंने कैप्टन का स्मरण किया और वे नम हो गईं
(ग) चौराहे पर आते ही स्वभावतः मूर्ति की ओर उठ गईं
(घ) बाँस पर चश्मे लगाकर उन्हें बेचते हुए कैप्टन को खोजने लग
उत्तर:
(ग) चौराहे पर आते ही स्वभावतः मूर्ति की ओर उठ गईं

(4) हालदार साहब क्यों चीख पड़े ?
(क) पानवाले का बदला हुआ व्यवहार देखकर
(ख) नेता जी की मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा लगा देखकर
(ग) नेता जी की मूर्ति के पास बहुत सारे बच्चों को एकत्र देखकर
(घ) ड्राइवर के द्वारा उनके आदेश का पालन न किए जाने के कारण
उत्तर:
(ख) नेता जी की मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा लगा देखकर

(5) सरकंडे से बना छोटा-सा चश्मा किस बात का प्रतीक था ?
(क) राष्ट्रीय धरोहरों को संरक्षण देने का
(ख) हस्तकला के प्रति बढ़ रहे अनुराग का
(ग) देशभक्तों के प्रति श्रद्धा व सम्मान का
(घ) सरकंडे जैसी वनस्पति को संरक्षित करने का
उत्तर:
(ग) देशभक्तों के प्रति श्रद्धा व सम्मान का

8. गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 2 = 2)

(1) बालगोबिन भगत साधु की सभी परिभाषाओं पर किन गुणों के कारण खरे उतरते थे ?
(क) मधुर गायन, खेती बाड़ी करना, गाँधीवादी दर्शन, सारा समय पूजा-पाठ में बिताना
(ख) मृत्यु से न घबराना, हर समय भजन में लीन रहना, बेटे व बहू से बहुत प्रेम करना
(ग) सात्विक गृहस्थ जीवन, सत्यवादिता, शुद्ध व्यवहार, कबीर दर्शन से सज्जित आत्मा
(घ) आस्तिकता, समाज-सेवा, प्रतिदिन मंदिर जाना, रास्ते में जो भी मिले, उसे उपदेश देना
उत्तर:
(ग) सात्विक गृहस्थ जीवन, सत्यवादिता, शुद्ध व्यवहार, कबीर दर्शन से सज्जित आत्मा

(2) काशी को संस्कृति की पाठशाला इसलिए कहा गया है क्योंकि-
(क) यहाँ के लोग अपने बच्चों को धार्मिक संस्कार देते हैं।
(ख) यहीं से सांस्कृतिक संरक्षण अभियान का शुभारंभ हुआ था।
(ग) यहाँ गली-गली में पाठशालाएँ हैं, जिनमें संस्कार सिखाए जाते हैं।
(घ) यह विद्वानों, कला-मर्मज्ञों, कलाकारों, स्नेह व सद्भावना की पावन स्थली है।
उत्तर:
(घ) यह विद्वानों, कला-मर्मज्ञों, कलाकारों, स्नेह व सद्भावना की पावन स्थली है।

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9. निम्नलिखित पठित पद्यांश पर आधारित बहुविकल्पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 5 = 5)

तारसप्तक में जब बैठने लगता है उसका गला
प्रेरणा साथ छोड़ती हुई उत्साह अस्त होता हुआ
आवाज़ से राख जैसा कुछ गिरता हुआ
तभी मुख्य गायक को ढाँढ़स बँधाता
कहीं से चला आता है संगतकार का स्वर
कभी-कभी वह यों ही दे देता है उसका साथ
यह बताने के लिए कि वह अकेला नहीं है
और यह कि फिर से गाया जा सकता है
गाया जा चुका राग
और उसकी आवाज़ में जो एक हिचक साफ सुनाई देती है
या अपने स्वर को ऊँचा न उठाने की जो कोशिश है
उसे विफलता नहीं
उसकी मनुष्यता समझा जाना चाहिए।

(1) ‘तारसप्तक में जब बैठने लगता है उसका गला’ इस पंक्ति में ‘उसका’ शब्द किसके लिए प्रयोग किया गया है?
(क) संगतकार के लिए
(ख) प्रधान गायक के लिए
(ग) गाने के इच्छुक संगीत प्रेमियों के लिए
(घ) वाद्ययंत्र बजाने वाले कलाकारों के लिए
उत्तर:
(ख) प्रधान गायक के लिए

(2) संगतकार का स्वर मुख्य गायक की सहायता कब करता है?
(क) जब ऐसा करने के लिए उसका मन उससे कहता है
(ख) जब गायन को प्रभावी बनाकर वह वाहवाही लूटना चाहता है
(ग) गायक के द्वारा किसी पंक्ति विशेष को गाने का आग्रह किए जाने पर
(घ) गायक का कंठ कमज़ोर होने तथा प्रेरणा व उत्साह में गिरावट आने पर
उत्तर:
(घ) गायक का कंठ कमज़ोर होने तथा प्रेरणा व उत्साह में गिरावट आने पर

