Keeping Quiet Summary In English
The poet wants us to keep still till he counts upto twelve. For once, let us not talk in any language on this earth. He asks us to stop moving our arms so much for one second.
Let there be no rush or hurry for a second. Engines and other machines must stop for a moment. That moment will be a fascinating moment for all of us. Then all of us shall enjoy the sudden strangeness of the moment together.
The poet wants that the fishermen would not harm the whales in the cold sea of polar regions. Even the man gathering salt with his own hands must take care of his hurt hands.
All kinds of wars must be stopped at once. The green wars against the environment, wars with poisonous gases and wars with fire-arms must be stopped now. In such wars, victory is meaningless as there are no survivors left after the war. Instead of fighting and waging wars, people should come out in their best dresses. They must go out for a walk with their brothers. They must move about under the shady trees and enjoy doing nothing.
The poet does not want that we should confuse ‘stillness’ with ‘total inactivity. Doing nothing at all would amount to death. The poet has no association with death. We think that life is to move about. We should not be always on the move. For a while we should also take rest. A long silence can do us a lot of good. Men become sad when they fail to understand themselves. They feel helpless when they threaten themselves with death. A long silence can soothe our feelings and help us in removing this sadness.
The poet gives an example to illustrate the idea that ‘stillness’ does not mean total inactivity’. The earth can teach us a lesson. When everything seems dead, the earth remains alive.
The poet asks us to keep quiet till he counts twelve. Then he will go.
Keeping Quiet Summary In Hindi
कवि चाहता है कि जब तक वह बारह तक गिने, हम निश्चल रहें। एक बार के लिए आओ हम संसार की किसी भी भाषा में बातचीत न करें। वह हमे से कहता है कि एक क्षण के लिए हम अपनी भुजाओं को इतना अधिक हिलाना बन्द कर दें।
एक क्षण के लिए कोई हड़बड़ी अथवा जल्दबाजी न हो। इंजन तथा अन्य मशीनें एक क्षण के लिए रुक जायें। वह क्षण हम सब के लिए एक विलक्षण (मोहक) क्षण होगा। तब हम सब मिलकर उस क्षण की तात्कालिक विचित्रती का आनन्द लेंगे।
कवि चाहता है कि मछुआरे ध्रुवीय क्षेत्रों के ठण्डे समुद्र में व्हेल मछलियों को कोई हानि न पहुँचाएं। वह व्यक्ति भी जो अपने हाथों से नमक एकत्रित करता है, अपने घायल हाथों का अवश्य ध्यान रखे।
सभी प्रकार के युद्ध तुरन्त रोक दिए जाने चाहिए। पर्यावरण के विरुद्ध हरित युद्ध, विषैली गैसों के साथ युद्ध तथा आग्नेयास्त्रों के साथ युद्ध अभी रोक देने चाहिए। इन युद्धों में विजय अर्थहीन है क्योंकि युद्धों के उपरान्त कोई भी जीवित नहीं बचता। युद्ध लड़ने अथवा छेड़ने के बजाय लोगों को अपने सबसे बढ़िया वस्त्र पहनकर बाहर निकलना चाहिए। उन्हें अपने भाइयों के साथ सैर करने जाना चाहिए। उन्हें छायादार वृक्षों के नीचे घूमना चाहिए तथा कुछ भी न करने का आनन्द लेना चाहिए।
कवि यह नहीं चाहता कि हम ‘निश्चलता’ को ‘पूर्ण निष्क्रियता’ समझने की भूल करें। कुछ भी न करने का अर्थ होगा ‘मृत्यु’ कवि का मृत्यु के साथ कोई सम्बन्ध नहीं है। हम समझते हैं कि चलना ही जीवन है। हमें सदा चलते ही नहीं रहना चाहिए, थोड़ी देर के लिए हमें विश्राम भी करना चाहिए। एक लम्बी चुप्पी हमारा बहुत लाभ कर सकती है। मनुष्य तब उदास हो जाते हैं जब वे स्वयं को समझने में असफल रहते हैं। वे असहाय तब अनुभव करते हैं जब वे स्वयं को मृत्यु से डराना आरम्भ करते हैं। एक लम्बी चुप्पी हमारी भावनाओं को शान्त कर सकती है तथा इस उदासी को हटाने में हमारी सहायता कर सकती है।
कवि इस विचार को स्पष्ट करने के लिए एक उदाहरण देता है कि निश्चलता’ का अर्थ ‘पूर्ण निष्क्रियता’ नहीं होता। पृथ्वी हमें । शिक्षा दे सकती है। जब प्रत्येक चीज़ मृतप्राय प्रतीत होती है, पृथ्वी सजीव रहती है।
कवि हमें जब तक वह बारह तक न गिने, शान्त रहने को कहता है। फिर वह चला जाएगा।