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CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 2 with Solutions
समय: 3 घंटे
पूर्णाक: 80
सामान्य निर्देशः
- इस प्रश्न-पत्र में दो खंड हैं-खंड ‘क’ और खंड ‘ख’। खंड-‘क’ में वस्तुपरक / बहुविकल्पी और खंड-‘ख’ में वस्तुनिष्ठ/ वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए हैं।
- प्रश्नपत्र के दोनों खंडों में प्रश्नों की संख्या 17 है और सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
- यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए।
- खंड ‘क’ में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपप्रश्नों की संख्या 49 है। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- खंड ‘ख’ में कुल 7 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
खण्ड – ‘अ’
(बहुविकल्पी / वस्तुपरक प्रश्न)
1. निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए-
अपने इतिहास के अधिकांश कालों में भारत एक सांस्कृतिक इकाई होते हुए भी पारस्परिक युद्धों से जर्जर होता रहा है। यहाँ के कुछ शासक अपने शासनकाल में धूर्त एवं असावधान थे । समय-समय पर यहाँ दुर्भिक्ष, बाढ़ तथा प्लेग के प्रकोप होते रहे, जिससे सहस्रों व्यक्तियों की मृत्यु हुई। जन्मजात असमानता की मान्यता धर्मसंगत मानी गई, जिसके फलस्वरूप नीच कुल के व्यक्तियों का जीवन अभिशाप बन गया । इन सबके होते हुए भी हमारा विचार है कि पुरातन संसार के किसी भी भाग में मनुष्य के मनुष्य से तथा मनुष्य के राज्य से ऐसे सुंदर एवं मानवीय संबंध नहीं रहे हैं। किसी भी अन्य प्राचीन सभ्यता में गुलामों की संख्या इतनी कम नहीं रही जितनी भारत में और न ही ‘अर्थशास्त्र’ के समान किसी प्राचीन ग्रंथ ने मानवीय अधिकारों की इतनी सुरक्षा की है।
मनु के समान किसी अन्य प्राचीन स्मृतिकार ने युद्ध में न्याय के ऐसे उच्चादर्शों की घोषणा भी नहीं की है। भारत के युद्ध के इतिहास में कोई भी ऐसी कहानी नहीं जिसमें नगर के नगर तलवार से मृत्यु के घाट उतारे गए हों अथवा शांतिप्रिय नागरिकों का सामूहिक वध किया गया हो । असीरिया के बादशाहों की भयंकर क्रूरता जिसमें वे अपने बंदियों की खालें खिंचवा लेते थे, प्राचीन भारत में पूर्णतः अप्राप्य है। नि:संदेह कहीं-कहीं क्रूरता एवं कठोरतापूर्ण व्यवहार था, परन्तु अन्य संस्कृतियों की अपेक्षा नगण्य था । हमारे लिए प्राचीन सभ्यता की सर्वाधिक महत्वपूर्ण विशेषता उसकी मानवीयता है।
(1) हमारी प्राचीन सभ्यता की सर्वाधिक महत्वपूर्ण विशेषता उसकी मानवीयता है –
इस कथन की प्रमाणिकता सिद्ध करने योग्य कारण- कथन पढ़कर सही विकल्प का चयन कीजिए-
कथन
(i) भारत के युद्ध के इतिहास में बादशाहों का बन्दियों के साथ अमानुष बर्ताव और शासकों की असावधानी
(ii) समय-समय पर दुर्भिक्ष, बाढ़ तथा प्लेग के प्रकोप और पारस्परिक युद्धों से आने वाली जर्जरता
(iii) तुलनात्मक प्राचीन सभ्यता में दिखने वाली गुलामों की कमी तथा अर्थशास्त्र में बताई गए मानवीय अधिकारों के सुरक्षा उपाय
(iv) अर्थशास्त्र के माध्यम से युद्ध में न्याय के उच्चादर्शों की घोषणा तथा असीरिया में पाई गई क्रूरता की प्राचीन भारत में अप्राप्यता विकल्प
(क) कथन (ii) व (iii) सही हैं।
(ख) कथन (iii) व (iv) सही हैं।
(ग) कथन (i) व (iv) सही हैं।
(घ) कथन (iii) सही है ।
उत्तरः
(घ) कथन (iii) सही है।
(2) भारत में जन्मजात असमानता की मान्यता धर्मसंगत मानी गई, जिसके कारण-
(क) नीच कुल का समझे जाने वाले लोगों का जीवन अभिशाप बन गया ।
(ख) देश का विकास हुआ।
(ग) लोगों में समानता की भावना विद्यमान रही ।
(घ) समाज में प्रेम-भाव पनपा ।
उत्तर :
(क) नीच कुल का समझे जाने वाले लोगों का जीवन अभिशाप बन गया ।
(3) कमजोर और जर्जर राष्ट्र होने के बावजूद भारत अन्य देशों से किस दृष्टि से भिन्न था ?
(क) यहाँ गुलामों की संख्या अन्य देशों की तुलना में अधिक थी
(ख) यहाँ मानवीय अधिकारों की सुरक्षा की गई ।
(ग) यहाँ शांतिप्रिय नागरिकों का वध किया जाता था ।
(घ) युद्ध में शत्रु के साथ अन्याय का प्रावधान था ।
उत्तरः
(ख) यहाँ मानवीय अधिकारों की सुरक्षा की गई।
(4) मानव अधिकारों की सुरक्षा का क्या प्रमाण है?
(क) दास प्रथा को प्रश्रय देना ।
(ख) शांतिप्रिय लोगों का वध करना ।
(ग) चाणक्य द्वारा रचित अर्थशास्त्र ।
(घ) जन्मजात असमानता को धर्मसंगत मानना ।
उत्तर :
(ग) चाणक्य द्वारा रचित अर्थशास्त्र ।
(5) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उपयुक्त विकल्प चुनिए-
कथन (A) : इतिहास में जन्मजात असमानता को धर्मसंगत मान्यता मिलना
कारण (R) : नीच कुलीन व्यक्तियों का जीवन अभिशाप बनना
(क) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है ।
(ख) कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत हैं।
(ग) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
(घ) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर :
(ग) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
2. निम्नलिखित दो पद्यांशों में से किसी एक पर आधारित बहुविकल्पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए-
साँझ- सकारे चंदा-सूरज करते जिसकी आरती
उस मिट्टी में मन का सोना घोल दो-
ग्रह-नक्षत्रो ! भारत की जय बोल दो ।
वह माली है, वह खुशबू है, हम चमन,
वह मंदिर है, वह मूरत है, हम नमन,
छाया है माथे पर आशीर्वाद-सा,
वह संस्कृतियों के मीठे संवाद-सा,
उसकी देहरी पर अपना माथा टेककर
हम उन्नत होते हैं उसको देखकर ।
ऋतुओ ! उसको नित नूतन परिधान दो,
झुलस रही है धरती, सावन दान दो ।
सरल नहीं परिवर्तन में मन ढालना
हर पत्थर से भागीरथी निकालना
हम अनेकता में भी तो हैं एक ही,
हर संकट में जीता सदा विवेक ही
कृति, आकृति, संस्कृति, भाषा के वास्ते
बने हुए हैं मिलते-जुलते रास्ते
आस्थाओं की टकराहट से लाभ क्या ?