(3) ‘संगतकार’ किसका प्रतीक है?
(क) संगीत को पागलपन की हद तक चाहने वाले जज़्बात का
(ख) स्वर को साधने के लिए अनवरत की जाने वाली साधना का
(ग) किसी की सफलता में निस्स्वार्थ सहयोग करने की भावना का
(घ) मनोरंजन, माधुर्य, मनुष्यत्व, अपनत्व, प्रतिबद्धता व प्रेरणा का
उत्तर:
(ग) किसी की सफलता में निस्स्वार्थ सहयोग करने की भावना का

(4) कभी-कभी संगतकार गायक का यूँही साथ क्यों देता है ?
(क) अपने आप को उसके समकक्ष प्रदर्शित करने के लिए
(ख) उसे यह संदेश देने के लिए कि वह स्वयं को अकेला न समझे
(ग) वह मुख्य गायक की कमज़ोरियों से पूरी तरह परिचित होता है
(घ) उसे विश्वास होता है कि बीच-बीच में गाने से गाने की मधुरता बनी रहेगी
उत्तर:
(ख) उसे यह संदेश देने के लिए कि वह स्वयं को अकेला न समझे

(5) संगतकार की ‘मनुष्यता’ किन कार्यों से प्रकट होती है ?
(क) प्रधान गायक की सेवा में सदैव श्रद्धापूर्वक जुटे रहने से
(ख) गाने से पहले प्रत्येक कार्य को करने की पूर्व योजना बनाने से
(ग) स्वयं को विशिष्ट न बनाकर प्रधान गायक की विशिष्टता बढ़ाने से
(घ) कार्यक्रम से पहले एवं उसके उपरांत प्रधान गायक के चरण स्पर्श करने से
उत्तर:
(ग) स्वयं को विशिष्ट न बनाकर प्रधान गायक की विशिष्टता बढ़ाने से

10. पद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए-

(1) ‘फसल’ कविता में ‘फसल’ की श्रेष्ठ परिभाषा के साथ प्रकाश में आए अन्य बिंदु हैं- (1 × 2 = 2)
(क) जैविक खेती को प्रोत्साहन एवं कृषि विज्ञान की समझ द्वारा खेती
(ख) पर्यावरण संरक्षण तथा उपभोक्तावाद, प्रकृति और मनुष्य के संबंध
(ग) कृषि संस्कृति से निकटता, प्रकृति एवं मनुष्य के सहयोग से सृजन
(घ) कर्मवाद एवं भाग्यवाद, वैज्ञानिक तरीके से कृषि करने का आह्वान
उत्तर:
(ग) कृषि संस्कृति से निकटता, प्रकृति एवं मनुष्य के सहयोग से सृजन

(2) गोपियों को उद्धव का शुष्क संदेश पसंद न आने का मुख्य कारण था-
(क) उद्धव के कठोर शब्द एवं अति कटु व्यवहार
(ख) उद्धव में वाक्पटुता की कमी एवं हृदयहीनता
(ग) गोपियों का प्रेम मार्ग के स्थान पर ज्ञान मार्ग को पसंद करना
(घ) गोपियों का ज्ञान मार्ग के स्थान पर प्रेम मार्ग को पसंद करना
उत्तरः
(घ) गोपियों का ज्ञान मार्ग के स्थान पर प्रेम मार्ग को पसंद करना

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खण्ड – ‘ख’
(वर्णनात्मक प्रश्न)

11. गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए – (2 × 3 = 6)

(क) नवाब साहब की सनक नकारात्मक थी, किंतु हर सनक नकारात्मक नहीं होती । सोदाहरण सिद्ध कीजिए कि किस सनक को सकारात्मक कहा जा सकता है?
उत्तरः
सकारात्मक सनक से अभिप्राय है- किसी अच्छे कार्य को करने की धुन लगना और उसे पूरा करने के लिए पूरी मेहनत, ईमानदारी और लगन से प्रयासरत रहना । जैसे किसी वैज्ञानिक को किसी नई जन-कल्याणकारी खोज की अथवा समाज सुधारक को रूढ़ियाँ मिटाने की सकारात्मक सनक सवार होती है। इसी प्रकार आज़ादी के मतवाले क्रांतिकारियों को देश की आज़ादी प्राप्त करने की लगन लग गई थी और उसे पाने के लिए वे हँसते-हँसते शहीद हो गए। ऐसी ही सकारात्मक सनक बिहार के एक मजदूर ‘दशरथ माँझी’ को सवार हुई थी जब उन्होंने अकेले ही केवल एक हथौड़े और छेनी की सहायता से 22 वर्षों तक कठोर परिश्रम करके उस पहाड़ी को काटकर सड़क बना डाली, जो उनकी पत्नी की मृत्यु का कारण बनी थी। उनकी इस सकारात्मक सनक ने वहाँ के निवासियों के जीवन को सरल बना दिया ।

