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CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi B Set 2 with Solutions
समय: 3 घंटे
पूर्णाक: 80
सामान्य निर्देशः
- इस प्रश्न-पत्र में दो खंड हैं-खंड ‘अ’ और खंड ‘ब’।
- खण्ड ‘ अ ‘ में उपप्रश्नों सहित 45 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए कुल 40 प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
- खण्ड ‘ब’ मे वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं, आंतरिक विकल्प भी दिए गए हैं।
- निर्देशों को बहुत सावधानी से पढ़िए और उनका पालन कीजिए।
- दोनों खंडों के कुल 18 प्रश्न हैं। दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- यथासंभव दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमशः लिखिए।
खण्ड – ‘अ’
(वस्तुपरक प्रश्न)
1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 5 = 5)
साहित्योन्नति के साधनों में पुस्तकालयों का महत्वपूर्ण स्थान है। इनके द्वारा साहित्य के जीवन की रक्षा और अभिवृद्धि होती है । पुस्तकालय सभ्यता के इतिहास का जीता-जागता गवाह है। इसी के बल पर वर्तमान भारत को अपने अतीत पर गर्व है । पुस्तकालय भारत के लिए कोई नयी वस्तु नहीं है। लिपि के आविष्कार से आज तक लोग निरंतर पुस्तकों का संग्रह करते रहे हैं। पहले देवालय, विद्यालय और नृपालय इन संग्रहों के प्रमुख स्थान होते थे।
इनके अतिरिक्त विद्वज्जनों के अपने निजी पुस्तकालय भी होते थे । मुद्रण कला के आविष्कार के पूर्व पुस्तकों का संग्रह करना आजकल की तरह सरल बात न थी । आजकल साधारण स्थिति के पुस्तकालय में जितनी सम्पत्ति लगती है, उतनी उन दिनों कभी-कभी एक-एक पुस्तक की तैयारी में लग जाया करती थी। भारत के पुस्तकालय संसार भर में अपना सानी नहीं रखते थे । प्राचीन काल से मुगल सम्राटों के समय तक यही स्थिति रही । चीन, फारस प्रभृति सुदूर स्थित देशों से झुण्ड के झुण्ड विद्यानुरागी लम्बी यात्राएँ करके भारत आया करते थे । हमारा देश अपनी प्राचीन सभ्यता एवं संस्कृति के कारण काफी धनी है इसलिए लोग यहाँ अध्ययन करने आते हैं।
(1) पुस्तकालय के कारण भारत को क्या गौरव प्राप्त हुआ ?
(क) उन्नति पर
(ख) आदर्शवाद पर
(ग) अतीत पर
(घ) सभ्यता पर
उत्तरः
(ग) अतीत पर
(2) पुराने समय में अधिक व्यय क्यों होता था ?
(क) जगह कम थी
(ख) मुद्रण कला नहीं थी
(ग) समय नहीं था
(घ) पैसे का अभाव था
उत्तर :
(ख) मुद्रण कला नहीं थी
(3) साहित्य की उन्नति का सबसे महत्वपूर्ण साधन क्या है?
(क) शिक्षा
(ख) विचार
(ग) लेखन
(घ) पुस्तकालय
उत्तर :
(घ) पुस्तकालय
(4) भारत में लोग विद्याध्ययन के लिए क्यों आते थे ?
(क) सभ्यता के कारण
(ख) संस्कृति के कारण
(ग) नैतिक मूल्यों के कारण
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर :
(घ) उपरोक्त सभी
(5) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए-
कथन (A) : चीन, फारस प्रभृति सुदूरस्थित देशों से झुण्ड के झुण्ड विद्यानुरागी लम्बी यात्राएँ करके भारत आया करते थे।
कारण (R) : हमारा देश अपनी प्राचीन सभ्यता एवं संस्कृति के कारण काफी धनी है।
(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ख) कथन (A) गलत है तथा कारण (R) सही है ।
(ग) कथन (A) सही है लेकिन कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है ।
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
उत्तर:
(ग) कथन (A) सही है लेकिन कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है ।
2. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए-
संसार के सभी धर्मों में एक बात समान है, वह है प्रार्थना, ईश्वर भक्ति । प्रार्थना द्वारा अपने हृदय के भाव प्रभु के सन्मुख रखते हैं और कुछ ना कुछ उस सर्वशक्तिमान से माँगते हैं। जब हमें कोई मार्ग नहीं सूझता तो हम प्रार्थना करते हैं। प्रार्थना का फल उत्तम हो, इसके लिए हमें अपने अंदर उत्तम विचार और एकाग्र मन उत्पन्न करने होते हैं, क्योंकि विचार ही मनुष्य को पीड़ा पहुँचाते हैं या उससे मुक्त करते हैं। हमारे विचार ही हमें ऊँचाई तक ले जाते हैं या फिर खाई में फेंक देते हैं।
यह मन ही हमारे लिए दुख लाता है और यही आनंद की ओर ले जाता है। वेद के एक मंत्र के अनुसार यह मन बड़ा ही प्रबल और चंचल है। यह जड़ होते हुए भी सोते-जागते कभी भी चैन नहीं लेता। जितनी देर हम जागते रहते हैं उतनी देर यह कुछ-न-कुछ सोचता हुआ भटकता रहता है। अब प्रश्न यह उठता है कि मन जो अत्यंत गतिशील है उसको स्थिर और वश में कैसे किया जाए। मन को वश में करने का तात्पर्य नहीं कि यह गतिहीन हो जाए और यह गतिहीन हो ही नहीं सकता। जिस प्रकार अग्नि का धर्म उष्णता है, उसी प्रकार चंचलता मन का धर्म है ।
(1) संसार के सभी धर्मों में समान हैं-
(क) प्रवचन व ईश्वर भक्ति
(ख) प्रार्थना व प्रवचन
(ग) प्रार्थना व ईश्वर भक्ति
(घ) ईश्वर भक्ति व भजन
उत्तर :
(ग) प्रार्थना व ईश्वर भक्ति
(2) मनुष्य प्रार्थना करता है-
(क) संध्या काल में
(ख) कोई मार्ग ना सूझने पर
(ग) प्रात:काल होने पर
(घ) कष्ट आने पर
उत्तरः
(ख) कोई मार्ग ना सूझने पर
(3) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
(i) मन ही दुःख और आनंद लाता है।
(ii) मन को वश में करने का तात्पर्य उसे गतिहीन कर देना है ।
(iii) गतिशील रहना ही मन का धर्म है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन – सा / कौन-से कथन सही है/ हैं ?
