NCERT Solutions for Class 5 पर्यावरण अध्ययन Chapter 14 जब धरती काँपी

NCERT Solutions for Class 5 पर्यावरण अध्ययन Chapter 14 जब धरती काँपी

स्मरणीय

  • भूकम्प–धरती के प्लेटों के दबाव, ज्वालामुखी के फटने के कारण धरती में कम्पन, जिससे जानमाल का काफी नुकसान होता है।
  • इंजीनियर-इंजन तथा अन्य तकनीक का विशेषज्ञ
  • वैज्ञानिक-विज्ञान का ज्ञाता
  • आर्किटेक्ट (वास्तुविद)-घर तथा इमारतें बनाने के विशेषज्ञ
  • बचाव कार्य प्राकृतिक तथा अन्य आपदाओं के समय लोगों को बचाने का कार्य
  • बाढ़-वैसी स्थिति जब कि शहरों तथा गाँवों में पानी फैल जाता है।
  • आँधी-काफी तेज हवाएँ ।
  • सूखा–बारिश कम होने या नहीं होने से उत्पन्न स्थिति

एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 132)
चर्चा करो और लिखो
प्रश्न 1.
क्या तुमने या तुम्हारे किसी जानने वाले ने कभी ऐसी मुसीबत का सामना किया है?
उत्तर:
हाँ, मेरे चाचा ने, जो सिक्किम में रहते हैं, पिछले वर्ष वहाँ आये भूकम्प का सामना किया है।

प्रश्न 2.
ऐसे समय में किन लोगों ने मदद की? उनकी सूची बनाओ।
उत्तर:
ऐसे समय में काफी लोगों ने उनलोगों की मदद की

  • पड़ोस में रहने वाले सभी लोगों ने एक दूसरे की मदद की।
  • स्थानीय नेताओं ने सबों की मदद की।
  • देश के नेताओं ने भी सभी की मदद की।
  • कई सरकारी तथा गैर-सरकारी संस्थाओं के सदस्य
  • डॉक्टर, नर्स तथा अन्य लोगों ने इस आपदा में हताहत तथा घायल लोगों की मदद की।
  • कुछ दुकानदारों ने सभी लोगों की मदद की।
  • दूसरे शहरों से लोगों ने मदद भेजी।

एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 134)
चर्चा करो
प्रश्न 1.
जस्मा के गाँव में बाहर के बहुत सारे लोग आए। ये कौन लोग होंगे? इन लोगों ने किस प्रकार की मदद की होगी?
उत्तर:
जस्मा के गाँव में बाहर के बहुत से आये लोगों में डॉक्टर, नेता, पुलिस तथा सेना के जवान, कई सरकारी तथा गैर-सरकारी संस्थाओं के सदस्य थे।
इन लोगों ने घायलों की मदद की। जिनके घर आदि टूट गये थे उनलोगों के रहने तथा खाने-पीने आदि की व्यवस्था की।

प्रश्न 2.
जस्मा के गाँव के लोगों ने अपना गाँव संस्था के बताए तरीके के अनुसार फिर से खड़ा किया। घरों को अब कैसे मजबूत बनाया?
उत्तर:
जस्मा के गाँव के लोगों ने इंजीनियर तथा विशेषज्ञों के द्वारा बताए गये तरीके के अनुसार फिर से घरों को बनाया जो कि भूकम्प में नहीं गिरेंगे। उन्होंने घर की नींवों, दीवारों तथा छतों को ज्यादा मजबूत बनाये।

प्रश्न 3.
सोचो, अगर तुम्हारे यहाँ भूकंप आ जाए, तो तुम्हारे घर में किस तरह का नुकसान हो सकता है?
उत्तर:
यदि कभी भूकम्प आ जाये तो घर की दीवारों में दरार पड़ सकती है। घर की छतें या दीवारें भी गिर सकती हैं।
इससे घर में रहने वाले लोग घायल हो सकते हैं तथा सामानों का नुकसान हो सकता है। लिखो।

प्रश्न 4.
अपने घर की तुलना जस्मा के घर से करो। दोनों घरों को बनाने के लिए इस्तेमाल की गई चीजों की सूची कॉपी में बनाओ।
उत्तर:

जस्मा का घर आपका घर
मिट्टी, गोबर, लकड़ी इत्यादि से बना हुआ सीमेंट, ईंट, लोहे की छड़े तथा लकड़ियाँ इत्यादि से बना हुआ

क्या-क्या करें?
प्रश्न 1.
संस्था के लोगों ने जस्मा के स्कूल में अभ्यास कराया कि भूकम्प आने पर क्या-क्या करना चाहिए।
उत्तर:

  • अगर हो सके तो घर से बाहर खुले में निकल जाओ।
  • अगर घर से बाहर निकल न पाओ, तो फर्श पर लेटकर किसी मजबूत चीज, जैसे मेज के नीचे छिप जाओ। उसे पकड़े रखो ताकि वह फिसलकर तुमसे दूर न जाए। कंपन रुक जाने तक इंतजार करो।
  • चित्र में देखो, भूकम्प आने पर क्या करोगे।

प्रश्न 2.
क्या तुम्हें कभी स्कूल में या कहीं और इस बारे में बताया गया है कि भूकंप जैसी मुसीबत के समय क्या करना चाहिए?
उत्तर:
हाँ, मेरे स्कूल में भूकम्प जैसे समय में सुरक्षा संबंधी तरीकों को बतलाया गया है।

प्रश्न 3.
भूकम्प के समय किसी मजबूत चीज के नीचे छिप जाने को क्यों कहा गया है?
उत्तर:
NCERT Solutions for Class 5 पर्यावरण अध्ययन Chapter 14 जब धरती काँपी 1
भूकम्प के समय किसी मजबूत चीज के नीचे छिप जाने के लिए इसलिये कहा जाता है ताकि उपर से गिरने वाली वस्तुओं से सुरक्षित रहा जा सके।

किसने की मदद?
भुज में आए भूकंप की टी.वी. पर आई इस रिपोर्ट को पढ़ो-
NCERT Solutions for Class 5 पर्यावरण अध्ययन Chapter 14 जब धरती काँपी 2

लिखो।
प्रश्न 1.
टी.वी. की रिपोर्ट के अनुसार गुजरात में हजारों लोग घायल हुए और मरे भी। अगर यहाँ बनी इमारतें भूकम्प से सुरक्षित होतीं, तो क्या नुकसान में कुछ अंतर होता? क्या?
उत्तर:
हाँ, अगर भुज में बनी इमारतें भूकम्प से सुरक्षित होतीं तो लोग ईमारतों के नीचे दब कर नहीं मरते तथा इमारतों के नीचे दबने से सामानों का नुकसान भी नहीं होता।

प्रश्न 2.
ऐसे समय पर जब लोगों के घर ही नहीं रहे, तब लोगों को किस-किस तरह की राहत की जरूरत पड़ी होगी?
उत्तर:
ऐसे समय पर जब लोगों के घर ही नहीं रहे तब लोगों को निम्नांकित तरह के राहत की जरूरत पड़ी होगी-

  • रहने की व्यवस्था
  • खाने की व्यवस्था
  • पीने का पानी
  • पहनने के लिए कपड़े
  • डॉक्टर तथा दवा की व्यवस्था
  • सुरक्षा की व्यवस्था

प्रश्न 3.
ऐसे में किन-किन की मदद की जरूरत पड़ती होगी और किस काम के लिए? कॉपी में तालिका बनाकर लिखो।

किन-किन की मदद की जरूरत काम में मदद।
1. कुत्ता सँघकर जानना कि लोग कहाँ दबे हैं।
2. बुलडोजर गिरे हुए मकानों के मलवे हटाने के लिए
3. डॉक्टर एवं दवा घायल व्यक्ति के ईलाज के लिए
4. अनाज प्रभावित लोगों के खाने के लिए
5. पानी प्रभावित लोगों के पीने के लिए।
6. कपड़े प्रभावित लोगों के पहनने के लिए
7. सुरक्षा प्रभावित लोगों को सुरक्षित रखने के लिए
8. कम्यूनिकेशन प्रभावित लोगों के द्वारा संदेश भेजने तथा प्राप्त करने के लिए