(ख) महानगरों के ‘फ्लैट – कल्चर’ और लेखिका मन्नू भंडारी के परंपरागत ‘पड़ोस कल्चर’ में आपको क्या अंतर दिखाई देता है ? विचार करके लिखिए ।
उत्तरः
महानगरों के ‘फ्लैट – कल्चर’ में जीवन केवल अपने तक सीमित है, यहाँ किसी को किसी से कोई मतलब नहीं है । व्यस्तता के कारण लोग अपने पड़ोसियों के सुख-दुख में भी भागीदार नहीं होते। कई बार तो एक फ्लैट में रहने वाले व्यक्ति को अपने पड़ोसी का नाम भी नहीं पता होता। ऐसा जीवन असहाय और असुरक्षित होता है। इसके विपरीत मन्नू भण्डारी के परंपरागत ‘पड़ोस -कल्चर’ में पूरा मोहल्ला अपना घर लगता था । सब अपनत्व के बंधन में बँधे थे। बड़ी से बड़ी विपरीत परिस्थिति में पड़ोस के सभी लोग एक-दूसरे का सहयोग करते थे। ऐसे वातावरण में कोई भी कभी अकेलापन अनुभव नहीं करता था । ऐसा जीवन अधिक आनंदपूर्ण और सुरक्षित था ।

(ग) मंगलध्वनि किसे कहते हैं ? बिस्मिल्ला खाँ को शहनाई की मंगलध्वनि का नायक क्यों कहा गया है? स्पष्ट कीजिए
उत्तर:
मांगलिक अवसरों पर वातावरण में पवित्रता और आनंद भरने के लिए वाद्य यंत्रों द्वारा बजाए जाने वाली ध्वनि, मंगल ध्वनि कहलाती है ।
शहनाई एक ऐसा वाद्य है, जिसे प्राय: मांगलिक अवसरों पर ही बजाया जाता है । भारत रत्न से विभूषित बिस्मिल्ला खाँ ने अपनी कठिन साधना द्वारा शहनाई वादन के क्षेत्र में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया था । वे संगीत के महानायक हैं । अत्यंत तन्मयता के साथ शहनाई बजाकर वातावरण को मंगलपूरित करने में उन्हें महारत हासिल थी । उनकी इन्हीं विशेषताओं के कारण उन्हें मंगल ध्वनि का नायक कहा जाता है।

(घ) सच्चे अर्थों में ‘संस्कृत व्यक्ति’ किसे कहा जा सकता है ? ‘संस्कृति’ पाठ के आधार पर तर्क सहित स्पष्ट कीजिए ।
उत्तरः
संस्कृत व्यक्ति वह होता है जिस में अपनी बुद्धि तथा योग्यता के आधार पर किसी नए तथ्य की खोज करने की क्षमता हो जिससे मानवता का कल्याण हो सके। जिस प्रकार न्यूटन ने अपनी योग्यता के द्वारा गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत का आविष्कार किया, उस आधार पर न्यूटन संस्कृत मानव सिद्ध होते हैं, क्योंकि उन्होंने अपनी बुद्धि के द्वारा कुछ नया सोचा और अपनी योग्यता के आधार पर एक नई खोज की।

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12. पद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए – (2 × 3 = 6)

(क) ‘क्रोध से बात और अधिक बिगड़ जाती है। ”राम-लक्ष्मण – परशुराम संवाद’ कविता के आलोक में इस कथन की पुष्टि कीजिए ।
उत्तरः
यह कथन पूर्णतः सत्य है कि क्रोध से बात और अधिक बिगड़ जाती है। क्रोध की प्रबल अवस्था में मनुष्य को करणीय और अकरणीय का ध्यान नहीं रहता । क्रोधी व्यक्ति का अपनी वाणी पर नियंत्रण नहीं रहता । ऐसी स्थिति में अपने कठोर वचनों और व्यंग्य बाणों द्वारा वह किसी का भी अपमान कर देता है। उसके अपमानजनक शब्दों को सुनकर विपक्षी भी प्रत्युत्तर में कटु वचन बोलता है और बात बिगड़ जाती है। जिस प्रकार ‘राम-लक्ष्मण – परशुराम संवाद’ प्रसंग में परशुराम जी के कटु वचन बोलने पर लक्ष्मण भी क्रोधित होकर उनकी गरिमा, पद और अवस्था का ध्यान ना रखते हुए व्यंग्य और कठोर वचनों से उत्तर देते हैं। यदि ऐसे में श्री राम अपने विनम्र वचनों द्वारा परशुराम के क्रोध को शांत न करते तो उसका परिणाम अनिष्टकारी हो सकता था ।

(ख) आपके पाठ्यक्रम की किस कविता में कवि ने बादल से फुहार, रिमझिम तथा बरसने के स्थान पर गरजने के लिए कहा है? इस आहवान का क्या कारण है? अपने शब्दों में लिखिए ।
उत्तरः
हमारी पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘उत्साह’ कविता में कवि ‘निराला’ बादलों से बरसने के स्थान पर गर्जना करने को कहते हैं । निराला जी की ‘उत्साह’ कविता एक आह्वान गीत है। जिसमें कवि नव-निर्माण हेतु विप्लव या क्रान्ति का आह्वान करता है । बादलों की फुहार या उनका रिमझिम बरसना मृदुलता और कोमल सोच के प्रतीक हैं, इनसे मन में कोमल भावनाओं का संचार होता है। ऐसे भावों से कवि का उद्देश्य पूरा नहीं होता। नव परिवर्तन और क्रांति के लिए विद्रोह आवश्यक है। इसी की अपेक्षा करते हुए कवि बादलों से गर्जना करने के लिए कहता है ।

