Taros Reward Summary In English
There was a young woodcutter named Taro, He lived with his old parents on a lonely hillside. He earned only a small amount of money from his work. This made him sad because he wanted to make life better for his parents. One day it was very cold. Taro’s father said, “I wish I had a cup of sake”.
This made Taro sadder than ever, for the sake was very expensive. However, next morning, he got up earlier than usual and made for the forest He kept on chopping the wood for a long time. His mouth was dry and he felt thirsty, but he went on chopping the wood.
Suddenly a sound of water falling somewhere nearly made Taro stop his work. He had never seen or heard of rushing water nearby. He was very thirsty. He ran in the direction of the sound. Taro saw a small but beautiful waterfall He drank the liquid but to his surprise it was not water but sake. Taro had a pitcher with him. He filled it with delicious liquid and hurried home.
The old man was delighted with the liquid. He took just one swallow, This stopped his shivering and he began to dance. This was his way to show his happiness. That day, they had a visitor from the village who was offered sake. Taro told her the story of the magic waterfall. So the story spread other villagers came to Taro’s house and within half an hour, the pitcher was empty.
Next morning much before Taro all the villagers had reached the magic waterfall. However they became angry when they tasted the liquid. It was nothing but cold water. They were very angry and wanted to drown Tare who they thought had cheated them. Taro hid himself in the forest to escape their tre. When they had gone, hetasted the liquid himself. It was the same fine sake. It was now clear that the magle waterfall gave sake only to Taro. To all others it gave only water. Obwiously God was kind to Taro because he was a thoughtful son.
The story of Taro and his magie waterfall reached the emperor. He sent for Taro and rewarded him with twenty pieces of gold. Then he named the most beautiful fountain of the city after Taro. This was to encourage all children to honour and obey their parents.
Taros Reward Summary In Hindi
टैरो नामक एक युवा लकड़हारा था। अपने वृद्ध माता-पिता के साथ वह एकांत पहाड़ियों के बीच रहता था। अपने काम से उसे बहुत कम आमदनी होती थी। इससे वह दु:खी रहता था क्योंकि वह अपने माँ-बाप को एक बेहतर जीवन देना चाहता था। एक दिन सर्दी बहुत अधिक थी। टैरो के पिता ने कहा, “काश कि मुझे एक कप सेक मिल पाता !” इस बात से टैरो बहुत दु:खी हुआ क्योंकि सेक बहुत महँगा था। फिर भी अगले दिन वह सुबह प्रायः से जल्दी उठा और जंगल की तरफ चल पड़ा। बड़ी देर तक वह लकड़ी काटता रहा। उसका मुँह सूख रहा था और उसे प्यास लग रही थी पर वह लकड़ी काटता जा रहा था।
अचानक कहीं पास से आती हुई गिरते पानी की आवाज सुनकर टैरो ने काम रोक दिया। उसने कभी नजदीक बहते पानी की बात देखी या सुनी नहीं थी। उसे तेज प्यास लगी थी। उस आवाज की दिशा में वह दौड़ पड़ा। टैरो ने एक छोटा लेकिन सुन्दर झरना देखा। उसने उस द्रव को पीया पर वह हैरान रह गया, यह देखकर कि वह द्रव पानी न होकर सेक था। टैरो के पास एक घड़ा था। उस स्वादिष्ट द्रव को घड़े में भर कर टेरो तेज कदमों से घर की ओर चल पड़ा।
उस द्रव से बूढ़ा बहुत खुश हुआ। उसने एक बँट ही ली। इससे उसका काँपना बंद हो गया और वह नाचने लगा। अपनी खुशी दिखाने का उसका यह तरीका था। उस दिन गाँव से उनके घर एक मुलाकाती आई जिसे सेक दिया गया। टैरो ने उसे जादुई झरने की कहानी सुनाई। इस प्रकार कहानी फैल गयी : गाँव वाले दूसरे व्यक्ति टैरो के घर आये और आधे घंटे के अंदर घड़ा खाली हो गया।
अगले दिन, टैरो से बहुत पहले ही, सारे गाँव वाले जादुई झरने पर पहुँच चुके थे। परंतु द्रव को चखते ही, वे सारे क्रोधित हो गए। यह मात्र ठंडा पानी था। वे बड़े क्रोधित हुए और यह सोचकर कि टैरो ने उन्हें धोखा दिया | है, उसे पानी में डुबा देना चाहते थे। उनके गुस्से से बचने के लिए टैरो जंगल में छिप गया। उनके जाने के बाद, उसने उस द्रव को स्वयं चखा। यह तो वही स्वादिष्ट सेक था। अब यह बात साफ थी कि जादुई झरना सिर्फ टैरो को ही सेक देता था। अन्य सबको यह केवल पानी देता था। स्पष्टतः भगवान की कृपा टैरो पर थी क्योंकि उसे अपने माता-पिता का ख्याल था।
टैरो और उसके जादुई झरने की कहानी राजा तक पहुँची। उसने टैरो को बुलवाया और उसे सोने के बीस सिक्के इनाम में दिए। फिर उसने नगर के सबसे सुन्दर झरने का नाम टैरो रख दिया। अन्य सभी बच्चों को अपने माँ-बाप का आदर करने और उनकी आज्ञापालन के लिए प्रोत्साहित करने हेतु ऐसा किया गया।