NCERT Solutions for Class 5 Hindi Chapter 8 वे दिन भी क्या दिन थे
NCERT Solutions for Class 5 Hindi Chapter 8 प्रश्न-अभ्यास
NCERT Solutions for Class 5 Hindi Chapter 8 पाठ्यपुस्तक से
सोचो
प्रश्न 1.
कुम्मी के हाथ जो किताब आई थी वह कब छपी होगी?
उत्तर:
वह किताब सदियों पहले छपी होगी।
प्रश्न 2.
रोहित ने कहा था, “कितनी पुस्तकें बेकार जाती होंगी। एक बार पढ़ी और फिर बेकार हो गईं।” क्या सचमुच में ऐसा होता है?
उत्तर:
वे ही पुस्तकें बर्बाद होती हैं जिन्हें लोग पढ़कर फेंक देते हैं या कबाड़ी वाले से बेच देते हैं। यदि पुस्तकें पढ़कर उन्हें हिफाजत से रख दी जाएं तो वे कभी बर्बाद नहीं होतीं बल्कि पीढ़ी-दर-पीढ़ी पढ़ी जाती हैं और उनकी उपयोगी बातें जीवन में उतारी जाती हैं।
प्रश्न 3.
कागज के पन्नों की किताब और टेलीविजन के पर्दे पर चलने वाली किताब तुम इनमें से किसको पसंद करोगे? क्यों?
उत्तर:
मैं कागज के पन्नों की किताब पसंद करूंगा क्योंकि इसे कभी भी पढ़ा जा सकता है। इतना ही नहीं ऐसी किताबों | को एक से अधिक बार भी पढ़ा जा सकता है, किस्तों में भी पढ़ा जा सकता है। ये सारी बातें टेलीविजन के पर्दे पर चलने वाली किताब में नहीं मिलती।
प्रश्न 4.
तुम कागज़ पर छपी किताबों से पड़ते हो। पता करो कि कागज़ से पहले की छपाई किस-किस चीज पर हुआ करती थी?
उत्तर:
कागज़ से पहले की छपाई पत्तों, ताम्रपत्रों और लकड़ी पर हुआ करती थी।
प्रश्न 5.
तुम मशीन की मदद से पढ़ना चाहोगे या अध्यापक की मदद से? दोनों के पढ़ाने में किस-किस तरह की आसानियाँ और मुश्किलें हैं?
उत्तर:
मैं अध्यापक की मदद से पढ़ना चाहूंगा क्योंकि वे हमारे सामने खड़े होकर पाठ पढ़ाते हैं अतः पाठ को समझने में आसानी होती है। यदि हम एकबार में कोई बात नहीं समझ पाते तो अध्यापक हमें दोबारा समझाते हैं। पढ़ाने के क्रम में यदि वे हमें डाँटते हैं तो प्यार भी दिखलाते हैं। कक्षा में एक अपनापन जैसा माहौल छा जाता है। मशीन की मदद से पढ़ाई में ये सारी बातें नहीं होंगी। ऐसी पढ़ाई ऊबाऊ भी हो सकती है।
“वे दिन भी क्या दिन थे”
बीते दिनों की प्रशंसा में कही जाने वाली यह बात तुमने कभी किसी से सुनी है? अपने बीते हुए दिनों के बारे में सोचो और बताओ कि उनमें से किस समय के बारे में तुम “वे दिन भी क्या दिन थे!” कहना चाहोगे?
उत्तर:
स्वयं करो।
कल, आज और कल
प्रश्न 1.
1967 में हिंदी में छपी इस कहानी में कल्पना की गई है कि सालों बाद स्कूल की जगह मशीनें ले लेंगी। तुम भी | कल्पना करो कि बहुत सालों बाद ये चीजें कैसी होंगी-
• पेन • घड़ी • टेलीफोन/मोबाइल • टेलीविज़न • कोई और चीज़ जिसके बारे में तुम सोचना चाहो….
उत्तर:
अपनी कल्पना के आधार पर स्वयं करो।
प्रश्न 2.
नीचे कुछ वस्तुओं के नाम दिए गए हैं। बड़ों से पूछकर पता करें कि बीस साल पहले इनकी क्या कीमत थी और अब इनका कितना दाम है?