(ग) ‘पिघलकर जल बन गया होगा कठिन पाषाण ।’ यह पंक्ति किस कविता से ली गई है और इसके माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?
उत्तर:
‘पिघल कर जल बन गया होगा कठिन पाषाण’- यह पंक्ति यह दंतुरित मुसकान’ कविता से ली गई है। इसके माध्यम से कवि ने शिशु की भोली और निश्छल मुसकान के प्रभाव का वर्णन किया है । कवि के अनुसार शिशु की भोली मुसकान को देखकर पाषाण के समान कठोर हृदय में भी स्नेहिल भावनाओं का संचार होने लगता है। शिशु का कोमल स्पर्श पाकर निष्ठुर हृदय भी सहृदय हो उठता है।

(घ) आत्मकथा लिखने के लिए किन गुणों की आवश्यकता होती है ? कवि के लिए यह कार्य कठिन क्यों था ? सोचकर लिखिए ।
उत्तरः
आत्मकथा लिखने के लिए किसी व्यक्ति में व्यक्तित्व की विशालता के साथ-साथ ईमानदारी, साहस और सच्चाई जैसे गुणों का होना अत्यंत आवश्यक है। ‘जयशंकर प्रसाद’ के अंदर यह समस्त गुण विद्यमान थे, किंतु अपनी विनम्रता और महानता के कारण उन्हें लगता था कि उनके जीवन में कोई भी ऐसी महान उपलब्धि नहीं है, जिसकी सराहना की जाए जिसे अन्य लोगों के साथ साझा किया जाये। उनका मानना था कि उनके जीवन में ऐसा कुछ भी नहीं है, जिससे लोग प्रेरणा ले सकें । इसीलिए वे अपने जीवन को आत्मकथा लिखने योग्य नहीं मानते थे ।

13. पूरक पाठ्यपुस्तक के पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए- (4 × 2 = 8)

(क) “वहीं सुख, शांति और सुकून है, जहाँ अखंडित संपूर्णता है। पेड़, पौधे, पशु और आदमी सब अपनी-अपनी लय, ताल और गति में हैं | हमारी पीढ़ी ने प्रकृति की इस लय, ताल और गति से खिलवाड़ कर अक्षम्य अपराध किया है ।” ‘साना-साना हाथ जोड़ि ‘ पाठ के आधार पर बताइए कि इस अक्षम्य अपराध का प्रायश्चित मनुष्य किस प्रकार कर सकता है?
उत्तरः
प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना हम सब का उत्तरदायित्व है । किन्तु वर्तमान में मनुष्य अपने इस उत्तरदायित्व को विस्मृत कर बैठा है । आज मानव ने प्रकृति का अंधाधुंध तरीके से दोहन किया है। वृक्षों के अंधाधुन कटाव और बढ़ते प्रदूषण से पर्यावरणीय संतुलन बिगड़ गया है । प्रकृति के साथ आज जिस प्रकार का खिलवाड़ किया जा रहा है इसके भूकंप, बाढ़, भूस्खलन जैसे भयावह दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं। निश्चय ही समय रहते हमें अपनी इस भूल को सुधारना होगा। आवश्यकता है कि हम प्रकृति के प्रति संवेदनशील बनें। अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें, वाहनों का यथासंभव कम प्रयोग करके, वायु प्रदूषण को रोकें, साथ ही पॉलिथीन, फैक्ट्रियों का गंदा पानी, अपशिष्ट पदार्थों और नालियों के गंदे पानी को नदियों में न जाने दें। मनुष्य को प्रकृति और पर्यावरण के अनुकूल व्यवहार करना होगा । हमें प्रकृति और पर्यावरण मित्र की भूमिका संकल्पित होकर निभानी चाहिए। तभी इस अक्षम्य अपराध का प्रायश्चित हो सकेगा ।

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(ख) रचनाकार की भीतरी विवशता ही उसे लेखन के लिए मजबूर करती है और लिखकर ही रचनाकार उससे मुक्त हो पाता है । ‘मैं क्यों लिखता हूँ, पाठ के आधार पर हिरोशिमा घटना से जोड़ते हुए इस कथन की पुष्टि कीजिए ।
उत्तरः
अज्ञेय जी बाहरी दवाब और प्रत्यक्ष अनुभव की अपेक्षा अनुभूति को लेखन के लिए अधिक महत्वपूर्ण मानते हैं । अज्ञेय जी के अनुसार भीतरी विवशता लेखन के लिए विवश करती है और यह विवशता अनुभूति से उत्पन्न होती है। जब तक हृदय में अनुभूति न जागे लेखन कार्य संभव नहीं है। अनुभूति, किसी रचनाकार के हृदय के समस्त भावों को बाहर निकालने और उन्हें प्रकट करने में अधिक सक्षम होती है। अनुभूति ही हृदय में संवेदना जाग्रत करके लेखन के लिए विवश और प्रेरित करती है । हिरोशिमा की घटना से लेखक जब शुरू में अवगत हुए तब चूँकि उनके अंदर अनुभूति नहीं हुई, इसलिए उन्होंने इस विषय पर कुछ नहीं लिखा परंतु जब लेखक ने हिरोशिमा की विभीषिका को पत्थर पर उतरी मनुष्य की छाया से अनुभव किया तब इसी अनुभूति से प्रेरित होकर उसने अपने हृदय की संवेदना को ‘हिरोशिमा’ कविता के रूप में लिख दिया।