चर्चा करो
प्रश्न 1.
क्या तुमने कभी अपने इलाके में देखा है कि आस-पड़ोस के लोगों ने मिलकर एक-दूसरे की मदद की हो? कब-कब?
उत्तर:
हाँ, मैनें दरभंगा, बिहार में वर्ष 2004 में आये प्रलयंकारी बाढ़ के समय आस पड़ोस के लोगों को मिलकर एक-दूसरे की मदद करते देखा है।

प्रश्न 2.
लोग अक्सर एक जगह पर पास-पास क्यों बसते हैं?
उत्तर:
लोग अक्सर एक जगह पर पास-पास इसलिये बसते हैं ताकि मुसीबत के समय एक-दूसरे की मदद कर सकें तथा खुशियाँ आपस में बाँट सकें।

प्रश्न 3.
अगर तुम्हारा घर अपने इलाके में अकेला घर होता यानी तुम्हारे आस-पास कोई न रहता तो कैसा होता? जैसे-तुम किसके साथ खेलते? क्या अकेले डर लगता? सभी त्योहार और खास मौके किसके साथ मिलकर मनाते, इत्यादि?
उत्तर:
यदि मेरा घर अकेले इलाके में रहता, तो वहाँ पर मैं नहीं रह पाता। क्योंकि मुसीबत के समय अन्य लोगों के सहायता की जरूरत पड़ती है तथा खुशियों के समय इसे एक दूसरे से बाँटने पर ही खुशी होती है। अकेले इलाके में रहने पर मुझे काफी डर लगता, कोई दोस्त भी खेलने के लिए नहीं रहता, मैं त्योहार भी नहीं मना पाता।

प्रश्न 4.
लोगों को कई बार ऐसी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, जिनमें जान और माल का भारी नुकसान होता है। कई लोग बेघर हो जाते हैं। पिछले कुछ एक महीनों के अखबारों से दुनिया में आए भूकम्प, बाढ़, आग, तूफान आदि के बारे में समाचार इकडे करो। उन्हें कॉपी में चिपकाओ।
उत्तर:
स्वयं करो।

तुम्हारी समाचार रिपोर्ट
प्रश्न 1.
तुम अपनी समाचार रिपोर्ट तैयार करो जिसमें इन बातों का जिक्र हो

  • संकट का कारण
  • तारीख और समय
  • किस-किस तरह के नुकसान हुए? जान, माल, रोजगार का नुकसान
  • कौन-कौन लोग मदद के लिए आए और जिम्मेदारी ली
  • कौन-कौन से सरकारी दफ्तर तथा अन्य सस्थाएँ

उत्तर:

  • संकट का कारण – भूकम्प
  • तारीख और समय 26 जनवरी 2001 सुबह 7.30 बजे।
  • किस-किस तरह के नुकसान हुए
    • जान – लगभग 2000 व्यक्ति 1
    • माल – लगभग 200 करोड़ रुपये मूल्य का
    • रोजगार – रोजगार के अधिकांश अवसर यथा फैक्ट्रियाँ आदि नष्ट हो गये।
  • कौन-कौन लोग मदद के लिए आये और जिम्मेदारी ली-सबसे पहले स्थानीय लोग, पुलिस के जवान, फिर सेना के जवान, उसके बाद कई नेता आदि लोग मदद के लिए आये तथा लोगों की हर संभव सहायता एवं सुरक्षा की जिम्मेदारी ली।
  • कौन-कौन से सरकारी दफ्तर-आपदा विभाग एवं अन्य सभी प्रशासनिक दफ्तर
  • अन्य संस्थाएँ–कई गैर सरकारी एवं स्थानीय संस्थायें।

प्रश्न 2.
क्या तुम्हारे इलाके में कभी लोगों ने भुखमरी, सूखा जैसी मुसीबतों का सामना किया है?
उत्तर:
हाँ, हमारा इलाका बाढ़ प्रभावित इलाका है। यहाँ लगभग प्रत्येक साल बाढ़ आता है तथा जब बाढ़ नहीं आता है। तो सूखा पड़ जाता है। ऐसी स्थिति में यहाँ के लोगों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ता है।

प्रश्न 3.
ऐसे समय में खाने-पीने की भारी कमी हो जाती है। अखबार से देश-विदेश की ऐसी खबरें ढूँढ़ो और उन पर एक रिपोर्ट तैयार करो।
उत्तर:
स्वयं करो।