(क) केवल (i) और (iii)
(ख) केवल (ii) और (i)
(ग) केवल (iii)
(घ) केवल (ii) और (iii)
उत्तर :
(क) केवल (i) और (iii)
(4) ‘ऊँचाई तक ले जाना और खाई में फेंकना’ – से आशय है-
(क) आर्थिक विकास व आर्थिक अभाव
(ख) आत्मिक उत्थान और पतन
(ग) धार्मिक उत्थान और पतन
(घ) बौद्धिक उत्थान और पतन
उत्तरः
(घ) बौद्धिक उत्थान और पतन
(5) ‘वेद’ में मन की कौन-सी विशेषताएँ बताई गई हैं?
(क) प्रबल और स्थिर
(ख) प्रबल और एकाग्र
(ग) प्रबल और चंचल
(घ) प्रबल और गतिहीन
उत्तर :
(ग) प्रबल और चंचल
3. निर्देशानुसार ‘पदबंध’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(1) मेरे बगीचे में बहुत फल लगे हैं। (रेखांकित पदबंध का प्रकार बताइए)-
(क) सर्वनाम पदबंध
(ख) विशेषण पदबंध
(ग) संज्ञा पदबंध
(घ) क्रिया पदबंध
उत्तर :
(ग) संज्ञा पदबंध
(2) मुझसे संबंधित लोगों में से कोई भी यहाँ दिखाई नहीं देता । (वाक्य में सर्वनाम पदबंध है) –
(क) मुझसे संबंधित
(ख) लोगों में से
(ग) दिखाई नहीं देता
(घ) मुझसे संबंधित लोगों में से कोई
उत्तर :
(घ) मुझसे संबंधित लोगों में से कोई
(3) दया करने वाले लोग किसी का कष्ट नहीं देख पाते । (रेखांकित पदबंध का प्रकार बताइए) –
(क) सर्वनाम पदबंध
(ख) विशेषण पदबंध
(ग) क्रिया पदबंध
(घ) संज्ञा पदबंध
उत्तर :
(ख) विशेषण पदबंध
(4) मानस कहानी सुनते-सुनते सो गया। (रेखांकित पदबंध का प्रकार बताइए ) –
(क) सर्वनाम पदबंध
(ख) विशेषण पदबंध
(ग) क्रिया – विशेषण पदबंध
(घ) संज्ञा पदबंध
उत्तर :
(ग) क्रिया – विशेषण पदबंध
(5) पिछले छह महीने से लॉकडाउन है । (रेखांकित पदबंध का प्रकार बताइए ) –
(क) सर्वनाम पदबंध
(ग) क्रिया पदबंध
(ख) विशेषण पदबंध
(घ) संज्ञा पदबंध
उत्तर :
(ख) विशेषण पदबंध
4. निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(1) निम्नलिखित वाक्यों में से मिश्र वाक्य छाँटकर लिखिए-
(क) जो गरीब हैं, वह कुछ नहीं खरीद सकते
(ख) गरीब लोग कुछ नहीं खरीद सकते
(ग) कुछ खरीद नहीं सकते गरीब
(घ) सभी गलत हैं
उत्तर :
(क) जो गरीब हैं, वह कुछ नहीं खरीद सकते
(2) मेरे बुलाने पर भी मीना नहीं आई। (संयुक्त वाक्य में बदलिए) –
(क) बुलाने पर मीना नहीं आई
(ख) मैंने उसे बुलाया फिर भी मीना नहीं आई
(ग) मेरे बुलाने पर मीना नहीं आई
(घ) सभी त्रुटिपूर्ण हैं
उत्तरः
(ख) मैंने उसे बुलाया फिर भी मीना नहीं आई
(3) निम्नलिखित वाक्यों में से सरल वाक्य छाँटकर लिखिए-
(क) व्यक्ति सच कहे तो कुछ भी मुश्किल नहीं होता
(ख) सच्चे व्यक्ति के लिए कुछ भी मुश्किल नहीं होता
(ग) जो व्यक्ति सच कहता है उसके लिए कुछ भी मुश्किल नहीं होता (घ) सभी त्रुटिपूर्ण हैं
उत्तरः
(ग) जो व्यक्ति सच कहता है उसके लिए कुछ भी मुश्किल नहीं होता
(4) निशा ने चुटकुला सुनाया और सभी हँसने लगे। (मिश्रित वाक्य में बदलिए)-
(क) सौम्या ने चुटकुला सुनाया और सभी मंत्रमुग्ध हो गए
(ख) सौम्या ने मंत्रमुग्ध चुटकुला सुनाया
(ग) सौम्या ने ऐसा चुटकुला सुनाया कि सभी हँसने लगे
(घ) सभी त्रुटिपूर्ण हैं।
उत्तर :
(ग) सौम्या ने ऐसा चुटकुला सुनाया कि सभी हँसने लगे
(5) रचना के आधार पर वाक्यों के कितने भेद हैं?
(क) तीन
(ख) चार
(ग) पाँच
(घ) दो
उत्तर :
(क) तीन
5. निर्देशानुसार समास पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(1) ‘सपरिवार’ में कौन-सा समास है?
(क) बहुव्रीहि समास
(ख) कर्मधारय समास
(ग) द्विगु समास
(घ) अव्ययीभाव समास
उत्तर :
(घ) अव्ययीभाव समास
(2) ‘त्रिलोक’ में कौन-न-सा समास है?
(क) तत्पुरुष समास
(ख) बहुव्रीहि समास
(ग) कर्मधारय समास
(घ) द्विगु समास
उत्तर :
(घ) द्विगु समास
(3) निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए-
समस्तपद | समास |
(i) प्रतिदिन | (i) तत्पुरुष समास |
(ii) पवन चक्की | (ii) अव्ययीभाव समास |
(iii) महात्मा | (iii) कर्मधारय समास |
(iv) चौगुनी | (iv) द्विगु समास |
उपर्युक्त युग्मों में से कौन-से सही सुमेलित हैं-
(क) (i) और (ii)
ख) (iii) और (iv)
(ग) (ii) और (iv)
(घ) (i) और (iii)
उत्तर:
(ख) (iii) और (iv)
(4) उसने रात और दिन काम किया। (रेखांकित पदों का समस्त पद बताकर समास का नाम बताइए) –
(क) रात-दिन / तत्पुरुष
(ख) रात-दिन / द्वंद्व समास
(ग) रात या दिन / अव्ययीभाव
(घ) रात-दिन / अव्ययीभाव
उत्तर:
(ख) रात-दिन / द्वंद्व समास
(5) समास के कितने भेद हैं?