(ग) ‘माता का अँचल’ पाठ में भोलानाथ का अपने माता-पिता से बहुत लगाव है । बचपन में हर बच्चा एक पल के लिए भी माता- 1 का साथ नहीं छोड़ना चाहता है, किंतु माता-पिता के बूढ़े हो जाने पर इनमें से ही कुछ उन्हें साथ न रखकर वृद्धाश्रम में पहुँचा देते हैं। ऐसे लोगों को आप किन शब्दों में समझाएँगे? विचार करके लिखिए ।
उत्तर:
माता-पिता अपने बच्चों के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर देते हैं । बच्चा भी बचपन में अपने हर कार्य के लिए माता-पिता पर आश्रित होता है और एक पल के लिए भी उनका साथ नहीं छोड़ना चाहता है, किंतु बड़े होकर इनमें से कुछ बच्चे स्वयं आत्मनिर्भर हो जाने और माता-पिता के बूढ़े हो जाने पर उन्हें वृद्धाश्रम में छोड़ आते हैं । व्यक्तिगत हितों को सर्वोपरि समझना, एकल परिवार को प्राथमिकता देना, बढ़ती उपभोक्तावादी सोच और संवेदनशीलता में कमी आना आदि माता-पिता को अपने से दूर रखने के प्रमुख कारण हैं। ऐसे में हमें उन बच्चों को भावात्मक रूप से यह समझाना चाहिए कि वह अपने माता-पिता को वृद्धाश्रम भेजने से पूर्व स्वयं को उनके स्थान पर रखकर देखें कि यदि कल को उनकी संतान उनके साथ ऐसा व्यवहार करेगी तो उन्हें कैसा लगेगा। सभी बच्चे अपने माता-पिता के जीवन की पूँजी होते हैं, उनके जीवन का एकमात्र सहारा होते हैं। बच्चों का परम कर्तव्य है कि जब माता-पिता को उनकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है उस वक्त उनकी सेवा करें, उनके प्रति अपने कर्तव्य का निर्वाह करें।

14. निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में सारगर्भित अनुच्छेद लिखिए-

(क) जीवन का कठिन दौर और मानसिक मजबूती
संकेत बिन्दु-
मानसिक दृढ़ता से मुश्किल हालातों का सामना संभव
कठिन हालातों से दो-दो हाथ करने की शक्ति
अनेक संघर्षशील व्यक्तियों के उदाहरण
मानसिक दृढ़ता का संकल्प
उत्तर:

जीवन का कठिन दौर और मानसिक मजबूती

सुखद एवं सफल जीवन के लिए मानसिक स्वास्थ्य परम आवश्यक तत्व है। जीवन में घट रही घटनाओं पर नियंत्रण रखने की ताकत ही हमारी मानसिक शक्ति कहलाती है। दुनिया में ऐसा कोई भी नहीं, जिसके जीवन में प्रतिकूल परिस्थितियाँ नहीं आतीं। कुछ लोग विपरीत परिस्थितियों धैर्य न रखने के कारण जीवन से निराश हो जाते हैं। कोविड- 19 महामारी के दौर में लंबे समय तक घर में रहने के कारण एकाकीपन, चिंता, डर और अनिश्चितता ने लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाला है। मानसिक स्वास्थ्य का सीधा संबंध हमारे शारीरिक, भावनात्मक एवं मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य से होता है । अत्यधिक तनाव से हमारे शरीर में अनेक दुष्प्रभाव, जैसे- घबराहट, चिड़चिड़ापन, उदासी और उलझन का बढ़ जाना, थकान होना, ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव, शरीर का ऊर्जाहीन महसूस होना आदि परिलक्षित होते हैं । उस तनाव का असर शरीर, दिमाग, भावनाओं और व्यवहार पर भी पड़ने लगता है। सफल और सुखद जीवन जीने के लिए स्वयं को मानसिक रूप से मजबूत करना बहुत जरूरी है। इसके लिए आवश्यक है कि हम नकारात्मक विचारों को अपने मन में न आने दें, परिवार और मित्रों के साथ अधिक समय बिताएँ, घर के बाहर प्रकृति के निकट जाएँ, संगीत सुनें, पौष्टिक भोजन खाएँ और व्यायाम करें। अगर मन में कोई चिंता या उदासी है तो उसे अपने अंदर छिपाएँ नहीं, बल्कि परिजनों के साथ बाँटें । दृढ़ निश्चयी लोग हर मुसीबत पर नियंत्रण पा लेते हैं । विश्व प्रसिद्ध रवीन्द्रनाथ टैगोर, अल्बर्ट आइंस्टीन, वॉल्ट डिज्नी, बिल गेट्स आदि ऐसे ही संघर्षशील व्यक्तियों के उदाहरण हैं, जिन्होंने असफलताओं से हार नहीं मानी। अतः हमें भावनात्मक और मानसिक रूप से मजबूत रहकर सकारात्मक ढंग से अपने समय का उपयोग करना चाहिए ।