मंजिल को हम देंगे भला जवाब क्या ?
एक हार में गूँथे मणि- माणिक हैं हम
बिखरे फूलों को भी इसमें जोड़ दो,
ग्रह-नक्षत्रो ! भारत की जय बोल दो ।
(1) उन पंक्तियों का चयन कीजिए जिनका आशय – देश का हर निवासी अनमोल और एकता में विश्वास करने वाला है। रंग, वेष, धर्म में अनेकता होते हुए भी सब मिलजुलकर रहते हैं।
कथन
(i) हम अनेकता में भी तो हैं एक ही, हर संकट में जीता सदा विवेक ही
(ii) छाया है माथे पर आशीर्वाद-सा, वह संस्कृतियों के मीठे संवाद-सा
(iii) एक हार में गूँथे मणि- माणिक हैं हम, बिखरे फूलों को भी इसमें जोड़ दो
(iv) कृति, आकृति, संस्कृति, भाषा के वास्ते, बने हुए हैं मिलते जुलते रास्ते
विकल्प
(क) कथन (i) व (ii) सही है।
(ख) कथन (iii) व (iv) सही हैं।
(ग) कथन (iv) सही है ।
(घ) कथन (i), (iv) सही है ।
उत्तर:
(ख) कथन (iii) व (iv) सही हैं।
(2) ‘नित नूतन’ में अलंकार प्रयुक्त हुआ है-
(क) अनुप्रास
(ख) उपमा
(ग) रूपक
(घ) उत्प्रेक्षा
उत्तर :
(क) अनुप्रास
(3) कवि के अनुसार कौन-सा काम सरल नहीं है ?
(क) पत्थरों को तोड़ना
(ख) नदी निकालना
(ग) परिवर्तन में मन को ढालना
(घ) संकट झेलना
उत्तर :
(ग) परिवर्तन में मन को ढालना
(4) ‘ भागीरथी’ शब्द किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?
(क) यमुना के लिए
(ख) गंगा के लिए
(ग) सरस्वती के लिए
(घ) किसी अन्य के लिए
उत्तरः
(ख) गंगा के लिए
(5) ‘परिवर्तन आसान नहीं होता’ – ये समझाने के लिए कवि ने कौन-सा उदाहरण दिया है?
कथन
(i) ऋतुओं को नित नूतन परिधान दो ।
(ii) मिट्टी में मन का सोना घोल देने का
(iii) आस्थाओं से टकराकर मंजिल पाने का
(iv) पत्थर में से भागीरथी नदी निकालने का
विकल्प
(क) कथन (iii) व (iv) सही हैं।
(ख) कथन (i) व (ii) सही हैं।
(ग) कथन (i) सही है।
(घ) कथन (iv) सही है ।
उत्तर:
(घ) कथन (iv) सही है।
अथवा
चमक रहा उत्तुंग हिमालय, यह नगराज हमारा ही है ।
जोड़ नहीं धरती पर जिसका, वह नगराज हमारा ही है ।
नदी हमारी ही है गंगा, प्लावित करती मधुरस धारा,
बहती है क्या कहीं और भी, ऐसी पावन कल-कल धारा ?
सम्मानित जो सकल विश्व में, महिमा जिनकी बहुत रही है,
अमर ग्रंथ वे सभी हमारे, उपनिषदों का देश यही है ।
गाएँगे यश हम सब इसका, यह है स्वर्णिम देश हमारा।
आगे कौन जगत में हमसे, यह है भारत देश हमारा।
विघ्नों का दल चढ आए तो, उन्हें देख भयभीत न होंगे,
अब न रहेंगे दलित दीन हम, कहीं किसी से हीन न होंगे,
क्षुद्र स्वार्थ की खातिर हम तो, कभी न ओछे कर्म करेंगे।
पुण्यभूमि यह भारतमाता, जग की हम तो भीख न लेंगे।
मिसरी – मधु – सेवा – – फल सारे, देती हमको सदा यही है,
कदली, चावल, अन्न विविध अरू क्षीर सुधामय लुटा रही है।
आर्यभूमि उत्कर्षमयी यह, गूँजेगा यह गान हमारा।
कौन करेगा समता इसकी, महिमामय यह देश हमारा।
(1) लोगों द्वारा निंदित कर्म करने का कारण है- कथन पढ़कर सही विकल्प का चयन कीजिए ।
कथन
(i) छोटे-छोटे स्वार्थ के लिए
(ii) दूसरों को दुःख देकर खुद की खुशी पाने के लिए
(iii) अपनी सम्पत्ति बढ़ाने के लिए
(iv) खुद का महत्व बढ़ाकर दूसरों को नीचा दिखाने के लिए
विकल्प
(क) कथन (iii) व (iv) सही हैं।
(ख) कथन (i) व (ii) सही हैं।
(ग) कथन (i) सही है ।
(घ) कथन (ii) सही है ।
उत्तर :
(ग) कथन (i) सही है।
(2) ‘उपनिषद’ का देश है-
(क) श्रीलंका
(ख) भारत
(ग) म्यांमार
(घ) चीन
उत्तर :
(ख) भारत
(3) ‘ओछे कर्म’ का आशय है-
(क) ग्रहण करने योग्य कार्य
(ख) दूसरों के हित के लिए किए गए कार्य
(ग) अपने हित में किए गए कार्य
(घ) निकृष्ट कोटि के कार्य
उत्तरः
(घ) निकृष्ट कोटि के कार्य
(4) ‘मिसरी – मधु – मेवा’ पंक्ति में अलंकार है-
(क) यमक
(ख) अनुप्रास
(ग) उपमा
(घ) रूपक
उत्तर :
(ख) अनुप्रास
(5) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उपयुक्त विकल्प चुनिए-
कथन (A) : यदि हमारी प्रगति के रास्ते में विघ्न आएँगे तो हम भयभीत नहीं होंगे।
कारण (R) : हम हमेशा हमारी दयालु मातृभूमि के आगे मदद की भीख माँगेंगे।
(क) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
(ख) कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत हैं ।
(ग) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
(घ) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तरः
(घ) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
3. निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पी प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(1) मोदी जी ने भाषण दिया और लोगों ने तालियाँ बजाईं – मिश्रित वाक्य बनाइए-
(क) मोदीजी के भाषण देने पर लोगों ने तालियाँ बजाईं।
(ख) जैसे ही मोदीजी ने भाषण दिया, लोगों ने तालियाँ बजाईं।