(क) चार
ख) छः
(ग) दो
(घ) पाँच
उत्तरः
(ख) छः
6. निर्देशानुसार मुहावरे पर आधारित छः बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(1) मुहावरे और अर्थ के उचित मेल वाले विकल्प का चयन कीजिए-
(क) आकाश-पाताल एक करना – अंतरिक्ष यात्रा पर जाना
(ख) आँखें चार होना – चश्मा पहनना
(ग) बाट जोहना – प्रतीक्षा करना
(घ) हाथ थामना – हाथ मिलाना
उत्तर :
(ग) बाट जोहना – प्रतीक्षा करना
(2) सुध-बुध खोना मुहावरे का अर्थ है-
(क) पागल हो जाना
(ख) होश खोना
(ग) निमग्न हो जाना
(घ) याद्दाश्त खो जाना
उत्तर :
(ख) होश खोना
(3) दुखी सुदामा को द्वारका में आया देख श्रीकृष्ण ने उन्हें ………… । रिक्त स्थान के लिए उपयुक्त मुहावरे का चयन कीजिए ।
(क) ईद का चाँद बनाया
(ख) तारे तोड़कर ला दिए
(ग) छाती से लगाकर रखा
(घ) सिर आँखों पर बिठाया
उत्तर :
(घ) सिर आँखों पर बिठाया
(4) वामीरो को देखकर तताँरा की …………. । (उचित मुहावरा बताइए ।)
(क) खुशी से झूम उठा
(ख) खुशी का ठिकाना न रहा
(ग) खुशी से बेसुध हो गया
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ख) खुशी का ठिकाना न रहा
(5) ‘बाल की खाल निकालना’ मुहावरे का सही अर्थ क्या है?
(क) बालों को नोंचना
(ख) रहस्य जानने की कोशिश करना
(ग) अनावश्यक बारीकी में जाना
(घ) गंवार व्यक्ति
उत्तरः
(ग) अनावश्यक बारीकी में जाना
(6) रेखांकित अंश के लिए कौन-सा मुहावरा प्रयुक्त करना उचित रहेगा ?
अध्यापक के आते ही छात्र बिखर गये।
(क) नौ-दो ग्यारह होना
(ख) तितर-बितर होना
(ग) ईद का चाँद होना
(घ) हाथ – कंगन को आरसी क्या
उत्तर :
(ख) तितर-बितर होना
7. निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए-
‘मनुष्य मात्र बंधु है’ यही बड़ा विवेक है,
पुराणपुरुष स्वयंभू पिता प्रसिद्ध एक है।
फलानुसार कर्म के अवश्य बाह्य भेद हैं
परंतु अंतरैक्य में प्रमाणभूत वेद हैं।
अनर्थ है कि बंधु हीनबंधु की व्यथा हरे,
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे ||
(1) मनुष्य की समझदारी किसमें है?
(क) बंधुत्व में
(ख) पुराण पुरुष होने में
(ग) स्वयंभू होने में
(घ) प्रसिद्धि में
उत्तर :
(क) बंधुत्व में
(2) सभी की आत्मा में किसका निवास है?
(क) ‘मैं’ का
(ख) अहंकार का
(ग) परमात्मा का
(घ) घमंड का
उत्तरः
(ग) परमात्मा का
(3) प्रत्येक मनुष्य एक-दूसरे से कैसे भिन्न है ?
(क) जाति के आधार पर
(ख) रंग के आधार पर
(ग) आर्थिक स्तर पर
(घ) कर्म के आधार पर
उत्तरः
(घ) कर्म के आधार पर
(4) कवि ने किसे अनर्थ कहा है?
(क) जो एक-दूसरे की पीड़ा न समझे
(ख) जो एक-दूसरे के काम न आए
(ग) जो बंधु की व्यथा न देखे
(घ) ये सभी
उत्तरः
(घ) ये सभी
(5) निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़िए-
(i) हम सब मनुष्य एक ही ईश्वर की संतान हैं।
(ii) परोपकार करना ही मनुष्यता धर्म है ।
(iii) आवश्यकता पड़ने पर दूसरे मनुष्य की सहायता करना अनर्थ है।
(iv) बाह्य और भीतरी रूप से सभी मनुष्य एक हैं।
(v) मनुष्य वेदों को ही प्रामाणिक मानता है।
पद्यांश से मेल खाते हुए वाक्यों के लिए उचित विकल्प चुनिये-
(क) (ii), (iii) और (iv)
(ख) (iii), (iv) और (v)
(ग) (i) और (ii)
(घ) (i) और (iv)
उत्तर :
(ग) (i) और (ii)
8. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उचित विकल्प का चयन कीजिए-
(1) तोप स्वयं को जबर क्यों कहती है ?
(क) क्योंकि इसमें बड़े-बड़े पहिए लगे हुए हैं
(ख) क्योंकि यह मजबूत लोहे से बनाई गई है
(ग) क्योंकि इसने 1857 के संग्राम में अनेक क्रांतिकारियों की धज्जियाँ उड़ा डालीं
(घ) क्योंकि इसको शक्तिशाली व्यक्ति ही चला सकता है
उत्तर :
(ग) क्योंकि इसने 1857 के संग्राम में अनेक क्रांतिकारियों की धज्जियाँ उड़ा डालीं
(2) “बूढ़तो गजराज राख्यो, काटी कुंजर पीर ।” पंक्ति पर भाव प्रकट करें ।
(क) जैसे आपने ऐरावत को मगरमच्छ से बचाया
(ख) जैसे आपने इंद्र को मगरमच्छ से बचाया
(ग) जैसे आपने हाथी को मगरमच्छ से बचाया
(घ) ये सभी
उत्तरः
(क) जैसे आपने ऐरावत को मगरमच्छ से बचाया
9. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए-
तताँरा एक नेक और मददगार व्यक्ति था । सदैव दूसरों की सहायता के लिए तत्पर रहता । अपने गाँववालों की ही नहीं, अपितु समूचे द्वीपवासियों की सेवा करना अपना परम कर्तव्य समझता था । उसके इस त्याग की वजह से वह चर्चित था। सभी उसका आदर करते । वक्त मुसीबत में उसे स्मरण करते और वह भागा-भागा वहाँ पहुँच जाता। दूसरे गाँवों में भी पर्व-त्योहारों के समय उसे विशेष रूप से आमंत्रित किया जाता । उसका व्यक्तित्व तो आकर्षक था ही, साथ ही आत्मीय स्वभाव की वजह से लोग उसके करीब रहना चाहते । पारंपरिक पोशाक के साथ वह अपनी कमर में सदैव एक लकड़ी की तलवार बाँधे रहता। लोगों का मत था, बावजूद लकड़ी की होने पर, उस तलवार में अद्भुत दैवीय शक्ति थी । तताँरा अपनी तलवार को कभी अलग न होने देता । उसका दूसरों के सामने उपयोग भी न करता । किंतु उसके चर्चित साहसिक कारनामों के कारण लोग-बाग तलवार में अद्भुत शक्ति का होना मानते थे । तताँरा की तलवार एक विलक्षण रहस्य थी ।
(1) पाठ तथा लेखक का नाम लिखिए-
(क) पाठ – तताँरा कथा, लेखक – लीलाधर मंडलोई
(ख) पाठ – तारा वामीरो कथा, लेखक – लीलाधर
(ग) पाठ – तताँरा वामीरो कथा, लेखक – लीलाधर मंडलोई
(घ) पाठ – वामीरो कथा, , लेखक – लीलाधर मंडलोई
उत्तरः
(ग) पाठ – तताँरा वामीरो कथा, लेखक – लीलाधर मंडलोई
(2) इनमें से कौन – सा तताँरा का चारित्रिक गुण है ?