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(ख) साइबर युग, साइबर ठगी : सावधानियाँ एवं सुरक्षा उपाय
संकेत बिन्दु-
बढ़ते ऑनलाइन कार्य
साइबर ठगी की बढ़ती घटनाएँ
सावधानियाँ
इससे बचने के उपाय
उत्तरः

साइबर युग, साइबर ठगी : सावधानियाँ एवं सुरक्षा उपाय

तकनीकी प्रगति और कम्प्यूटर पर इंटरनेट के बढ़ते प्रयोग के साथ ही साइबर ठगी और उससे संबंधित अपराध तेज़ी से बढ़ रहे हैं। कम्प्यूटर या इंटरनेट का उपयोग करके किए गए अपराध साइबर अपराध की श्रेणी में आते हैं। इसमें शामिल लोगों को हैकर के नाम से जाना जाता है । आजकल सामाजिक नेटवर्किंग, ऑनलाइन खरीद, पढ़ाई, नौकरियों की तलाश, गेम खेलना आदि के अत्यधिक प्रचलन के कारण भोले-भाले और कई बार पढ़े-लिखे लोग भी ठगी के शिकार हो रहे हैं। ये हैकर ऐसी वेबसाइट बनाते हैं जहाँ पर कुछ लालच देकर वे लोगों को किसी चीज को खरीदने के लिए ऑफर देते हैं और उनका एटीएम या मोबाइल नंबर लेकर आसानी से अपना शिकार बना लेते हैं। साइबर अपराध के अंतर्गत आर्थिक हानि, गोपनीय जानकारी चुराना, साइबर आतंकवाद, ऑनलाइन उत्पीड़न, नशीली दवाओं की तस्करी यहाँ तक कि राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी दस्तावेज चुराना आदि शामिल हैं। यह अपराध आज पूरे विश्व में इतनी तेज़ी से फैले हैं कि अपराधियों को पकड़ना असंभव-सा होता जा रहा है। साइबर अपराधी रिकॉर्ड में हेरफेर करने और सुरक्षित रहने के लिए विकासशील देशों के विकसित कानून का उपयोग करते हैं। साइबर ठगी से सुरक्षित रहने के लिए हमें सोशल मीडिया पर अपने प्रत्येक खाते की गोपनीयता को सुनिश्चित करना चाहिए, मजबूत पासवर्ड का उपयोग तथा अपने कम्प्यूटर में एंटीवायरस प्रोग्राम सॉफ्टवेयर का उपयोग करना चाहिए। उसे अपडेट करते रहें और सतर्क रहें । साइबर अपराधों को रोकने के लिए जागरूकता के साथ ही कानूनों को सख्त बनाने की जरूरत है। बच्चों को भी इससे अवगत कराएँ ताकि वे किसी भी दुरुपयोग या उत्पीड़न के बारे में तुरंत बता सकें ।

(ग) बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय
संकेत बिन्दु-
दूसरों की कमियाँ देखना स्वाभाविक प्रवृत्ति इस प्रवृत्ति का समाज पर प्रभाव
अपने अंदर झाँकना आवश्यक आत्मनिरीक्षण का संकल्प

उत्तरः

बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय

संत कबीर दास के दोहों में लोक जीवन की महक, अनुभव और सच्चाई के दर्शन होते हैं। उनका एक प्रसिद्ध दोहा है – ‘बुरा जो देखन मैं चला बुरा न मिलिया कोय’ । इस के माध्यम से उन्होंने आत्मावलोकन का संदेश देते हुए कहा है कि जब मैंने संसार में बुरे लोगों की खोज की तो कोई नहीं मिला और अंतत: अपनी अंतरात्मा में झाँकने पर इस संसार में मुझसे अधिक बुरा कोई नहीं था । अच्छाई और बुराई मानव के अंदर ही होती है, उसे बाहर खोजने की कोई आवश्यकता नहीं है। मानव स्वभाव से अंतर्मुखी कम और बर्हिमुखी अधिक होता है इसीलिए अपनी अंतरात्मा में झाँकने की अपेक्षा और दूसरों के अवगुणों की ओर अधिक ध्यान देता है। दूसरों की बुराई ढूँढ़ना या दोष देखना सज्जनों का कार्य नहीं है। स्वयं को श्रेष्ठ और दूसरों को हीन समझने की प्रवृत्ति के कारण मनुष्य अपने प्रियजनों से दूर होता जाता है। इस प्रवृत्ति से परस्पर मतभेद और वैमनस्य बढ़ता है। इसलिए यह आवश्यक है कि हम दूसरों के अवगुणों को देखने की अपेक्षा अपनी कमियों को जानकर उन्हें दूर करने का प्रयत्न करें। व्यक्ति को आत्म-1 – चिंतन की प्रवृत्ति विकसित करनी चाहिए। इससे दूसरे के दोष देखने की प्रवृत्ति भी खत्म होने लगती है और मनुष्य धीरे-धीरे अवगुणों को त्याग कर सद्गुणों को ग्रहण करने की प्रवृत्ति में संलग्न हो जाता है। यह भावना उसे पवित्र बना देती है। विवेकशील और ज्ञानी महापुरुष सदैव दूसरों के सद्गुणों को अपनाने का प्रयास करते हैं। अत: स्वयं के परिष्कार के लिए हम सबको आत्मनिरीक्षण का संकल्प लेना चाहिए।