(ग) लोगों ने तालियाँ बजाईं, क्योंकि मोदीजी भाषण दे रहे थे ।
(घ) मोदी जी भाषण दे रहे थे और लोग तालियाँ बजा रहे थे ।
उत्तर :
(ख) जैसे ही मोदीजी ने भाषण दिया, लोगों ने तालियाँ बजाईं।
(2) यदि वह तेज़ दौड़ता तो गाड़ी मिल जाती – संयुक्त वाक्य बनाइए-
(क) वह तेज दौड़ता तो गाड़ी मिल जाती
(ख) वह तेज नहीं दौड़ा, इसलिए गाड़ी छूट गई
(ग) गाड़ी पकड़ने के लिए उसे तेज दौड़ना था ।
(घ) यद्यपि वह तेज दौड़ा, फिर भी उसे गाड़ी नहीं मिली ।
उत्तर :
(क) वह तेज दौड़ता तो गाड़ी मिल जाती
(3) यह वही व्यक्ति है, जिसने चोरी की थी- सरल वाक्य बनाइए-
(क) जिसने चोरी की थी, यह वही व्यक्ति है।
(ख) यह जो व्यक्ति है वह चोर भी है।
(ग) इसी व्यक्ति ने चोरी की थी।
(घ) चोरी करने वाला व्यक्ति यही है ।
उत्तर :
(ग) इसी व्यक्ति ने चोरी की थी।
(4) निम्नलिखित वाक्यों में मिश्र वाक्य पहचानकर नीचे दिए गए सबसे सही विकल्प को चुनिए-
(i) उसने रिश्ता बनाया भी और निभाया भी
(ii) जब तक सच्चाई पता चलेगी तब तक बहुत देर हो जायेगी
(iii) तुम कार्यक्रम में नहीं आ सकते क्योंकि तुम्हें निमंत्रण नहीं है।
(iv) मेरा घर तुम्हारे घर के पास ही है।
विकल्प
(क) केवल (i) व (iii) सही हैं।
(ख) कथन (i), (iii) व (iv) सही हैं ।
(ग) कथन (ii) व (iii) सही हैं।
(घ) कथन (ii) व (iv) सही हैं।
उत्तर:
(ग) कथन (ii) व (iii) सही हैं।
(5) कॉलम 1 को कॉलम 2 के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए-
कॉलम 1 | कॉलम 2 |
(1) हमने आपकी बात मान ली | (i) मिश्र वाक्य |
(2) जैसे ही बादल घिरे, तेज बरसात शुरू हुई | (ii) संयुक्त वाक्य |
(3) सूचना मिली और छात्रों ने परीक्षा का पेपर लिखना शुरू किया | (iii) सरल वाक्य |
विकल्प
(क) 1-i, 2-iii, 3-ii
(ख) 1-ii, 2-i, 3-ii
(ग) 1-iii, 2-ii, 3-i
(घ) 1-iii, 2-i, 3-ii
उत्तरः
(घ) 1-iii, 2-i, 3-ii
4. निर्देशानुसार ‘ वाच्य’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पी प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(1) कॉलम 1 को कॉलम 2 के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए-
कॉलम 1 | कॉलम 2 |
(1) मुझसे झूठ बोला नहीं जायेगा | (i) कर्म वाच्य |
(2) लता मंगेशकर को स्वर कोकिला कहा जाता है | (ii) भाव वाच्य |
(3) भगत सिंह जी फांसी पर हँसते-हँसते चढ़ गए | (iii) कर्तृवाच्य |
विकल्प
(क) 1-i, 2-iii, 3-ii
(ख) 1-ii, 2-i, 3-ii
(ग) 1-iii, 2-ii, 3-i
(घ) 1-iii, 2-i, 3-ii
उत्तरः
(घ) 1-iii, 2-i, 3-ii
(2) लड़की आँगन में सो रही है – भाववाच्य में बदलिए-
(क) आँगन में लड़की सो रही है।
(ख) लड़की से आँगन में सोया जा रहा है।
(ग) लड़की के द्वारा आँगन में सोया जाता है ।
(घ) लड़की आँगन में सोती है।
उत्तरः
(ख) लड़की से आँगन में सोया जा रहा है।
(3) बच्चे से रोया जाता है – कर्तृवाच्य में बदलिए-
(क) बच्चे के द्वारा रोया जाता है।
(ख) बच्चा रो रहा है।
(ग) बच्चा रोता है ।
(घ) बच्चे से रोया जा रहा है।
उत्तरः
(ग) बच्चा रोता है ।
(4) चुनावों की घोषणा की – कर्मवाच्य में बदलिए-
(क) चुनाव घोषित हुए
(ग) चुनावों की घोषणा की गई
(ख) चुनाव के लिए घोषणा हुई
(घ) चुनावों की घोषणा होती है
उत्तर :
(ग) चुनावों की घोषणा की गई
(5) भगवान हमारी रक्षा करते हैं- वाच्य का भेद बताइए-
(क) कर्तृवाच्य
(ख) कर्मवाच्य
(ग) भाववाच्य
(घ) अन्य
उत्तरः
(क) कर्तृवाच्य
5. निर्देशानुसार ‘पद परिचय’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पी प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(1) हरिवंशराय बच्चनजी ने प्रसिद्ध काव्य लिखा। रेखांकित अंश का पद – परिचय होगा-
(क) परिमाणवाचक विशेषण, पुल्लिंग, एकवचन, विशेष्य ‘काव्य’
(ख) गुणवाचक विशेषण, स्त्रीलिंग, बहुवचन, विशेष्य ‘काव्य’
(ग) परिमाणवाचक विशेषण, पुल्लिंग, एकवचन, विशेष्य ‘हरिवंश राय बच्चन’
(घ) गुणवाचक विशेषण, पुल्लिंग, एकवचन, विशेष्य ‘काव्य’
उत्तरः
(घ) गुणवाचक विशेषण, पुल्लिंग, एकवचन, विशेष्य ‘काव्य’
(2) ताजमहल मुगल वास्तुकला का एक अद्भुत नमूना है। रेखांकित अंश का पद – परिचय होगा-
(क) भाववाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, , कर्मवाच्य
(ख) भाववाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्तृवाच्य
(ग) व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्तृवाच्य
(घ) व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्मवाच्य
उत्तर :
(घ) व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्मवाच्य
(3) बड़े परिश्रम के बाद ही सफलता प्राप्त होती है। रेखांकित अंश का पद-परिचय होगा –
(क) भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्मवाच्य