(क) तताँरा एक नेक व्यक्ति था और सभी की सहायता करता था
(ख) तताँरा एक मददगार व्यक्ति था किसी की सहायता नहीं करता था
(ग) तताँरा एक नेक और मददगार व्यक्ति था पर वह कहीं नहीं जाता था
(घ) तताँरा एक नेक और मददगार व्यक्ति था उसके त्याग के कारण लोग उसकी चर्चा करते रहते थे
उत्तरः
(घ) तताँरा एक नेक और मददगार व्यक्ति था उसके त्याग के कारण लोग उसकी चर्चा करते रहते थे
(3) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए-
कथन (A) : तताँरा एक नेक और मददगार व्यक्ति था उसके त्याग की वजह से वह चर्चित था ।
कारण (R) : तताँरा की तलवार एक विलक्षण रहस्य नहीं थी ।
(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं ।
(ख) कथन (A) गलत है तथा कारण (R) सही है ।
(ग) कथन (A) सही है लेकिन कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है।
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
उत्तर:
(ग) कथन (A) सही है लेकिन कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है।
(4) तताँरा की तलवार के बारे में लोगों का क्या विचार था –
(क) तताँरा की तलवार लकड़ी की थी
(ख) तताँरा की तलवार में दैवीय शक्ति थी
(ग) तताँरा की तलवार लकड़ी की थी परंतु उसमें दैवीय शक्ति थी
(घ) तताँरा की तलवार साधारण थी
उत्तर :
(ग) तताँरा की तलवार लकड़ी की थी परंतु उसमें दैवीय शक्ति थी
(5) ‘दैवीय’ से क्या तात्पर्य है?
(क) लकड़ी से बनी
(ख) देवताओं द्वारा प्रदान की गई
(ग) दैव नामक धातु से निर्मित
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तरः
(ख) देवताओं द्वारा प्रदान की गई
10. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उचित विकल्प का चयन कीजिए-
(1) निम्नलिखित में से कौन-सा वाक्य ‘तताँरा -वामीरो कथा’ कहानी के मूलभाव को दर्शाता है-
(i) आपसी प्रेमभाव किसी भी समाज की उन्नति में सहायक होता है।
(ii) रूढ़िवादी परंपरा किसी भी समाज की उन्नति में बाधक हो तो उसे समाप्त कर देना चाहिए।
(iii) पहले के समय लोगों के मन अधिक संवेदनशील होते थे।
(iv) आंतरिक उन्नति से ही ज्ञान रूपी प्रकाश पाया जा सकता है।
(क) केवल (iv) सही है।
(ख) केवल (ii) सही है ।
(ग) (i), (ii) दोनों सही हैं
(घ) (ii) और (iv) दोनों सही हैं
उत्तरः
(ग) (i), (ii) दोनों सही हैं
(2) वज़ीर अली ने कंपनी के वकील से किस बात की शिकायत की थी ?
(क) तख्त के छीन लिए जाने की शिकायत
(ख) सालाना वजीफ़ा न दिए जाने की शिकायत
(ग) कलकत्ता तलब किए जाने की शिकायत
(घ) उपर्युक्त सभी शिकायतें
उत्तर :
(ग) कलकत्ता तलब किए जाने की शिकायत
खण्ड – ‘ब’
(वर्णनात्मक प्रश्न)
11. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए-
(1) भूतकाल तथा भविष्यकाल दोनों ही मिथ्या हैं। मनुष्य का वर्तमान ही सत्य है । भूतकाल की यादें तथा भविष्य की चिंताएँ मनुष्य को मानसिक पीड़ा देती हैं । पाठ्य-पुस्तक में पढ़े गए पाठ के आधार पर बताइए कि लेखक ने किस प्रकार अपने मन तथा मस्तिष्क को भूतकाल तथा भविष्यकाल के बंधन से मुक्त किया ?
उत्तरः
लेखक के अनुसार वर्तमान ही सही में सत्य है । वही हमारे सामने है। भूत बीत चुका है और भविष्य आने वाला है। बीते समय को लौटाया नहीं जा सकता है और जो आने वाला है, उसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है। अतः हमारे सामने जो घट रहा है, वही शाश्वत है। एक समझदार मनुष्य को उसी में जीना चाहिए। जापानियों की ‘टी सेरेमनी’ दिमाग को शांत रखने की एक ऐसी पद्धति है जिसे आज भी अपनाया जा रहा है। यह ऐसे स्थान पर आयोजित की जाती है, जहाँ चारों ओर शांति व्याप्त होती है । यहाँ लोग चाय का आनंद बिल्कुल शांत रहकर उठाते हैं। दिमाग उस अवस्था तक पहुँच जाता है, जहाँ उसे सब मिथ्या लगता है। उसका मन शांति और आराम पाता है। अपनी उपयोगिता के कारण ‘टी सेरेमनी’ आज भी लोगों में वैसे ही प्रचलित है। लेखक ने भी इस पद्धति को अपनाकर यह जाना कि इससे किस प्रकार से दिमाग को मानसिक तनाव से मुक्त रखा जा सकता है। चाय पीने के बाद लेखक ने अनुभव किया कि मानो उनके दिमाग की गति धीमी हो गई हो । दिमाग ने सोचना बंद कर दिया हो। धीरे-धीरे दिमाग चलना बंद हो गया । वातावरण तथा दिमाग इतना शांत था कि उन्हें सन्नाटा भी सुनाई देने लगा । चाय पीते-पीते लेखक के दिमाग से भूत और भविष्य दोनों काल उड़ गए थे। केवल वर्तमान क्षण उनके सामने था। वे केवल वर्तमान समय को जी रहे थे । यह समय अनंतकाल जितना विस्तृत था ।
(2) शिक्षा बच्चों का भविष्य निर्माण करती है। परंतु आज की शिक्षा प्रणाली त्रुटिपूर्ण है। बच्चों को पुस्तकीय ज्ञान के साथ-साथ वास्तविक ज्ञान देना भी आवश्यक है ।
पढ़े गए पाठ के आधार पर बताइए कि बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए किस प्रकार की शिक्षा पद्धति को अपनाने की आवश्यकता है?