प्रश्न 4.
किसी मुसीबत के समय तुम्हें अपने इलाके में इनकी जरूरत पड़ सकती है। इनसे संपर्क करने के लिए तुम इनके फोन नंबर तथा पूरा पता कॉपी में लिखो।
इस सूची में कुछ और नाम भी जोड़ो-

पता फोन नम्बर
1. दमकल केन्द्र
2. नजदीकी अस्पताल
3. एम्बुलेंस
4. पुलिस थाना
5. 24 x 7 दवा दुकान

उत्तर:

पता फोन नम्बर
1. दमकल केन्द्र आर.के.पुरम, दिल्ली 101
2. नजदीकी अस्पताल देविका रानी अस्पताल, साकेत, नई दिल्ली 29533345
3. एम्बुलेंस साकेत, नई दिल्ली 102
4. पुलिस थाना महरौली 100
5. 24 x 7 दवा दुकान खिड़की गाँव, नई दिल्ली। 29538645

पहचानो संकट के समय को
इन शब्दों की मदद से रिपोर्ट तैयार करो-
बाढ़, नदी का पानी, घायल लोग, खाने के पैकेट, राहत कार्य, कैम्पों में रहना, लोगों के शव, जानवरों के बहते शरीर, डूबे घर, आकाश से निरीक्षण, दुःखी लोग, गंदे पानी से बीमारियाँ, बेघर लोग, सामूहिक भोजन, फंसे लोग।
उत्तर:

अगस्त 20xx

पूर्णिया
कोशी नदी के बहाव का रास्ता पूर्णिया प्रमंडल में नाटकीय तरीके से बदल गया। इसके कारण पूर्णिया प्रमंडल के कई इलाके को बाढ़ ने अपनी चपेट में ले लिया है। नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। बाढ़ के कारण। सैंकड़ों लोग तथा हजारों पशु घायल हुए हैं तथा मर गये हैं। मरे हुए लोगों के शव तथा जानवरों के पानी में बहने शरीर के कारण पानी गंदा हो गया है तथा शवों के सड़ने से बीमारियाँ फैलने की आशंका बढ़ गई है। लाखों घरों के डूबने से लोग बेघर हो गये हैं तथा मजबूरी में उन्हें कैम्प में रहना पड़ रहा है। नेताओं तथा पदाधिकारियों द्वारा आकाश से निरीक्षण किया जा रहा है। सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा राहत कार्य तेजी से चलाया जा रहा है। खाने के पैकेट बाँटे जा रहे हैं। राहत कैम्पों में रह रहे लोगों के सामूहिक खाने का इंतजाम किया गया है। बाढ़ में फँसे और लोगो को बचाने के लिए भी राहत कार्य तेजी से किया जा रहा है। इस अचानक आई प्राकृतिक आपदा से इस इलाके तथा पूरे देश के लोग काफी दुखी हैं।

हम क्या समझे
प्रश्न 1.
बाढ़ के समय किस-किस तरह की परेशानियाँ आती होंगी? चित्र देखो-बाढ़ के बाद बच्चे किस तरह के स्कूल में पढ़ने के लिए आए हैं? लिखो, बाढ़ के बाद भी जिंदगी को दोबारा पटरी पर लाने में और क्या-क्या करना पड़ा होगा।
NCERT Solutions for Class 5 पर्यावरण अध्ययन Chapter 14 जब धरती काँपी 3
उत्तर:
बाढ़ के समय लोगों के घर तथा खेतों में लगी फसलें, सड़कें, रेल ट्रैक आदि के डूब जाने के कारण लोगों का काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। जिनके परिजन हताहत हो गये हों, वे काफी दुःखी हो जाते हैं। लोगों को खाने, रहने, कपड़े आदि सभी तरह की समस्याओं से रू-ब-रू होना पड़ता है। बाढ़ के बाद बच्चों को खुले आसमान के नीचे वैकल्पिक व्यवस्था के तहत पढ़ाया जाता है। जिंदगी को दोबारा पटरी पर लाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है एवं आवश्यक और कारगर कदम उठा रही है। जैसे कि प्रभावित लोगों के रहने, खाने, पहनने का इंतजाम। जिन लोगों की फसलें बर्बाद हो गई तथा रोजगार के अवसर नष्ट हो गये हैं उनके पुनर्वास की व्यवस्था।

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