(ख) भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्तृवाच्य
(ग) जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्मवाच्य
(घ) भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, कर्मवाच्य बहुवचन
उत्तरः
(क) भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्मवाच्य
(4) पांडव महाभारत में जीत पाकर भी खुश नहीं थे। रेखांकित अंश का पद – परिचय होगा-
(क) व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्मवाच्य
(ख) भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्मवाच्य
(ग) भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, बहुवचन, कर्तृवाच्य
(घ) जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, बहुवचन, कर्मवाच्य
उत्तरः
(ख) भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्मवाच्य
(5) मेरे पास आकर रहना । रेखांकित अंश का पद – परिचय होगा-
(क) मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम, एकवचन, कर्तृवाच्य
(ख) अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम, एकवचन, कर्मवाच्य
(ग) जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, कर्तृवाच्य
(घ) उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम, एकवचन, कर्तृवाच्य
उत्तर :
(घ) उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम, एकवचन, कर्तृवाच्य
6. निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पी प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(1) ‘लता भवन ते प्रगट भे, तेहि अवसर दोउ भाई ।
निकसे जनु जुग विमल विधु जलद पटल विलगाई ॥
में कौन-सा अलंकार है । सही विकल्प चुनिए –
(क) श्लेष अलंकार
(ख) उत्प्रेक्षा अलंकार
(ग) उपमा अलंकार
(घ) अनुप्रास अलंकार
उत्तरः
(ख) उत्प्रेक्षा अलंकार
(2) निम्नलिखित में कौन-सा अलंकार है?
“रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून ।
पानी गए न ऊबरे, मोती मानस चून ॥
(क) श्लेष
(ख) रूपक
(ग) अनुप्रास
(घ) उत्प्रेक्षा
उत्तर :
(क) श्लेष
(3) बोधक शब्द- मानो, मनु, मनहुँ, जानो, जनु, जनहुँ का प्रयोग किस अलंकार में होता है?
(क) उत्प्रेक्षा अलंकार
(ख) अनुप्रास
(ग) यमक अलंकार
(घ) उपमा अलंकार
उत्तरः
(क) उत्प्रेक्षा अलंकार
(4) अलंकार की विशेषता है-
(क) अलंकार काव्य की आत्मा है।
(ख) अलंकार काव्य की शोभा बढ़ाते हैं ।
(ग) अलंकार काव्य का अंतरंग तत्व है।
(घ) अलंकार के बिना काव्य असंभव है।
उत्तरः
(ख) अलंकार काव्य की शोभा बढ़ाते हैं ।
(5) “अब जीवन की कपि आस न कोय
कनगुरिया की मुदरी कँगना होय ॥”
पद में निहित अलंकार का नाम निम्नांकित विकल्पों में से लिखिए-
(क) श्लेष
(ख) उत्प्रेक्षा
(ग) उपमा
(घ) अतिशयोक्ति
उत्तरः
(घ) अतिशयोक्ति
7. निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए-
हालदार साहब को पानवाले द्वारा एक देशभक्त का इस तरह मजाक उड़ाया जाना अच्छा नहीं लगा। मुड़कर देखा तो अवाक रह गए। एक बेहद बूढ़ा मरियल-सा लँगड़ा आदमी सिर पर गाँधी टोपी और आँखों पर काला चश्मा लगाए, एक हाथ में एक छोटी-सी संदूकची और दूसरे हाथ में एक बाँस पर टँगे बहुत से चश्मे लिए अभी-अभी एक गली से निकला था और अब एक बंद दुकान के सहारे अपना बाँस टिका रहा था। तो इस बेचारे की दुकान भी नहीं, फेरी लगाता है।
(1) हालदार साहब अवाक् क्यों रह गए-
(क) पान वाले द्वारा देशभक्त का मजाक उड़ाए जाने पर
(ख) कैप्टन के पास दुकान भी नहीं, यह देखकर
(ग) बूढ़े आदमी की संदूकची देखकर
(घ) बूढ़े आदमी के चश्मे को देखकर
उत्तर :
(ख) कैप्टन के पास दुकान भी नहीं, यह देखकर
(2) हालदार साहब को कैप्टन देशभक्त क्यों लगा ?
(क) क्योंकि वह चश्मे बेचता था ।
(ख) क्योंकि वह गाँधी टोपी लगाए था ।
(ग) क्योंकि वह नेताजी की बिना चश्मे वाली प्रतिमा पर नित्य नया चश्मा पहनाता था।
(घ) क्योंकि वह फेरी लगाता था ।
उत्तर :
(ग) क्योंकि वह नेताजी की बिना चश्मे वाली प्रतिमा पर नित्य नया चश्मा पहनाता था ।
(3) कैप्टन चश्मे वाला गली से निकलने के बाद क्या करता था ?
(क) फेरी लगाता था ।
(ख) दुकान खोलकर बैठ जाता था ।
(ग) पानवाले से बातें करता था ।
(घ) मूर्ति पर चश्मा लगाता था ।
उत्तर :
(क) फेरी लगाता था ।
(4) उपर्युक्त गद्यांश किस पाठ से लिया गया है?
(क) कैप्टन चश्मे वाला
(ख) नेताजी का चश्मा
(ग) हालदार साहब
(घ) पानवाले की दुकान
उत्तर :
(ख) नेताजी का चश्मा
(5) ‘मरियल-सा’ ‘छोटी-सी’, ‘अभी-अभी’ शब्दों के मध्य लगा (-) चिह्न क्या कहलाता है-
(क) निर्देशक चिह्न
(ख) योजक चिह्न
(ग) अल्प विराम
(घ) अर्द्ध विराम
उत्तर :
(ख) योजक चिह्न
8. गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए-
(1) बालगोबिन भगत की वेशभूषा कैसी थी ?