प्रश्न 3.
आज हमारे कई काम कंप्यूटर की मदद से होते हैं। सोचो और लिखो कि अपने व्यक्तिगत और सार्वजनिक जीवन में हम कंप्यूटर का इस्तेमाल किन-किन उद्देश्यों के लिए करते हैं?
व्यक्तिगत | सार्वजनिक |
मनोरंजन के लिए | …………………….. |
रेल टिकट कटाने के लिए। | …………………….. |
संदेश भेजने के लिए। | …………………….. |
किसी चीज के बारे में जानकारियाँ प्राप्त करने के लिए। | …………………….. |
जानकारी देने या लेने के लिए कई तरीके अपनाए जाते हैं। हम जो कुछ सोचते या महसूस करते हैं उसे अभिव्यक्त करने या बताने के भी कई ढंग हो सकते हैं। बॉक्स में ऐसे कुछ साधन दिए गए हैं। उनका वर्गीकरण करके नीचे दी गई तालिका में लिखो।
संदेश | अभिनय | रेडियो | नृत्य के हाव-भाव |
फोन | विज्ञापन | नोटिस | संकेत-भाषा |
चित्र | मोबाइल | टी.वी. | मोबाइल संदेश |
फैक्स | इंटरनेट | तार | इश्तहार |
उत्तर:
जानकारी | भावनाएँ |
संदेश, रेडियो, विज्ञापन, नोटिस, फोन, मोबाइल, | अभिनय, नृत्य के हाव-भाव, संकेत भाषा, चित्र, |
टी.वी., फैक्स, इंटरनेट, इश्तहार।। | मोबाइल संदेश, तार। |
ऊपर लिखी चीजें इकतरफ़ा भी हो सकती हैं और दो तरफ़ा भी। जिन चीज़ों के ज़रिए इकतरफा संप्रेषण होता है।
उनके आगे (→) का निशान लगाओ। दो तरफ़ा संवाद की चीज़ों के आगे (↔) का निशान लगाओ।
तुम्हारी डायरी
● डायरी लिखना एक निजी काम या शौक है। तुम अपनी डायरी किसी और को पढ़ने को देते हो या नहीं यह तुम्हारी अपनी मर्जी है। कई व्यक्तियों ने अपनी डायरियाँ छपवाई भी हैं, ताकि अन्य लोग उन्हें पढ़ सकें। ऐसी ही कोई डायरी खोजकर पढ़ो और उसका कोई अंश कक्षा में सुनाओ।
● अपनी डायरी बनाओ और उसमें खुद से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें लिखो।
● डायरी में तुम अपने स्कूल के बारे में क्या लिखना चाहोगे?
उत्तर:
अपनी डायरी में मैं अपने शिक्षक-शिक्षिकाओं और दोस्तों के बारे में लिखेंगा। शिक्षक-शिक्षिकाएं कैसे पढ़ाते हैं, कैसे स्वभाव के हैं, विद्यार्थियों के साथ उनका कैसा तालमेल है आदि तमाम बातें मैं अपनी डायरी में लिखूगा। और हाँ, क्लास में मेरे कितने साथी हैं, कौन मेरा सबसे प्रिय साथी है, कौन मेरी मदद करता है-आदि बातें भी डायरी
में लिखी जाएंगी।
तुम भी कल्पना करो
दोस्तों के साथ बात करके अंदाज़ लगाओ कि 50 साल बाद इनमें क्या-क्या बदल जाएगा-
- फिल्मों में ……….
- गाँव की हालत में .
- तुम्हारी परिचित किसी नदी में ………..
- स्कूल में ..
उत्तर:
- फिल्मों में और अधिक हिंसा का बोलबाला होगा। नाच-गाने भी अधिक देखने को मिलेंगे। कहानियाँ खोखली होंगी।
- गाँव की हालत में सुधार होगा। स्कूल कॉलेज खुलेंगे और शिक्षा का प्रसार होगा। किसान अत्याधुनिक मशीनों से खेती करेंगे। उनमें आत्मविश्वास बढ़ेगा। काफी हद तक वे अच्छा जीवन जीएंगे।
- तुम्हारी परिचित किसी नदी में प्रदूषण बढ़ेगा।
- स्कूल में-कम्प्यूटरों का इस्तेमाल बढ़ जाएगा। खेल का मैदान बड़ा होगा, बच्चों को हर तरह का खेल खेलने | का मौका दिया जाएगा।
था, है, होगा
प्रश्न 1.