उत्तर:
जिंदगी के अनुभव किताबी ज्ञान से अधिक महत्वपूर्ण होते हैं। जो ज्ञान बड़ों को है वह पुस्तकें पढ़कर हासिल नहीं होता है। जिंदगी के अनुभव उन्हें ठोस धरातल देते हैं जिससे हर परिस्थिति का सामना किया जा सकता है। पुस्तकें व्यवहार की भूमि नहीं होती है । गलत-सही, उचित – अनुचित की जानकारी अनुभवों से ही आती है। अतः जीवन के अनुभव किताबी ज्ञान से अधिक महत्वपूर्ण हैं । ‘शिक्षा’ शब्द का अर्थ सर्वांगीण विकास हेतु ज्ञान ग्रहण करना । आधुनिक शिक्षा प्रणाली हमें धनी बना सकती है । परन्तु उसमें नीति और संस्कारों का नितांत अभाव मिलता है। हमारी प्राचीन शिक्षा पद्धति हमें प्रकृति और सभी प्राणियों से संपर्क बनाए रखने में सहायता करती थी । यह संस्कारों, नीतियों और अपने परिवेश को बेहतर समझने में सहायक थी । मनुष्य प्रकृति के बहुत समीप था । परन्तु आधुनिक शिक्षा आज जीविका कमाने का साधन मात्र बनकर रह गई है । संस्कार, नीतियाँ और परंपराएँ बहुत पीछे छूट गए हैं। आधुनिक शिक्षा प्रणाली यथार्थ और व्यावहारिक ज्ञान से बहुत दूर है। यह मात्र आधुनिकता की बात करती है । परन्तु अध्यात्म और भावनाओं से कोसों दूर है। आज की शिक्षा प्रणाली का उद्देश्य केवल परीक्षा उत्तीर्ण करना रह गया है। वह हमें जीवन जीने का सही तरीका नहीं सिखा पाती है। किताबें रट के पास हो सकते हैं परन्तु जीवन के अनुभवों और बुद्धि के विकास से इंसान बुद्धिमान तथा अनुभवी बनता है।
(3) 26 जनवरी, 1931 के दिन कलकत्ता में दूसरा स्वतंत्रता दिवस किस प्रकार मनाया गया ? ‘डायरी का एक पन्ना’ पाठ के आधार पर लिखिए |
उत्तर:
26 जनवरी, 1931 के दिन कलकत्ता में दूसरा स्वतंत्रता दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। पूरे नगर को वधू के समान सजाया गया था। जगह-जगह घरों व सार्वजनिक भवनों पर झंडे लगाये गये थे। पुलिस की निषेधाज्ञा के बावजूद लोग घरों से बाहर निकलकर जुलूस निकाल रहे थे तथा वंदे मातरम् का नारा लगा रहे थे। लोगों की संख्या बढ़ती ही जा रही थी। लोगों में असीम उत्साह व आनन्द था। नगर की ऐसी सजावट कभी नहीं देखी गई थी। पुलिस की लाठी खाने के बाद भी सामान्य जन मोन्यूमेंट के पास सभा करने और झंडा फहराने के लिए एकत्र हो गये थे। पुलिस का विरोध करने और सभा का आयोजन करने में स्त्रियाँ भी किसी से कम नहीं थीं। 105 स्त्रियों का पकड़ा जाना और उन्हें लॉकअप में रखा जाना इसका सबसे बड़ा प्रमाण है। इस प्रकार 26 जनवरी, 1931 के दिन का आयोजन अपने-आप में अपूर्व था ।
12. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए-
(1) संसार में सुखी व्यक्ति कौन है और दुःखी कौन ? यहाँ ‘सोना’ और ‘जागना’ किसके प्रतीक हैं? इसका प्रयोग यहाँ क्यों किया गया है ? स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
कबीर के अनुसार वह व्यक्ति दुःखी है जो केवल खाने और सोने में लिप्त है अर्थात् हमेशा भोगविलास और दुनियादारी में उलझा रहता है ।
जो व्यक्ति सांसारिक मोह-माया से परे होकर सावधान रहते हुए ईश्वर की आराधना करता है वही सुखी है । यहाँ पर ‘सोने’ का मतलब है आलस्य करना और ईश्वर के ज्ञान से अनभिज्ञ रहना । साथ ही ‘जागने’ का मतलब है ईश्वरीय ज्ञान को प्राप्त करने के लिए तैयार रहना ।
(2) ‘मनुष्य मात्र बंधु है’ से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
‘मनुष्य मात्र बंधु है’ इस पंक्ति के द्वारा कवि ने मनुष्य को मानवता का बहुत बड़ा संदेश दिया है। मनुष्य में यदि बंधुत्व का भाव नहीं है तो वह मानव कहलाने का अधिकारी नहीं हो सकता है। मनुष्य को सदा विवेकशील व्यवहार करना चाहिए। उसे कभी भी नहीं भूलना चाहिए कि वह एक सामाजिक प्राणी है। उसे संसार में सदा एक-दूसरे के काम आना चाहिए। यदि बन्धु ही बन्धु की पीड़ा दूर नहीं करेगा तो इससे बुरा कुछ अन्य नहीं हो सकता। प्रत्येक मनुष्य को एक-दूसरे के काम आना चाहिए क्योंकि वह मनुष्य मात्र का बंधु है और उसमें बंधुत्व का बहुत बड़ा गुण है।
(3) ‘आत्मत्राण’ शीर्षक की सार्थकता कविता के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए ।
उत्तरः
‘आत्मत्राण’ कविता का शीर्षक कविता के संदर्भ में पूरी तरह से सार्थक है। आत्मत्राण शब्द का अर्थ है – आत्मा का त्राण अर्थात् अपनी रक्षा या मुक्ति । रक्षा के सभी उपायों में सबसे बड़ा उपाय आत्मशक्ति का प्रयोग होता है । प्रस्तुत गीत में भी कवि प्रभु से दुःख न देने की नहीं बल्कि दुःखों पर विजय के लिए आत्मबल की याचना करता है । कवि याचना करता है कि हे प्रभु! मुझे इतनी क्षमता दो कि संसार की सभी विपदाओं पर मैं स्वयं से विजय प्राप्त कर सकूँ । पराजय के भाव में भी आप पर संशय न करूँ और विजयी होकर भी विनम्र भाव से आपको याद रखूँ।
13. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए-
(1) धन तथा सम्पत्ति का लालच मनुष्य को उसके आदर्श से नीचे गिरा देता है। लोग सम्पत्ति को हथियाने के लिए खून के रिश्ते को भी दाँव पर लगा देते हैं।