(क) शरीर पर एकमात्र लँगोटी तथा सिर पर कनफटी टोपी होती थी।
(ख) सर्दियों में काला कंबल ओढ़ लेते थे।
(ग) मस्तक पर रामानंदी तिलक और गले में तुलसी की माला होती थी ।
(घ) उपर्युक्त सभी सत्य हैं।
उत्तर :
(घ) उपर्युक्त सभी सत्य हैं।
(2) नवाब साहब ने खीरा काटा, नमक-मिर्च बुरका, अंततः सूँघकर ही खिड़की से बाहर फेंक दिया। उनका ऐसा करना उनके कैसे स्वभाव को इंगित करता है-
(क) संभवतः उन्हें खीरों में से दुर्गन्ध आ रही होगी ।
(ख) उन्होंने सोचा होगा कि सार्वजनिक स्थानों पर कुछ खाना नहीं चाहिए ।
(ग) उनका ऐसा करना उनके दर्प-युक्त स्वभाव तथा दिखावटी जीवन-शैली को इंगित करता है ।
(घ) वे किसी अपरिचित के सामने खीरा नहीं खाना चाहते थे ।
उत्तर :
(ग) उनका ऐसा करना उनके दर्प-युक्त स्वभाव तथा दिखावटी जीवन शैली को इंगित करता है ।
9. निम्नलिखित पठित पद्यांश पर आधारित बहुविकल्पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए-
हमारैं हरि हारिल की लकरी ।
मन क्रम वचन नंद-नंदन उर, यह दृढ़ करि पकरी ।
जागत सोवत स्वप्न दिवस निसि, कान्ह कान्ह जकरी ।
सुनत जोग लागत है ऐसों, ज्यौं करुई ककरी ।
सुतौ व्याधि हमकौं, लै आए, देखी सुनी न करी ।
यह तौ ‘सूर’ तिनहिं लै सौंपो, जिनके मन चकरी ॥
(1) गोपियों ने ‘ हारिल की लकरी’ किसे कहा है?
(क) श्रीकृष्ण को
(ख) अपने हृदय को
(ग) उद्धव को
(घ) हारिल वृक्ष की लकड़ी को
उत्तर :
(क) श्रीकृष्ण को
(2) गोपियों ने ‘व्याधि’ की संज्ञा किसको दी है ?
(क) बीमारी को
(ख) उद्धव को
(ग) योग – संदेश को
(घ) हारिल की लकड़ी को
उत्तर :
(ग) योग-संदेश को
(3) गोपियों ने उस व्याधि को किसे सौंपने के लिए कहा है?
(क) जिनका मन एकाग्रचित्त नहीं है।
(ख) जो लोग दुविधा में रहते हैं ।
(ग) जिनका मन चंचल है।
(घ) इन सभी को ।
उत्तर :
(ग) जिनका मन चंचल है।
(4) मन, क्रम और वचन से गोपियों ने किसको दृढ़ता के साथ अपने हृदय में धारण कर लिया है-
(क) हारिल की लकड़ी को
(ख) श्रीकृष्ण को
(ग) हारिल पक्षी को
(घ) चकरी को
उत्तर :
(ख) श्रीकृष्ण को
(5) उद्धव का योग संबंधी ज्ञान गोपियों को कैसा लगता है?
(क) कड़वी ककड़ी के समान
(ख) बहुत अच्छा
(ग) चकरी के समान
(घ) व्याधि के समान
उत्तर :
(क) कड़वी ककड़ी के समान
10. पद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए-
(1) ‘पिघल कर जल बन गया होगा कठिन पाषाण’ इस पंक्ति का क्या आशय है ?
(क) बच्चे के आगमन से पहाड़ पिघल गए।
(ख) बच्चे के आगमन से पत्थर पिघल गए।
(ग) बच्चे के आगमन से कवि का कठोर हृदय भी पिघल गया ।
(घ) बच्चे के आगमन से सबको हर्ष हुआ ।
उत्तरः
(ग) बच्चे के आगमन से कवि का कठोर हृदय भी पिघल गया ।
(2) ‘उत्साह’ नामक कविता के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है ?
(क) बादलों को गरजने के लिए कहता है ।
(ख) मूसलाधार वर्षा करने के लिए कहता है।
(ग) क्रांति के माध्यम से समाज में परिवर्तन लाना चाहता है।
(घ) रिमझिम फुहार के रूप में बरसने के लिए कहता है।
उत्तरः
(ग) क्रांति के माध्यम से समाज में परिवर्तन लाना चाहता है।
खण्ड – ‘ख’
(वर्णनात्मक प्रश्न)
11. गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए-
(क) लेखक की दृष्टि में ‘सभ्यता’ और ‘संस्कृति’ की सही समझ अब तक क्यों नहीं बन पाई है?
उत्तरः
मनुष्य सामाजिक प्राणी होने के कारण रूढ़ियों एवं परंपराओं में बँध गया है। उसका दायरा सीमित तथा दृष्टिकोण संकुचित हो गया है। अतः वह परिवर्तनशील संसार के साथ कदम मिलाकर नहीं चल पा रहा । वह सभ्यता एवं संस्कृति को अपने मनमाने रूप में प्रयोग कर रहा है।
इसी कारण मानव को सभ्यता एवं संस्कृति की सही समझ अब तक नहीं आई है।
(ख) ‘लखनवी अंदाज ‘ पाठ के आधार पर यशपाल जी की भाषा-शैली पर प्रकाश डालिए ।
उत्तरः
यशपालजी की भाषा-शैली वातावरण के अनुरूप प्रभाव पैदा करने की क्षमता रखती है। इनकी भाषा – शैली वर्णनात्मक, विवेचनात्मक, भावात्मक, चित्रात्मक तथा प्रवाहयुक्त है । ‘लखनवी अंदाज’ पतनशील सामंती वर्ग पर करारा व्यंग्य है। इन्होंने उर्दू-मिश्रित शब्दावली का प्रयोग बड़ी कुशलता से किया है।
(ग) मानव – जीवन पर ‘कबीर पंथ’ का क्या प्रभाव पड़ा है?