असीमोव की कहानी 2155 यानि भविष्य में आने वाले समय के बारे में है। फिर भी कहानी में थे’ का इस्तेमाल हुआ है जो बीते समय के बारे में बताता है। ऐसा क्यों है?
उत्तर:
कहानी में ‘थे’ का इस्तेमाल इसलिए हुआ है क्योंकि इसमें उन्हीं घटनाओं का वर्णन किया गया है जो 2155 के पहले (भूतकाल) घटित हुई हैं।
प्रश्न 2.
(क) “जब मुझे बहुत डर लगा था…’ ‘मैं जब छोटा था…’ इस शीर्षक से जुड़े किसी अनुभव का वर्णन करो।
(ख) तुम्हें ‘मैं’ शीर्षक से एक अनुच्छेद लिखना है। अपने स्वभाव, अच्छाइयों, कमियों, पसंद-नापसंद के बारे में सोचो और लिखो। या किसी मैच का आँखों देखा हाल ऐसे लिखो मानो वह अभी तुम्हारी आँखों के सामने हो रहा है।
(ग) अगली छुट्टियों में तुम्हें नानी के पास जाना है। वहाँ तुम क्या-क्या करोगे, कैसे वक्त बिताओगे-इस पर एक अनुच्छेद लिखो।
तुमने जो तीन अनुच्छेद लिखे उनमें से पहले का संबंध उससे है जो बीत चुका है। दूसरे में अभी की बात है और तीसरे में बाद में घटने वाली घटनाओं को वर्णन है। इन अनुच्छेदों में इस्तेमाल की गई क्रियाओं को ध्यान से देखो। ये बीते हुए, अभी के और बाद के समय के बारे में बताती हैं।
उत्तर:
(क) मैं जब छोटा था तो घर में अकेले रहने से डरता था। एक बार मम्मी को किसी जरूरी काम से पड़ोस में जाना पड़ा। काम ज्यादा देर का नहीं था अतः मम्मी मुझे अकेले छोड़कर चली गईं। संयोग ऐसा था कि उनके जाते ही एक छोटी चुहिया मेरे सामने से गुजर गई। वह तो न जाने कहाँ चली गई लेकिन मैं जोर-जोर से चिल्लाकर रोने लगा। जब तक मम्मी आती तब तक तो रो-रोकर मेरा बुरा हाल हो गया था।
(ख) मैं एक लड़की हूँ। मेरा नाम अपर्णा है। मैं अपने माता-पिता और एक छोटे भाई के साथ रहती हूँ। मैं स्वभाव से बहुत कोमल हूँ। किसी को दुःखी नहीं देख सकती। यथासंभव जरूरतमंदों की सहायता करने में विश्वास रखती हूँ। मेरे इस स्वभाव के कारण स्कूल में सभी मुझे प्यार करते हैं। लेकिन मुझमें दो बहुत बड़ी कमियाँ हैं। पहला, मैं बहुत जल्दी गुस्सा हो जाती हैं। दूसरा, सुबह उठने में मुझे आलस आता है। मुझे रोना बिल्कुल पसंद नहीं है। बुजुर्गों की मदद करना मुझे बहुत अच्छा लगता है।
(ग) अगली छुट्टियों में मैं अपनी माँ और छोटे भाई के साथ नानी के पास जाऊँगा। वहाँ पूरी छुट्टी रहूंगा। नानी के घर के पास एक बहुत बड़ा नहर है। उसमें मैं रोज नहाऊँगा। आस-पास के लड़के-लड़कियों से दोस्ती करूंगा और शाम के समय उनके साथ तरह-तरह के खेल खेलूंगा। टी.वी. बिल्कुल नहीं देखेंगा। कभी-कभी नानाजी के साथ सब्जी खरीदने बाजार जाऊँगा और वहाँ से खाने की चीजें लाऊँगा। मेरी नानी को कहानियाँ बहुत याद हैं। रोज रात मैं उनके पास सोऊँगा और मजेदार कहानियाँ सुनूंगा।