The Bishop’s Candlesticks Summary In English
Norman McKinnell s The Bishop’s Candlesticks ’is a very popular play based on the theme that love and kindness can change a man rather than violence. The play is about a convict who was arrested because he stole foodfor his starving and dying wife. He was put in jail where he was tortured and treated like an animal. He ran away from the ‘hell’ and broke into the Bishop’s house. The Bishop represented all the noble Christian virtues and gave clothes and bed to the convict. The Bishop’s kind behaviour softened the convict a little but he could not contain himself from stealing his silver candlesticks. He was captured and brought back The Bishop saved him by telling the police that those candlesticks were a gift from him. The act of the Bishop transformed the convict. He now believed that the spirit of God dwells in the heart of every human being.
Bishop Always Ready to Help Others
The Bishop is always ready to help the needy pa-sons of his parish. He goes to attend to Marie’s mother who is feeling poorly. He is out in cold without supper. He sells his salt cellars to help Mere Gringoire to pay her rents. His sister Persome feels that her brother is the dupe of every idle vagabond and old lying woman. He has sold his land, his furniture and spent all his savings to help others. Persome feels that her brother’s generosity and innocence is being misused by the people of his parish. But the Bishop thinks that this world is full of suffering and he can do very little to help the sufferers.
Convict Enters Stealthily with a Knife
The convict enters with a long knife and seizes the Bishop from behind. He warns the Bishop not to play any trick with him. He is too old a bird to be caught with chaff. Persome is frightened when she sees a knife in his hand. The convict is staring at them like a wild beast. The Bishop asks Persome to give company to the guest at supper. The convict eats greedily and throws a bone on the floor. Persome leaves the Bishop with the convict and goes to her room. Then the convict narrates his story.
Convict Narrates His Tragic Story
Once the convict had a little hut and a wife. Then came the bad year. He was out of job and had no money. His wife Jeanette fell ill. She was dying. He stole to buy her food. He was arrested. He pleaded to them why he stole but they laughed at him. He was sentenced to ten years in the prison hulks. The night he was sentenced, he was told that Jeanette was dead.
Life in ‘Hell’
He was no more a man now. He became a wild beast. The jail employees chained him like a wild beast. They lashed him like a hound. He was fed on filth and covered with vermin. They took away his soul and gave a devil in its place. But one day they were careless and he escaped.
Convict Steals Bishop’s Silver Candlesticks
The convict comes to know that he is with a Bishop. He warns him not to try to convert him. He doesn’t want any damn religion and the church. The Bishop asks him to go to bed. When left alone, the convict sees the silver candlesticks. He knows that they were given to the Bishop by his mother. His heart goes soft. But he soon hardens himself, steals the candlesticks and goes out into the darkness.
Convict is Caught and Brought Back to Bishop
When Persome and the Bishop get up next morning, they find the candlesticks and the convict missing. Soon they hear a knocking. A sergeant enters with three soldiers and the convict in chains. The sergeant tells that they found him (convict) walking on the road with the candlesticks. They arrested him on suspicion. They identified the candlesticks of the Bishop and so they brought them there to him. The Bishop saves the convict by declaring that those candlesticks were given to him as a gift. The convict is freed again.
Convict is Transformed
The Bishop saves the convict from going to “hell” again. This leaves a deep impression on the convict. He is a transformed man now. He is no more a wild beast. He sobs and repents. The Bishop gives him the candlesticks and the convict takes them in absolute amazement. The Bishop shows him a very lonely path through the woods at the back of his cottage leading to Paris. The soldiers don’t like lonely paths at night. The Bishop blesses the convict and tells him that “this poor body is the Temple of the Living God”.