हरिहर काका जिन पर सबसे अधिक भरोसा करते थे उन्होंने ही उनका विश्वास तोड़ा। हरिहर काका के मानस पटल पर इसका क्या प्रभाव पड़ा? उनकी मनोदशा का वर्णन कीजिए ।
उत्तरः
प्रत्येक व्यक्ति अपने परिवार व समाज से जुड़ा होता है । समाज एक-दूसरे के सहयोग से ही उन्नति करता है । सामाजिक जीवन में रिश्ते मानसिक बल भी प्रदान करते हैं । सामाजिक जीवन में रिश्ते एक कड़ी की भाँति जुड़े हैं और आपसी मधुरता जीवन में मिठास घोलती है। रिश्ते सामाजिक जीवन में सुखों का आधार हैं। लेकिन स्वार्थ, मद, लोभ जब आ जाता है तो ये रिश्ते विकृत हो जाते हैं। रिश्तों की मर्यादा समाज को सुदृढ़ बनाती है । हरिहर काका के भाई सिर्फ उनकी जमीन-जायदाद के लिए उनका आदर सत्कार करते रहे । महन्त द्वारा की गई पिटाई और भाइयों द्वारा किए गए व्यवहार के बाद उन्हें मृत्यु का डर नहीं रहा । उन्हें यह विश्वास हो गया कि अब जायदाद लिए बिना वह उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकते। जब महंत द्वारा हरिहर काका की जमीन को हथियाने का प्रयास किया गया तब से हरिहर काका के भाइयों का व्यवहार उनके साथ बदल गया। वे सभी अपने वास्तविक रूप में आ गए थे। जमीन को अपने नाम करवाने के लिए उन्होंने हरिहर काका को कमरे में बंद कर उनके साथ मार-पीट भी की। निस्संदेह हरिहर काका के प्रति उनका यह व्यवहार अनुचित तथा अमानवीय है। इस विश्वासघात के परिणामस्वरूप हरिहर काका ने मौन धारण कर लिया था । वे इस मानसिक पीड़ा से उभर नहीं पा रहे थे।
(2) धार्मिक भेदभाव, अलग परिवेश तथा उम्र का अंतर भी मित्रता के बीच दीवार नहीं बन सकता। सच्ची मित्रता के लिए केवल भावनाओं का मेल होना आवश्यक है।
टोपी तथा इफ़्फ़न की दादी का संबंध गहरा था । अनजान होते हुए भी दोनों को अपनेपन का एहसास होता था। दोनों के आपसी संबंध का उल्लेख अपने शब्दों में कीजिए ।
उत्तर :
टोपी को इफ़्फ़न से और इफ़्फ़न की दादी से जो प्रेम था, वह अकथनीय था । उसे जितना प्रेम वहाँ मिला उसे अपने घर में नहीं मिला । यही कारण था कि घर वालों के मना करने पर भी टोपी का लगाव इफ़्फ़न के घर और उसकी दादी से था । इफ़्फ़न की दादी ने तो जैसे उसके कोमल मन में गहरा स्थान पा लिया था । यह प्रेम ही था, जिसने न धर्म को देखा न उम्र को बस हृदय को देखा और जीवन में आत्मसात हो गया। प्रेम ऐसा भाव है जिसमें व्यक्ति जाति-पाति, धर्म, ऊँच-नीच, बड़े-छोटे के सभी बंधनों को भूल जाता है । मानवीय मूल्यों से प्रेम सबसे सुंदर भाव है।
प्रेम किसी जाति-पाति, ऊँच-नीच, बड़े-छोटे का गुलाम नहीं होता। इसलिए ‘प्रेम न देखे जातपात’ कहा गया है। टोपी को इफ़्फ़न के घर का वातावरण अच्छा लगता था । इसलिए भाई द्वारा झूठ बोल कर पिटाई लगवाने के बाद भी उसने इफ़्फ़न के घर न जाने की बात नहीं मानी। टोपी और इफ़्फ़न का धर्म अलग-अलग था किंतु वे एक दूसरे को बहुत प्यार करते थे । इफ़्फ़न की दादी की बोली उसे अपनी माँ की बोली से मिलती-जुलती लगती । टोपी जब कभी भी इफ़्फ़न के घर जाता तो सीधा दादी के पास ही जाता था। दादी के बहुत कहने पर भी उसने दादी के हाथ से कभी कुछ नहीं खाया। फिर भी उनमें एक अटूट रिश्ता था ।
(3) आज जब शिक्षा के साथ-साथ खेलकूद को भी महत्व दिया जाने लगा है तब भी आपको अनेक अभिभावक ऐसे मिल जायेंगे जो अपने बच्चों पर खेलने-कूदने की पाबंदी लगाते हैं और उन्हें कूदने में समय बर्बाद न करने की नसीहत देते हैं । आप विद्यार्थी जीवन में खेल को कितना जरूरी मानते हैं?
उत्तरः
कुछ अभिभावक आज के समय में भी खेलने-कूदने को समय की बर्बादी मानते हैं। इसका प्रमुख कारण यह है कि बच्चे खेलकूद में इतने रम जाते हैं कि पढ़ाई करना ही छोड़ देते हैं। खेलने के बाद वे इतना थक जाते हैं किताब हाथ में लेते ही उन्हें नींद आने लगती है। इस प्रकार वे पढ़ाई में पीछे रह जाते हैं। मैं शिक्षा के साथ-साथ पढ़ाई को भी महत्वपूर्ण मानती हूँ । शिक्षा का उद्देश्य केवल मानसिक विकास करना ही नहीं बल्कि सर्वांगीण विकास करना है । खेलकूद से शारीरिक विकास भी होता है और मानसिक विकास भी होता है। अतः खेलकूद भी परम आवश्यक है।
14. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर संकेत- बिंदुओं के आधार पर लगभग 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए-
(1) इक्कीसवीं सदी में भारत
20वीं सदी का भारत व उपलब्धियाँ
सूचना व संचार क्षेत्र में क्रांति
महाशक्ति के रूप में भारत
उत्तरः
इक्कीसवीं सदी में भारत
