CBSE Class 9 Hindi B व्याकरण संधि
संधि – संधि का शाब्दिक अर्थ है-मेल। अर्थात् जब दो निकटवर्ती ध्वनियाँ आपस में मिल जाती हैं और एक नया रूप धारण करती हैं तब उसे संधि कहते हैं; जैसे-सूर्य+ उदय-सूर्योदय।
यहाँ ‘सूर्य’ की अंतिम ध्वनि ‘अ’ तथा ‘उदय’ की प्रारंभिक ध्वनि ‘उ’ पास-पास आकर एक नया रूप ‘ओ’ बना रही हैं। इस परिवर्तन या विकार का नाम संधि है।
कुछ और उदाहरण –
रेखा + अंकित = रेखांकित
राका + ईश = राकेश
लोक + उक्ति = लोकोक्ति
पा + अन = पवन
अति + अंत = अत्यंत
संधि के भेद – संधि के तीन भेद हैं –
- स्वर संधि
- व्यंजन संधि
- विसर्ग संधि।
1. स्वर संधि- दो स्वरों के परस्पर मेल से जो परिवर्तन होता है, उसे स्वर संधि कहते हैं; जैसे –
शिव+आलय=शिवालय
महा+आत्मा महात्मा
नर-ईश-नरेश
एक-एक एकैक
स्वर संधि के भेद –
स्वर संधि के पाँच भेद हैं –
(क) दीर्घ संधि
(ख) गुण संधि
(ग) वृद्धि संधि
(घ) यण संधि
(ङ) अयादि संधि।
(क) दीर्घ संधि-जब ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ से परे क्रमशः ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ आए तो दोनों मिलकर आ, ई, ऊ
हो जाते हैं, जैसे- शास्त्र + अर्थ = शास्त्रार्थ, धर्म + अर्थ = धर्मार्थ
(a)
(b)
(c)
(ख) गुण संधि-यदि अ और आ के आगे इ, ई, उ, क, ऋ हो तो दोनों के मिलने से ए, ओ, औ तथा अर हो जाता है;
जैसे –
(a)
(b)
(c)
(ग) वृद्धि संधि-यदि ह्रस्व अ या दीर्घ आ के बाद ए या ऐ हो तो दोनों मिलकर ऐ, ओ या औ हो जाता है; जैसे –
(घ) यण संधि-यदि इ, ई,उ, ऊ और ऋ के बाद भिन्न स्वर आए तो इ, ई का अय, उ, ऊ का व तथा ऋ का ‘र’ हो जाता है; जैसे –
(ङ) अयादि संधि-जब ए/ऐ, ओ/औ के बाद कोई भिन्न स्वर आता है तो इनके स्थान पर ए-अय, ऐ-आय, ओ-अव तथा औ-आव में बदल जाता है; जैसे –
2. व्यंजन संधि – व्यंजन संधि का स्वर या व्यंजन से मेल होने पर जो परिवर्तन होता है, उसे व्यंजन संधि कहते हैं।
उदाहरण –
दिक् + अंबर = दिगंबर
वाक् + ईश = वागीश
षट् + आनन = षडानन
जगत् + अंबा = जगदंबा
वाक् + जाल = वाग्जाल
दिग् + दर्शन = दिग्दर्शन
तत् + रूप = तद्रूप
तत् + आकार = तदाकार
उत् + घाटन = उद्घाटन
सत् + उपयोग = सदुपयोग
सम् + भावना = संभावना
सम् + ध्या = संध्या
सम् + सार = संसार
उत् + गम = उद्गम
सम् + देह = संदेह
सम + तोष = संतोष
सम् + योग = संयोग
सम् + मति = सम्मति
जगत् + नाथ = जगन्नाथ
सत् + मार्ग = सन्मार्ग
उत् + माद = उन्माद
उत् + ज्वल = उज्ज्वल
उत् + नति = उन्नति
उत् + नयन = उन्नयन
उत् + चारण = उच्चारण
उत् + लास = उल्लास
उत् + लेख = उल्लेख
उत् + धरण = उद्धरण
वि + षाद = विषाद
प्र + नाम = प्रणाम
उत् + हार = उद्धार
तरु + छाया = तरुच्छाया
राम + अयन = रामायण
परि + नाम = परिणाम
सम् + चार = संचार
3. विसर्ग संधि-विसर्ग (:) के बाद स्वर या व्यंजन आने पर उत्पन्न विकार को विसर्ग संधि कहते हैं; जैसे –
अधः + मुखी = अधोमुखी
अधः + गति = अधोगति
मनः + रथ = मनोरथ
मनः + हर = मनोहर
दुः + बल = दुर्बल
निः + उत्साह = निरुत्साह
दुः + कर = दुष्कर
परिः + छेद = परिच्छेद
हरिः + चंद्र = हरिश्चंद्र
निः + पक्ष = निष्पक्ष
नमः + ते = नमस्ते
निः + तेज = निष्तेज
निः + रव = नीरव
मनः + बल = मनोबल
तपः + वन = तपोवन
मनः + बल = मनोबल
निः + आशा = निराशा
निः + चल = निश्चल
दुः + कर्म = दुष्कर्म
निः + दय = निर्दय
निः + प्राण = निष्प्राण
नमः + कार = नमस्कार
निः + संग = निस्संग
निः + रोग = निहरोग
दु: + जन = दुर्जन
विभिन्न पाठों से लिए गए संधि युक्त शब्द और उनके विच्छेद
धूल
एवरेस्ट-मेरी शिखर यात्रा
तुम कब जाओगे, अतिथि
वैज्ञानिक चेतना के वाहक चंद्रशेखर वेंकट रामन्
कीचड़ का काव्य
धर्म की आड़
शुक्रतारे के समान
विभिन्न परीक्षाओं में पूछे गए संधि-विच्छेद संबंधी प्रश्न प्रश्न
प्रश्नः 1.