उत्तर:
कबीर पंथ मनुष्य को सांसारिक आकर्षणों से दूर रहने की प्रेरणा देता है। वह मानव के अंदर सत्यता, सरलता, त्याग, परोपकार आदि सद्गुणों का विकास करके उसे असत्य, छल-कपट, ईर्ष्या-द्वेष, माया – मोह, स्वार्थ-लालच आदि अवगुणों से दूर रहने के लिए प्रेरित करता है। कबीर पंथ के अनुसार मानव-जीवन ‘साहब’ की देन है, इसीलिए उसे अपना सम्पूर्ण जीवन उन्हीं के चरणों में समर्पित कर देना चाहिए।
(घ) हालदार साहब की चारित्रिक विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
उत्तरः
हालदार साहब देशप्रेमी, भावुक, संवेदनशील तथा सुलझे हुए व्यक्ति थे । वे राष्ट्र के प्रति सम्मान का भाव रखते थे तथा सभी लोगों को समानता की दृष्टि से देखते थे। अपने इसी गुण के कारण उनका ध्यान नेताजी की मूर्ति पर बदलते हुए चश्मों की ओर बरबस ही चला जाता है। अपने भावुक स्वभाव के कारण ही वे पानवाले द्वारा चश्मेवाले कैप्टन का उपहास उड़ाये जाने पर आहत हो जाते हैं।
12. पद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए-
(क) “उज्ज्वल गाथा कैसे गाऊँ मधुर चाँदनी रातों की” – कथन के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?
उत्तरः
कवि इस कथन के माध्यम से यह कहना चाहता है कि अपनी पत्नी या प्रेयसी के साथ बिताए गए मधुर मिलन के पल व्यक्तिगत होते हैं। उन्हें किसी के समक्ष व्यक्त नहीं किया जा सकता । दुःखों के जाल के बीच में सुखों के कुछ पल मेरे जीवन के आधार हैं। मैं आत्मकथा लिखकर अपने सुखद क्षणों को सार्वजनिक नहीं कर सकता ।
(ख) ‘उत्साह’ कविता के माध्यम से कवि ने ‘नवजीवन’ वाले कहकर किसे सम्बोधित किया है और क्यों ?
उत्तर:
‘उत्साह’ कविता के माध्यम से कवि ने ‘नवजीवन वाले’ कहकर, जीवन प्रदान करने वाले बादलों तथा नई रचना करने वाले कवियों को सम्बोधित किया है। उन्होंने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि बादल पानी बरसाकर प्यासे – पीड़ित, मुरझाए लोगों को जीवन प्रदान करते हैं । कवि अपनी उत्साहपूर्ण रचना के माध्यम से निराश – हताश लोगों के जीवन को आशा की किरण दिखाकर नई उम्मीदें पैदा कर देते हैं।
(ग) “साहस और शक्ति के साथ विनम्रता हो तो बेहतर है।” इस कथन पर अपने विचार लिखिए ।
उत्तरः
साहस और शक्ति एक-दूसरे के पूरक हैं। ये मनुष्य के श्रेष्ठ गुण हैं, यदि इनके साथ विनम्रता के गुण का समावेश हो जाये तो ‘सोने पर सुहागा’ का काम करता है । साहस- शक्ति तथा विनम्रता के मेल से मनुष्य महान बन जाता है। विनम्रता के अभाव में मनुष्य अहंकारी होकर अपनी शक्ति और साहस का दुरुपयोग करने लगता है। विनम्रता उस पर नैतिकता का अंकुश लगाती है। मनुष्य को सही राह पर चलना सिखाती है। अतः साहस एवं शक्ति के साथ विनम्रता का होना अत्यन्त आवश्यक है ।
(घ) शिशु की निश्छल मुस्कराहट में पाषाण – हृदय को भी द्रवित करने की क्षमता समाहित है – सिद्ध कीजिए ।
उत्तरः
शिशु बहुत भोले – मासूम और नादान होते हैं। उनकी मुस्कराहट निश्छल, निस्वार्थ तथा निष्कपट होती है। वह सबके मन को हरती है। उनकी फूल के समान कोमल मुस्कराहट को देखकर पाषाण – हृदय भी पिघलकर द्रवित हो जाता है। वह मन्त्र-मुग्ध सा होकर शिशु को देखता रह जाता है।
13. पूरक पाठ्यपुस्तक के पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए- माता का अँचल’ पाठ के आधार पर
(क) छाती पर चढ़कर बाप की मूँछें उखाड़ता हुआ छोटा बच्चा बुरा क्यों नहीं लगता’ बताइए कि पिता अपने बच्चों का लालन-पालन किस तरह करता है?
उत्तरः
बच्चों के लालन-पालन में जितना हाथ माता का होता है, उतना पिता का भी होता है । इस पाठ में पिता, भोलानाथ को शिक्षा देते हैं, उसके साथ खेलते हैं क्योंकि यह संबंध पुत्र के व्यक्तित्व के विकास में सहायक है । प्रस्तुत कथा में जहाँ भोलानाथ पिता की छाती पर बैठकर मूँछें उखाड़ता है, वहीं पिता उसे चूमकर या रोने का बहाना बनाकर हटाने की कोशिश करते हैं, परंतु पिता का वात्सल्य उसे गुस्सा नहीं होने देता इसलिए पिता और पुत्र के बीच का लगाव सकारात्मक गुणों को विकसित करता है ।
(ख) अज्ञेयजी के अनुसार लेखक और कृतिकार में क्या अन्तर है ? कृति एवं सामान्य लेखन के विषय में भी बताइए ।
उत्तरः
अज्ञेयजी के अनुसार सभी लेखक कृतिकार नहीं होते। उनके द्वारा लिखित सब कुछ लेखन के अन्तर्गत नहीं आता । आन्तरिक अनुभूति तथा उसकी विवशता से मुक्ति पाने हेतु लिखा गया लेखन ही सच्चा लेखन होता है। अपने मन की व्यथा को व्यक्त करने वाला लेखन ही ‘कृति’ कहलाता है और इसे व्यक्त करने वाला कृतिकार । धन, यश, ख्याति आदि की इच्छा से प्रेरित लेखन सामान्य लेखन की श्रेणी में आता है।
(ग) ‘गंतोक को मेहनतकश बादशाहों का शहर’ क्यों कहा गया ?
उत्तर:
‘मेहनतकश’ का अर्थ है- कड़ी मेहनत करने वाले । ‘बादशाह’ का अर्थ है – मन की मर्जी के मालिक । गतोक एक पहाड़ी क्षेत्र है । यहाँ स्त्री, पुरुष, बच्चे व युवतियाँ सभी कठिन परिस्थितियों में पूरी मेहनत से लगे रहते हैं। स्त्रियाँ अपने शिशु को पीठ पर लादकर काम करती हैं। बच्चे स्कूल से लौटने के बाद मवेशी चराते हैं, पानी भरते हैं तथा लकड़ियों के भारी गट्ठर ढोते हैं। गंतोक में सभी लोग मेहनतकश होते हैं। इसीलिए गंतो को ‘मेहनतकश बादशाहों’ का शहर कहा गया है।
14. निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में सारगर्भित अनुच्छेद लिखिए-
(क) समय का सदुपयोग / का वर्षा जब कृषि सुखाने ?