आज भारत एक महाशक्ति के रूप में स्थापित हो रहा है। भारत की बीसवीं सदी का आधे से ज्यादा भाग स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए निकल गया पर अब देश का नव-निर्माण हो रहा है। आज भारत पूरे विश्व में प्रभावी लोकतंत्र की शक्ति के रूप में उभर रहा है। बीसवीं सदी में भारत ने कई कीर्तिमान स्थापित किए जैसे- परमाणु शक्ति एवं प्रभावी जनतंत्र । पर अभी भी कुछ कारणों जैसे- जनसंख्या वृद्धि, अशिक्षा, भ्रष्टाचार व गरीबी आदि पर विजय पाने के लिए निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमने उस आसमान को छू लिया है जिसकी कल्पना ही हम करते थे । उन्होंने धारा 370 / 35A जम्मू-कश्मीर से हटा कर 70 साल के इतिहास को बदल डाला है। उनका मकसद है कि भारत एक महाशक्ति के रूप में अपनी पहचान बनाए । प्रसन्नता की बात यह है कि भारत अब अपने आर्थिक स्वरूप को भी बदल रहा है। सूचना और संचार साधनों में क्रांति आई है। अंतरिक्ष पर भी भारत ने चंद्रयान-2 का सफल प्रक्षेपण इसरो द्वारा किया। अभी भारत को जनसंख्या वृद्धि, प्रदूषण, अशिक्षा पर जीत हासिल करनी है। कैंसर और एड्स जैसी जानलेवा बीमारियों पर विजय प्राप्त कर भारत विश्व में महाशक्ति के रूप में उभरेगा ।
(2) ग्लोबल वार्मिंग के खतरे
ग्लोबल वार्मिंग का अर्थ
उत्पन्न खतरे
उपाय
उत्तरः
ग्लोबल वार्मिंग के खतरे
हमारे वायुमंडल में हानिकारक तत्वों का बढ़ना ग्लोबल वार्मिंग कहलाता है। पृथ्वी पर पहुँचने वाली सौर ऊर्जा का 74% भाग पृथ्वी की सतह द्वारा ही अवशोषित कर लिया जाता है। बाकी ऊर्जा वायुमंडल में ही वितरित हो जाती है। सौर ऊर्जा का कुछ भाग ग्रीन हाउस गैसों विशेषकर कार्बन डाइ ऑक्साइड द्वारा रोका जाता है। इस तरह पृथ्वी पर वायुमंडल में कार्बन डाइ ऑक्साइड की मात्रा बढ़ रही है और ग्लोबल वार्मिंग हो रही है। इसका मुख्य कारण उद्योगों एवं कारखानों से निकलने वाली गैसें, वाहन, जनसंख्या वृद्धि, वनों की कटाई एवं पर्यावरण का असंतुलन आदि है । इसके कारण उत्तर-दक्षिणी ध्रुवों में तापमान बढ़ रहा है। ग्लेशियर पिघल रहे हैं। अब इससे बचने के लिए सख्त प्रयास करने चाहिए। वृक्षों की कटाई, जनसंख्या वृद्धि, वाहनों का प्रयोग आदि के लिए उचित मापदण्ड की आवश्यकता है जिससे इस खतरे से पूरे विश्व को बचाया जा सके अन्यथा मानव जीवन खतरे में पड़ जायेगा ।
(3) पुस्तकालय का महत्व
उत्तरः
पुस्तकालय का अर्थ
पुस्तकें ज्ञान का भंडार पुस्तकालय का महत्व
उपसंहार
‘पुस्तकालय’ का शाब्दिक अर्थ है- पुस्तक + आलय अर्थात् पुस्तकों का घर । पुस्तकालय में विभिन्न पुस्तकों का भंडार होता है। पुस्तकालय दो प्रकार के होते हैं – निजी और सार्वजनिक । निजी पुस्तकालय व्यक्ति विशेष का होता है। सार्वजनिक पुस्तकालय साधारण जनता का होता है। ये सरकार या निजी संस्थाओं द्वारा चलाया जाता है । पुस्तकालय में आराम से शांतिपूर्ण रुप से पुस्तकों को पढ़ा जाता है। प्रत्येक पुस्तकालय के अपने नियम-कानून होते हैं। अत: उनको अनुशासित रूप से माना जाता है । पुस्तकालय ज्ञान का भंडार है । यहाँ विभिन्न तरह की पुस्तकें एक ही छत के नीचे आसानी से पढ़ सकते हैं । पुस्तकें महान् विद्वानों की धरोहर हैं जो मानव कल्याण के लिए ही हैं । हमारा दायित्व है कि हम पुस्तकालयों के नियमों का पालन करते हुए, उनकी रक्षा करें, जिससे उनका विकास हो और हमारी भावी पीढ़ी इस ज्ञान रूपी ख़जाने से लाभान्वित हो ।
15. (1) आप रामप्रकाश / रामदुलारी हैं। आपके नाम से प्रेषित दस हजार रुपए के मनीआर्डर की प्राप्ति न होने का शिकायत पत्र अधीक्षक पोस्ट ऑफिस को लिखिए ।
अथवा
(2) नेशनल बुक ट्रस्ट के प्रबंधक को पत्र लिखकर हिंदी में प्रकाशित नवीनतम बाल साहित्य की पुस्तकें भेजने हेतु अनुरोध कीजिए ।
उत्तरः सेवा में,
अधीक्षक,
मुख्य डाकघर,
तिलक नगर
नई दिल्ली
दिनांक: 25 जुलाई, 20xx
विषयः मनीऑर्डर की प्राप्ति नहीं होने पर कार्रवाई हेतु पत्र ।
माननीय महोदय,
मैं तिलक नगर, नई दिल्ली का रहने वाला हूँ। मेरे घर से मेरे पिताजी ने दिनांक 1 जुलाई, 20xx को ₹19000 का मनीऑर्डर ( रसीद संख्या 568xxxx) किया था । परंतु 25 दिन हो गए अभी तक मुझे मनीआर्डर प्राप्त ही नहीं हुआ है। मैंने इस विषय पर अपने क्षेत्र के पोस्ट ऑफिस से भी पता किया था परंतु उन्हें कोई जानकारी नहीं है । हमारा परिवार मध्यमवर्गीय है और पिताजी ने मेरी फीस के लिए वो रुपए भेजे थे। रुपयों का अतिशीघ्र प्राप्त होना मेरे लिए अत्यंत आवश्यक है।
आपसे निवेदन है कि इस दिशा में कुछ ठोस कदम उठाएँ और जल्द-से-जल्द मुझे मनीआर्डर वाले रुपए दिलवाएँ। मुझे पूरा विश्वास है कि आप उचित कार्रवाई करेंगे। मैं सदा आपका आभारी रहूँगा ।
धन्यवाद
भवदीय
राम प्रकाश शर्मा
संतगढ़, नई दिल्ली -18
अथवा
परीक्षा भवन,
19 अगस्त, 20xx
सेवा में, प्रबंधक,
नेशनल बुक ट्रस्ट,
नई दिल्ली।
विषयः पुस्तक मँगवाने हेतु प्रार्थना पत्र ।
महोदय,
हमने छोटे बच्चों के लिए सार्वजनिक पुस्तकालय की शुरुआत की है। जिसमें छोटी-छोटी कहानियों का संग्रह, पंचतंत्र, चंपक, रामायण, महाभारत, नेताओं की जीवनी आदि पुस्तकों का संकलन होगा। मुझे आप निम्नलिखित पुस्तकें शीघ्र भिजवा दें। मैं इस पत्र के साथ आपको ₹2000 का बैंक ड्राफ्ट न. xxxx दिनांक 22 अगस्त, 20xx भेज रहा हूँ । पुस्तकें भेजने से पहले निश्चित कर लीजियेगा कि पुस्तकों की अवस्था कटी-फटी न हो ।