15. आप मनस्वी मौर्य / मनस्विता मालवीय हैं। बरसात के दिनों में दुर्घटना को दावत देते खुले पड़े सीवर लाइन के मेनहोलों के संदर्भ में दैनिक जागरण, अ ब स नगर के संपादक को एक समाचार प्रकाशित करने का अनुरोध करते हुए लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए ।
अथवा
आप श्रेयस राजपूत / श्रेयसी सिंह हैं | आप छात्रावास में रहते हैं। आपको पिताजी से पता चला है कि आपकी माताजी पूरे परिवार का तो ध्यान रखती हैं, किंतु अपने स्वास्थ्य की अक्सर अनदेखी करती हैं । माताजी को समझाते हुए लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए ।
उत्तरः
प्रेषक
मनस्विता मालवीय
अबस नगर
दिनांक…
सेवा में,
संपादक,
दैनिक जागरण,
अबस नगर ।
विषयः खुले पड़े सीवर लाइन के मैनहोलों के कारण हो रही दुर्घटनाओं के संदर्भ में ।
महोदय,
आपके प्रतिष्ठित समाचार पत्र के माध्यम से मैं नगर निगम के अधिकारियों का ध्यान नगर में स्थान-स्थान पर खुले पड़े सीवर के मैनहोलों की ओर आकर्षित करना चाहती हूँ। मेरा अनुरोध है कि मेरे इस पत्र को आप अपने दैनिक समाचार पत्र ‘जनवाणी’ स्तंभ में स्थान देने का कष्ट करें।

महोदय, जैसा कि विदित है कि इस वर्ष, वर्षा की अधिकता के कारण नगर में जगह-जगह जल भराव की अत्यंत गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई है। ऐसे में स्थान-स्थान पर खुले पड़े सीवर के मैनहोल भारी दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रहे हैं। वर्षा के कारण हुए जलभराव से सड़कों पर पैदल चलने वाले और वाहन चालकों को इस बात का आभास भी नहीं होता है कि किस स्थान पर सीवर का मैनहोल खुला हुआ है और वे अनजाने ही भयंकर दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। पिछले दिनों नगर में इस प्रकार की कई घटनाएँ हुई हैं, किंतु अत्यंत खेद का विषय है कि नगर निगम के पदाधिकारियों का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है ।

आशा करती हूँ कि आपके लोकप्रिय समाचार पत्र के माध्यम से नगर निगम के उच्च पदाधिकारियों का ध्यान इस समस्या की ओर अवश्य जाएगा और वे इसके निराकरण का प्रयास अवश्य करेंगे।
भवदीया
मनस्विता मालवीय
अबस नगर

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 1 with Solutions

अथवा

छात्रावास
मानस विद्यालय
क ख ग नगर
दिनांक …
आदरणीया माताजी,
सादर चरण स्पर्श ।
कल ही मुझे पिताजी का पत्र प्राप्त हुआ, जिससे मुझे आपकी अस्वस्थता के विषय में ज्ञात हुआ। माँ मुझे बहुत चिंता हो रही है, क्योंकि इस वर्ष छुट्टियों में घर आने पर मैंने भी देखा था कि आप बहुत कमजोर हो गई हैं। आप परिवार के सभी सदस्यों का पूरा ध्यान रखती हैं, किंतु अपने स्वास्थ्य की ओर बिल्कुल ध्यान नहीं देती हैं।

माँ पिताजी के स्थानांतरण के बाद आपके ऊपर पूरे घर का उत्तरदायित्व आ गया है, यदि आप ही स्वस्थ नहीं रहेंगी तो परिवार का ध्यान किस प्रकार रख पाएँगी ? इसलिए यह आवश्यक है कि आप अपने स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखें। समय पर पौष्टिक भोजन करें, भरपूर नींद लें और हल्का-फुल्का व्यायाम भी करें। अभी कुछ समय पश्चात ही मेरी छुट्टियाँ शुरू होने वाली हैं। मुझे आशा है कि अब की बार जब मैं घर आऊँगा तो आप मुझे स्वस्थ मिलेंगी। आदरणीय दादाजी को और दादी जी को मेरा चरण स्पर्श और छोटी बहन को स्नेह कहिएगा ।
आपका प्रिय पुत्र
श्रेयस राजपूत

16. आप तरुण वैश्य/तरुणा वैश्य हैं। आप बी.एड. कर चुके हैं। आपको विवेक इंटरनेशनल स्कूल, अ ब स नगर में हिंदी अध्यापक/अध्यापिका पद के लिए आवेदन करना है। इसके लिए आप अपना एक संक्षिप्त स्ववृत्त (बायोडाटा) लगभग 80 शब्दों में तैयार कीजिए । (5)
अथवा