संकेत बिन्दु –
समय के सदुपयोग के लाभ
समय का महत्व
विद्यार्थी जीवन में समय पालन की उपयोगिता
निष्कर्ष
उत्तरः
(क) समय का सदुपयोग / का वर्षा जब कृषि सुखाने ?
समय अमूल्य है। सृष्टि का निर्माता और विनाशक समय, सदैव गतिमान रहता है। किसी ने सत्य कहा है कि ‘समय और तूफान किसी की प्रतीक्षा नहीं करते। समय के महत्व को समझकर उसका सदुपयोग करने वाले व्यक्ति जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता प्राप्त करते हैं । उनके जीवन में निश्चितता आ जाती है। ऐसे महापुरुषों का अनुसरण सम्पूर्ण विश्व करता है । विद्यार्थी जीवन में समय के सदुपयोग हेतु कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर, समय का बुद्धिमता से विभाजन कर उसका कड़ाई से पालन करना चाहिए। साथ ही विश्राम, खेलकूद एवं मनोरंजन के लिए भी समय निकालना चाहिए। समय का दुरुपयोग करने वाला व्यक्ति प्रगति की दौड़ में पिछड़ जाता है। समय बीत जाने पर कार्य करने का कोई लाभ नहीं होता, कहा भी गया है-
‘का वर्षा जब कृषि सुखाने, समय चूकि पुनि का पछताने ।’
अतः जीवन के प्रत्येक क्षण का सदुपयोग करना चाहिए।
(ख) प्लास्टिक: एक अनचाही जरूरत
संकेत बिन्दु-
प्लास्टिक की उपयोगिता
प्लास्टिक से नुकसान
प्लास्टिक प्रयोग के क्षेत्र
निष्कर्ष
उत्तरः
(ख) प्लास्टिक: एक अनचाही जरूरत
आज का युग विज्ञान का युग है। विज्ञान ने हमें चमत्कारी वस्तुएँ देकर हमारे जीवन को सरल, सुंदर तथा सुगम बना दिया है। प्लास्टिक से न केवल मानवजाति बल्कि पूरे उद्योग क्षेत्र में परिवर्तन आ गया है। आज खाद्य पदार्थ हों या अन्य वस्तुएँ, सभी प्लास्टिक की थैलियों में आती हैं। इसका उपयोग कृत्रिम वस्त्र बनाने, पानी की टंकियाँ बनाने, प्लास्टिक के दरवाजे, खिड़कियाँ, चादरें, चप्पल, जूते, अनेक उपकरण, पैकिंग मैटिरियल आदि अनगिनत चीजें बनाने में किया जा रहा है। एक तरफ जहाँ प्लास्टिक हमारे लिए उपयोगी है वहीं दूसरी ओर ये न केवल मानवीय जीवन, अपितु जीव-जंतुओं के लिए भी हानिकारक है । मनुष्य इसका इतना आदी हो गया है कि इसके उपयोग से होने वाली हानियों को नजरअंदाज कर रहा है। हमें प्लास्टिक का बहिष्कार करना होगा तभी पर्यावरण शुद्ध होगा ।
(ग) इंटरनेट: एक संचार क्रान्ति
संकेत बिन्दु-
परिभाषा एवं इतिहास
उपयोग के क्षेत्र और लाभ
अत्यधिक उपयोग से हानियाँ
निष्कर्ष
उत्तरः
(ग) इंटरनेट: एक संचार क्रान्ति
इंटरनेट (अंतरजाल) संचार माध्यमों के क्षेत्र में क्रान्ति के रूप में उभर कर आया है। वास्तव में यह तार रहित ग्लोबल कम्प्यूटर नेटवर्क है जो विश्व की कम्प्यूटर प्रणाली को आपस में जोड़कर विभिन्न सूचनाएँ और अन्य सुविधाएँ प्रदान करता है। भारत में सर्वप्रथम 15 अगस्त, 1995 को विदेश संचार निगम द्वारा इसका प्रारम्भ हुआ। इंटरनेट द्वारा सर्च इंजन की सहायता से हम जानकारी प्राप्त करने के साथ-साथ ऑनलाइन टिकट बुकिंग, बैंकिंग, पढ़ाई, मनोरंजन, मित्र बनाना, पत्र भेजना आदि कई कार्य कर सकते हैं । परंतु इंटरनेट के बढ़ते प्रयोग से विद्यार्थियों का बहुत समय बर्बाद होता है। इससे कम्प्यूटर में वायरस का खतरा भी बढ़ जाता है । कुछ लोग हमारी गोपनीय जानकारी प्राप्त करके हमें नुकसान पहुँचा सकते हैं। अत: हमें इस सुविधा का प्रयोग नियन्त्रित एवं सकारात्मक रूप से करना चाहिए।
15. आप ग्रेटर कैलाश लोक कल्याण समिति के अध्यक्ष हैं। आपके क्षेत्र में जल संकट व्याप्त है। जल संकट से उत्पन्न कठिनाइयों का वर्णन करते हुए ‘दिल्ली जल बोर्ड’ के मुख्य अधिकारी को लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए ।
अथवा
आप निखिल / मीनाक्षी हैं। आपने हाल ही में कन्या भ्रूण हत्या पर एक नाटक देखा है। अपने मित्र को पत्र लिखकर बताइये कि कन्या भ्रूण हत्या किस प्रकार समाज के लिए अभिशाप है। लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए।
उत्तरः
सेवा में,
महाप्रबंधक महोदय,
दिल्ली जल बोर्ड,
ग्रेटर कैलाश,
नई दिल्ली।
विषयः जल की समस्या के संदर्भ में ।
माननीय महोदय,
इस पत्र के माध्यम से मैं आपका ध्यान जल वितरण की अनियमितता की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ, दिल्ली में लगातार जल संकट गहराता जा रहा है। लोगों में इसके लिए काफी रोष है। ऊँची इमारतों तक तो कम दबाव के कारण जल पहुँच ही नहीं पा रहा है। पूरे शहर में ये परेशानी महसूस की जा रही है।
अत्यधिक प्रभावित इलाकों में केवल एक बार जलापूर्ति की जा रही है, परंतु बाकी इलाकों में पानी का दबाव भी कम ही होता है। वाजीराबाद और चंद्रावल वाटर ट्रीटमेंट प्लांट अब भी पूरी क्षमता से पानी की आपूर्ति नहीं कर पा रहे हैं। जब तक पड़ोसी राज्य से पानी नहीं आ जाता तब तक स्थिति में कोई सुधार की उम्मीद कम ही है।
दक्षिणपुरी, अंबेडकर नगर, ग्रेटर कैलाश एवं वसंत कुंज सहित दक्षिणी दिल्ली के प्रभावित क्षेत्र हैं। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि इस समस्या का सामना पूरा शहर कर रहा है।
अतः आप से अनुरोध है कि जनता की असुविधाओं को ध्यान में रखकर इस संकट से मुक्ति दिलाएँ ।
धन्यवाद !