आप से अनुरोध है कि ये सभी पुस्तकें सार्वजनिक पुस्तकालय के लिए ही हैं। अतः आप हमें सभी किताबों पर जितना हो सके उतनी छूट दें एवं शीघ्र से शीघ्र हमें पहुँचाने का कष्ट करें। मैं पत्र में पुस्तकों की सूची भी दे रहा हूँ, प्रत्येक की 5-5 प्रतियाँ भेजें एवं हमारी मदद करें।
- चंपक
- चाचा चौधरी
- पंचतंत्र
- जातक कथाएँ
- हितोपदेश
- जंगलबुक
- सिंहासन बत्तीसी
- नंदन
धन्यवाद
भवदीय
सचिव,
सार्वजनिक पुस्तकालय
16. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 80 शब्दों में सूचना लिखिए-
(1) आपके क्षेत्र का एक बच्चा लापता है। गुमशुदा बच्चे की तलाश हेतु अखबार में प्रकाशित करने हेतु सूचना तैयार कीजिए ।
अथवा
(2) आप विद्यार्थी परिषद् के सचिव हैं। स्काउट/गाइड कैंप के आयोजन हेतु विद्यार्थी परिषद् की बैठक के लिए सूचना तैयार कीजिए ।
उत्तरः
सूचना
गुमशुदा बच्चे की तलाश
सभी को सूचित किया जाता है कि एक बच्चा, जिसका नाम साहब पुत्र गुरमीत सिंह, निवासी 38 /5, तीसरी मंजिल, अशोक नगर, नई दिल्ली – 18, उम्र – पाँच वर्ष, कद-3 फीट”, चेहरा – लंबा, रंग- गोरा, आँखें – काली, बाल-काले, लाल रंग की कमीज और सफेद पैंट तथा पैरों में लाल जूते पहने हुए है, जो दिनांक 25.08.20xx से अशोक नगर से लापता है।
इस गुमशुदा बच्चे की कोई सूचना मिलने पर निम्न पते पर सूचित करें – दूरभाष – 9832xxxxxxxx, 955xxxxxxxx
फैक्स – 011 – 24xxxxxx, ईमेल- dpxxx@gmail.com
दिनांक – 28.08.20xx
सूचना देने वाले को उचित इनाम दिया जायेगा ।
अथवा
सूचना
संस्कृति पब्लिक स्कूल
दिल्ली
आप सभी को सूचित किया जाता है कि स्काउट/गाइड कैंप की व्यवस्था से संबंधित कुछ आवश्यक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए विद्यार्थी |परिषद् की बैठक कल सुबह 11 बजे प्रधानाचार्य कार्यालय में होगी । विद्यार्थी परिषद् के सभी सदस्यों की उपस्थिति अनिवार्य है। चर्चा के आवश्यक मुद्दे स्वच्छ जल की व्यवस्था व अनुशासन के नियम हैं। सभी से अनुरोध है कि अपने-अपने अनुसार इस विषयों के लिये | उचित सुझाव लिखकर लाऐं ।
श्री बेदी
सचिव : विद्यार्थी परिषद
दिनांक
07-10-20xx
17. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 60 शब्दों में विज्ञापन तैयार कीजिए-
(1) आपके मित्र ने एक शैक्षिक यू-ट्यूब चैनल की शुरुआत की है, इसकी सदस्यता लेने हेतु आकर्षक विज्ञापन तैयार करें।
अथवा
(2) आपके बनाए गए चित्रों की प्रदर्शनी लगने वाली है, इसके प्रचार हेतु आकर्षक विज्ञापन बनाएँ ।
उत्तर:
अथवा
18. (1) ‘देशभक्ति’ शीर्षक पर आधारित लगभग 100 शब्दों में लघुकथा लिखिए ।
अथवा
(2) अपनी योग्यता तथा खेलों में रुचि का परिचय देते हुए अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य महोदय को विद्यालय के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित विज्ञान प्रतियोगिता में भाग लेने की अनुमति के लिए ई-मेल लिखिए ।
उत्तरः
एक बार स्वामी जी जापान के विश्वविद्यालय में प्रवचन करने गए। वहाँ उन्होंने एक विद्यार्थी से पूछा कि तुम किस धर्म को मानते हो ? विद्यार्थी ने उत्तर दिया कि बौद्ध धर्म को । स्वामी जी ने पूछ लिया- ‘तुम बुद्ध के बारे में क्या सोचते हो ? विद्यार्थी ने उत्तर दिया- वे तो भगवान हैं, मैं उनका सम्मान करता हूँ । स्वामी जी ने फिर प्रश्न किया- अच्छा तो ये बताओ कि कनफ्यूशियस के बारे में क्या जानते हो ?
विद्यार्थी ने उत्तर दिया- जी वे तो महान संत थे। अंत में स्वामी जी ने फिर पूछा कि यदि किसी देश की सेना तुम्हारे देश पर आक्रमण करे और उस देश का सेनापति महात्मा बुद्ध या कनफ्यूशियस हो तो तुम क्या करोगे ?
स्वामी जी के इस प्रश्न से विद्यार्थी का चेहरा क्रोध से लाल हो गया, उसने गुस्से से कहा यदि कोई देश मेरे देश की ओर आँख उठाकर भी देखेगा तो मैं उसकी आँखें फोड़ दूँगा । फिर वो चाहे बुद्ध हो या कनफ्यूशियस । विद्यार्थी के इस उत्तर से स्वामी जी बहुत प्रभावित हुए और बोले जिस देश में ऐसे देशभक्त हों, उस देश को कोई नहीं हरा सकता। ऐसी देशभक्ति हर देश के नागरिकों में होनी चाहिए ।
अथवा
To : principal.dps@gmail.com
cc: viceprin.dps@gmail.com
Subject- स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित विज्ञान प्रतियोगिता दिवस में भाग लेने हेतु पत्र ।
महोदया,
सविनय निवेदन यह है कि मैं आपके विद्यालय की दसवीं की छात्रा हूँ। आज ही कक्षाध्यापिका से स्थापना दिवस के अवसर पर आयो. जित विज्ञान प्रतियोगिता के आयोजन के विषय में सुना । जैसा आपको विदित है कि इस बार राष्ट्रीय व स्कूली स्तर पर आयोजित कई प्रतियोगिताओं में मैंने भाग लिया है व पुरस्कार भी जीते हैं । मेरा आपसे यही निवेदन है कि मुझे आप विद्यालय की इन प्रतियोगिताओं में भाग लेने की अनुमति प्रदान करें। आपकी अति कृपा होगी।
सधन्यवाद,
आपकी आज्ञाकारी शिष्या
क ख ग
कक्षा दसवीं (अ)