The Bishop’s Candlesticks Summary In Hindi
Bishop सदैव दूसरों की सहायता के लिये तत्पर Bishop अपने चर्च के क्षेत्र में रहने वाले सभी जरूरतमंद लोगों की सहायता करने के लिए सदा तैयार रहता है। वह मेरी की माँ जिसकी तबियत ठीक नहीं है उसकी देख-भाल करने जाता है। वह बिना रात्रि भोजन किये ठण्ड में निकल पड़ता है। वह Mere Gringoire को अपना किराया चुकाने के लिये अपनी नमकदानी बेच देता है। उसकी बहन Persome सोचती है। कि उसके भाई को किसी भी आवारा आदमी और झूठी बुढ़िया द्वारा बेवकूफ बनाया जा सकता है। दूसरों की मदद के उद्देश्य से उसने अपनी भूमि, साज सामग्री को बेच दिया और सभी प्रकार की अपनी बचत भी खर्च कर दी। Persome यह अनुभव करती है कि उसके चर्च के क्षेत्र में रहने वाले लोग उसके भाई की दानवीरता और मासूमियत का गलत फायदा उठाते हैं। लेकिन Bishop यह सोचता है कि ये संसार कष्टों से भरा पड़ा है और वह पीड़ितों के कष्ट दूर करने के लिये थोड़ा काम कर सकता है।
अपराधी चुपके से चाकू के साथ प्रवेश करती हैं। अपराधी चुपके से एक लम्बे चाकू के साथ प्रवेश करता है। और Bishop को पीछे से पकड़ लेता है। वह उन्हें उसके साथ कोई भी चालबाजी न खेलने की चेतावनी देता है। वह अब इतना अनुभवी पक्षी हो गया है कि उसे चुग्गा डालकर नहीं पकड़ा जा सकता। Persome उसके हाथ में चाकू देखकर घबरा जाती है। वह एक जंगली दरिंदे की तरह उनकी ओर घूर रहा है। Bishop, Persome को कहता है कि रात्रिभोज पर वह मेहमान का साथ निभाये। अपराधी लालची ढंग से खाता है और फर्श पर एक हड्डी फेंक देता है। Persome अपराधी को Bishop के साथ छोड़ अपने कमरे में चली जाती है। फिर अपराधी अपनी कहानी सुनाता है।
अपराधी अपनी दुखान्तपूर्ण कहानी कहता है
कभी अपराधी की अपनी एक कुटिया और एक पत्नी थी। फिर एक बुरा साल आया। उसकी नौकरी छूट गयी और उसके पास पैसे नहीं थे। उसकी पत्नी Jeanette बीमार पड़ गयी। वह मर रही थी। उसने उसके लिये खाना खरीदने के लिये चोरी की। उसे पकड़ लिया गया। उसने उनसे चोरी का कारण बताया लेकिन वे उस पर हँसने लगे। उसे दस साल तक जहाजनुमा जेल में कैद की सजा सुनायी गयी। जिस रात को उसे सजा सुनायी गयी, उसे बताया गया कि Jeanette की मौत हो गयी है।
“नर्क” का जीवन
अब वह एक आदमी नहीं रहा। वह एक जंगली दरिंदा बन चुका था। जेल के कार्यकर्ता उसे शिकारी कुत्ते की तरह जंजीरों में बाँध रखे थे। उसे गन्दगी खिलायी जाती थी और कीड़े-मकौड़ों से ढक दिया जाता था। उन्होंने उससे उसैकी आत्मा छीन ली और उसकी जगह शैतान को बैठा दिया। लेकिन एक दिन वे लापरवाह हो गये और वह वहाँ से भाग गया।
अपराधी Bishop की चाँदी की मोमबत्तियाँ चुराता है।
अपराधी को पता चलता है कि वह एक पादरी के साथ है। वह उसे चेतावनी देता है कि वह उसे बदलने का प्रयत्न न करे। वह किसी भी अभिशापित धर्म और चर्च को नहीं चाहता। Bishop उसे सोने के लिये कहता है जब अपराधी अकेला रह जाता है तो वह चाँदी की मोमबत्तियों को देखता है। वह जानता है कि Bishop को अपनी माँ से ये मोमबत्तियाँ मिली हैं। उसका दिल नरमा जाता है। लेकिन वह शीघ्र ही अपने को मजबूत करता है, मोमबत्तियाँ, चुराता है और अन्धेरे में बाहर निकल जाता है।
अपराधी पकड़ा जाता है और Bishop के पास वापस लाया जाता है।
जब अगली सुबह Persome और Bishop उठते हैं तो वे मोमबत्तियों और अपराधी को गायब पाते हैं। शीघ्र ही वे खटखटाने की आवाज सुनते हैं। एक सारजेंट तीन सिपाहियों के साथ प्रवेश करता है और उनके साथ बंधा हुआ अपराधी भी है। सारजेंट बताता है कि उन्होंने उसे मोमबत्तियों के साथ सड़क पर चलते पाया था। उन्होंने उसे शक के आधार पर पकड़ लिया। उन्होंने Bishop की मोमबत्तियों को पहचान लिया और इसीलिए शिनाख्त (पहचान) के लिए उसे वहां ले आये हैं। Bishop यह घोषणा करके उसे बचाता है कि वे मोमबत्तियाँ उसने उसे एक उपहार के रूप में भेंट की थीं। अपराधी को फिर से छोड़ दिया जाता है।
अपराधी परिवर्तित हो जाता है।
Bishop अपराधी को फिर से उस “नर्क” में जाने से बचा लेता है। इसका अपराधी पर बहुत गहरा असर पड़ता है। अब वह एक परिवर्तित व्यक्ति था। अब वह एक जंगली दरिंदा नहीं था। वह सिसकियां भरता है और प्रायश्चित करता है। Bishop उसे मोमबत्तियाँ देता है और अपराधी पूर्ण हैरानी से उन्हें ले लेता है। Bishop उसे झोपड़ी के पीछे जंगल में से गुजरता हुआ एक बहुत सुनसान रास्ता बताता है जो पैरिस को जाता है। रात के समय सिपाही सुनसान रास्ते पसदं नहीं करते हैं। Bishop अपराधी को आशीर्वाद देता है और उसे बताता है कि ‘यह तुच्छ शरीर जीवित ईश्वर का एक मंदिर है।