भवदीय
गुरमीत सिंह (अध्यक्ष)
ग्रेटर कैलाश लोक कल्याण समिति
दिनांक 24-09-20xx
अथवा
आदर्श नगर
जयपुर ।
दिनांक- 2 सितम्बर, 20xx
प्रिय मित्र,
कैसे हो ? आशा करता हूँ कि कुशलतापूर्वक होगे। मैं भी अच्छा हूँ। बहुत दिनों से तुम्हारे कोई समाचार प्राप्त नहीं हुए। मैंने अभी हाल ही में कन्या भ्रूण हत्या पर आधारित एक नाटक देखा, जिसकी कहानी मेरे हृदय को अन्दर तक झकझोर गई कि कैसे संकीर्ण मानसिकता वाले व्यक्ति एक कन्या का जन्म होना अभिशाप मानते हैं। उसके दुनिया में आने से पूर्व ही उसकी हत्या कर देते हैं। अगर सभी इस प्रकार करने लग जायेंगे तो लड़के-लड़कियों का अनुपात बिगड़ जाएगा। यदि ऐसा हुआ तो आने वाले समय में विवाह के लिए लड़कियों की संख्या कम होगी बजाय लड़कों के । लोग ये कैसे भूल जाते हैं, कि हमें जन्म देने वाली भी एक स्त्री है। मुझे इस तरह की सोच रखने वालों पर बहुत तरस आता है, साथ ही गुस्सा भी बहुत आता है। हमें अपने आस – पास कन्या भ्रूण हत्या जैसे जघन्य कुकृत्यों को रोकना होगा तथा उनकी इस सोच को भी बदलना होगा कि बेटियाँ बेटों से कमतर हैं उनको बताना होगा कि प्रत्येक क्षेत्र में बेटी बेटे से आगे है। तुम भी पत्र लिखकर इस पर अपने विचारों से अवगत कराना । अंकल, आँटी को मेरा प्रणाम कहना ।
तुम्हारा प्रिय मित्र
निखिल
16. कम्प्यूटर साइंस अध्यापक के रिक्त पद हेतु स्ववृत लेखन लगभग 80 शब्दों में तैयार कीजिए ।
अथवा
आप नीतू / नितिन हैं । आप विद्यालय में योग शिक्षा का महत्व जानते हैं। अपने क्षेत्र के समाचार-पत्र के संपादक को लगभग 80 शब्दों में में ई-मेल करके बताइए कि ये छात्रों के लिए किस प्रकार लाभदायक हैं।
उत्तरः
स्ववृत्त
नाम : नरेंद्र कुमार
पिता का नाम : सुरेश कुमार
माँ का नाम : गीता देवी
जन्मतिथि : 18 नवंबर, 1982
वर्तमान पता : डी 72, पाकेट चार, मयूर विहार (फेज एक) दिल्ली 110001
स्थायी पता : ”
टेलीफोन नं. : 011-22718296
मोबाइल : 9868234xxx
ई-मेल : 85narendra@yahoo.com
शैक्षणिक योग्यताएँः
परीक्षा | वर्ष | विद्यालय/बोर्ड/महाविद्यालय/ विश्वविद्यालय | विषय | श्रेणी | प्रतिशत |
दसवीं | 1997 | राजकीय विद्यालय सीबीएसई | हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान | प्रथम | 93% |
बारहवीं | 1999 | राजकीय विद्यालय सीबीएसई | अंग्रेजी, भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, गणित | प्रथम | 95% |
बी.एस-सी (आनर्स) | 2002 | कम्प्यूटर साइंस | हिंदी | प्रथम | 84% |
एम.बी.ए. | 2004 | आदर्श इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट | बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन | श्रेणी | 85% |
अन्य योग्यताएँ:
- कम्प्यूटर का अच्छा ज्ञान और अभ्यास (एम. एस. ऑफिस तथा इंटरनेट)
- फ्रांसीसी भाषा का कार्य योग्य ज्ञान
अथवा
To : samachar.express@gmail.com
cc: news.today@gmail.com
Subject: योग शिक्षा का महत्व बताने हेतु ।
महोदय,
जन-जन की आवाज, जन-जन तक पहुँचाने के लिए कटिबद्ध आपके समाचार पत्र के माध्यम से मैं विद्यालय में योग शिक्षा के महत्व को बताना चाहती हूँ।
योग शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थी स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होंगे। योग शिक्षा उनके स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है।
योग के माध्यम से वे अपने शरीर की नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकाल सकते हैं। जिससे सकारात्मक ऊर्जा को ग्रहण कर, वह स्वयं को ऊर्जावान महसूस कर सकते हैं। योग के द्वारा कई लाइलाज बीमारियों को भी जड़ से समाप्त किया जा सकता है। यह हमारे स्वास्थ्य के लिए जीवनदायिनी औषधि की भाँति है । आप अपने समाचार-पत्र के माध्यम से पाठकों को योग – शिक्षा ग्रहण करने के लिए आग्रह करें।
सधन्यवाद !
भवदीया
नीतू
आगरा।
17. आपके विद्यालय की नई ब्रांच एक- दूसरे शहर में खुलने जा रही है। इसके प्रचार हेतु लगभग 60 शब्दों में एक विज्ञापन तैयार कीजिए ।
अथवा
अपने जन्मदिन पर आमंत्रित करते हुए सखी को लगभग 60 शब्दों में बधाई संदेश लिखिए ।
उत्तर:
अथवा
संदेश
17-8-20xx
साक्षी
सायं 8 : 00 बजे
कल 18-8-20XX को मेरा जन्मदिन है। इस अवसर पर मैं तुम्हें निमंत्रण दे रही हूँ । कल शाम 8:00 बजे तुम मेरे घर उपस्थित होना। पूजा, पायल और निधि भी आयेंगी । यहाँ से हम सभी मिलकर कहीं बाहर चलेंगे और डिनर साथ-साथ करेंगे। अपनी माताजी को कहकर आना कि देर होने पर चिन्तित न हों। मैं पिताजी के साथ तुम्हें घर छोड़ आऊँगी।
सोनम