आप रॉबर्ट पॉल/डॉली डिसूजा हैं। आपने अ ब स प्रकाशन, क ख नगर से ऑनलाइन कुछ पुस्तकें मँगवाई थीं। प्रकाशन द्वारा उनमें से दो पुस्तकें किसी अन्य लेखक की भेज दी गई हैं और एक पुस्तक के पहले कुछ पेज फटे हुए हैं। इसकी शिकायत करते हुए तथा इन पुस्तकों को शीघ्र लौटाने और नई पुस्तकें भिजवाने के लिए प्रकाशन के वरिष्ठ प्रबंधक को लगभग 80 शब्दों में एक ई-मेल लिखिए ।
उत्तरः सेवा में,
प्रबंधक,
विवेक इंटरनेशनल स्कूल,
अ ब स नगर ।
विषय: हिंदी अध्यापक के पद हेतु
महोदय,
स्थानीय रोजगार समाचार पत्र दिनांक 15 अप्रैल, 20xx में निकले विज्ञापन के सन्दर्भ में मैं, तरुण वैश्य आपके विद्यालय के रिक्त पद हेतु अपना आवेदन प्रस्तुत करते हुए स्ववृत्त प्रेषित कर रहा हूँ, जो निम्नवत् है-
नाम – तरुण वैश्य
पिता का नाम – श्री राजनाथ वैश्य
माता का नाम – श्रीमती ममता वैश्य
जन्मतिथि – 13 सितंबर, 1997
वर्तमान पता – 28, गंगानगर, मेरठ, उत्तर प्रदेश
मोबाइल नं – 964xxxxxxx
ई-मेल पता – tarunvaishv97@gmail.com

शैक्षणिक योग्यता :

कक्षा वर्ष विद्यालय/बोर्ड विषय उत्तीर्ण/प्रतिशत
1. दसवीं 2013 सी.बी.एस.ई. हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान 86%
2. बारहवीं 2015 सी.बी.एस.ई. हिंदी, संस्कृत, इतिहास, भूगोल, राजनीति शास्त्र 84%
3. स्नातक 2018 मेरठ विश्वविद्यालय हिंदी, अंग्रेजी, इतिहास 85%
4. बी.एड. 2019 मेरठ विश्वविद्यालय हिंदी 86%
5. परास्नातक 2021 मेरठ विश्वविद्यालय हिंदी 88%

अन्य योग्यताएँ-

  • कम्प्यूटर में एक वर्षीय डिप्लोमा
  • हिंदी, संस्कृत में दक्षता और अंग्रेजी भाषा का कार्य साधक ज्ञान
  • हिंदी टंकण में सक्षम

अभिरुचियाँ-

  • संगीत, गायन एवं वादन
  • शिक्षण में नवाचार एवं आधुनिक तकनीकों का प्रयोग करने में अभिरुचि
  • खेलकूद एवं योग

मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि मैं अपना कार्य पूर्ण निष्ठा से करूँगा । आपसे अनुरोध है कि मेरे आवेदन पत्र पर सकारात्मक विचार करते हुए मुझे सेवा का अवसर दें।
हस्ताक्षर…
दिनांक..

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 1 with Solutions

अथवा

दिनांक : 04 अगस्त 20xx

From: dollydisooza011@gmail.com
To: managerabcpulicationltd@gmail.com
Subject: ऑनलाइन प्राप्त पुस्तकों के संदर्भ में
महोदय,
निवेदन है कि मैंने दिनांक 25 जुलाई, 20xx को आपके अ ब स प्रकाशन से ऑनलाइन कुछ पुस्तकें मँगवाने का ऑर्डर ( ऑर्डर संख्या 005634) दिया था। आज दिनांक 4 अगस्त को अभी-अभी वह ऑर्डर मुझे प्राप्त हो गया है, किंतु अत्यंत खेद का विषय है कि मैंने अज्ञेय जी की रचना ‘नदी के द्वीप’ और ‘कितनी नावों में कितनी बार’ की एक-एक प्रति का ऑर्डर दिया था, किंतु उसके स्थान पर जयशंकर प्रसाद रचित ‘कामायनी’ की दो प्रतियाँ मुझे प्राप्त हुई हैं। साथ ही प्राप्त मुंशी प्रेमचंद के प्रसिद्ध उपन्यास ‘गोदान’ पुस्तक के पहले कुछ पृष्ठ भी फटे हुए हैं।
अतः आपसे अनुरोध है कि इन तीनों पुस्तकों को लौटाने और इनके स्थान पर शीघ्र नई पुस्तकें भेजने की व्यवस्था करने की कृपा करें। I
सधन्यवाद
डॉली डिसूजा
क ख ग नगर ।

17. आपके चाचा जी ने रेडीमेड कपड़ों की एक दुकान खोली है। वे प्रचार-प्रसार के लिए स्थानीय समाचारपत्र में उसका विज्ञापन देना चाहते हैं। आप उनके लिए लगभग 60 शब्दों में एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए ।
अथवा
आप सौम्य गर्ग / सौम्या गर्ग हैं। आपके भैया-भाभी की पहली वैवाहिक वर्षगाँठ (एनिवर्सरी) है। इस अवसर पर उनके लिए लगभग 60 शब्दों में शुभकामना एवं बधाई संदेश लिखिए ।
उत्तर:
CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 1 with Solutions - 1

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 1 with Solutions

अथवा

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 1 with Solutions - 2