निम्नलिखित शब्दों में संधि कीजिए –
- अनु + एषण , अभि + उदय
- दु: + उपयोग , रमा + इंद्र
- महा + उदधि , दिन + अंत
- अति + आचार , प्रति + अंग
- पीत + अंबर , जन्म + उत्सव
- चरम + उत्कर्ष , महा + ईश्वर
- कारा + आवास , काल + अंतर
- अरुण + उदय , द्राक्ष + आसव
- सर्व + अधिक , नील + ईष
- परम + ईश्वर , अल्प + उक्ति
- प्राण + आयाम , अति + आचार
- व्यंग्य + आत्मक , पंच + आयत
- वन + उत्सव , एक + एक
- अधि + ईश्वर , राका + ईश
- पंच + अरिष्ट , उत् + चारण
उत्तरः
- अन्वेषण, अभ्युदय
- दुरुपयोग, रामेंद्र
- महोदधि , दिनांत
- अत्याचार , प्रत्यंग
- पीतांबर , जन्मोत्सव
- चरमोत्कर्ष , महैश्वर
- कारावास , कातांतर
- अरुणोदय , प्राक्षासव
- सर्वाधिक , नीलेश
- परमेश्वर , अल्पोक्ति
- प्राणायाम , अत्याचार
- व्यंग्यात्मक , पंचायत
- वनोत्सव , एकैक
- अधीश्वर , राकेश
- पंचारिष्ट , उच्चारण
प्रश्नः 2.
निम्नलिखित शब्दों में संधि-विच्छेद कीजिए –
- परमेश्वर , इत्यादि
- शिवालय , गिरींद्र
- विद्यार्थी , अनाथालय
- यद्यपि , अत्याचार
- वनौषधि , तल्लीन
- पूर्वोक्ति , अन्यार्थ
- परमौज , गजेंद्र
- ज्ञानोदय , प्रत्यंग
- आशीर्वाद , अभीष्ट
- सूक्ति , सिंधूमि
- वधूर्मि , संचित
- हतोत्साहित , वाचनालय
- अस्ताचल , लोकैक्य
- अखिलेश , धर्मावलंबी
- हर्षातिरेक , वक्रोक्ति
उत्तरः
- पर + ईश्वर , इति + आदि
- शिव + आलय , गिरि + इंद्र
- विद्या + अर्थी , अनाथ + आलय
- यदि + अपि , अति + आचार
- वन + ओषधि , तत् + लीन
- पूर्व + उक्ति , अन्य + अर्थ
- परम + ओज , गज + इंद्र
- ज्ञान + उदय , प्रति + अंग
- आशी: + वाद , अभि + इष्ट
- सु + उक्ति , सिंधु + ऊर्मि
- वधू + ऊर्मि , सम् + चित
- ह् + उत्साहित , लोक + एक्य
- अखिल + ईश , धर्म + अवलंबी
- हर्ष + अतिरेक , वक्र + उक्ति
- ज्ञान + उदय , प्रति + अंग
अभ्यास प्रश्न
प्रश्नः 1.
निम्नलिखित शब्दों में संधि कीजिए
- यदि + अपि = …………………
- मत + ऐक्य = …………………
- स्व + इच्छा = …………………
- महा + औषध = …………………
- वार्षिक + उत्सव = …………………
- वन + औषधि = …………………
- महा + उदय = …………………
- उदय + अंचल = …………………
- शब्द + अर्थ =. ………………..
- मंत्र + आलय =…………………
- नर + इंद्र = ………………………
- वार्ता + आलाप = ………………………
- पूर्व + उत्तर = ………………………
- युग + अंत = ………………………
- उत् + मेष = ………………………
- सदा + एव = ………………………
- पूर्ण + इंदु = ………………………
- एक + एक = ………………………
- अनाथ + आलय = ………………………
- वृक्ष + आरोपण = ………………………
- परम् + औषधि = ………………………
- स्व + अर्थ = ………………………
- सु + आगत = ………………………
- पद + उन्नति = ………………………
- अति + उत्तम = ………………………
- चंद्र + उदय = ………………………
- इति + आदि = ………………………
- चरण + अमृत = ………………………
- लघु + उत्तर = ………………………
- आ + छादन = ………………………
- प्रति + एक = ………………………
- लंका + ईश = ………………………
- रेखा + अंकित = ………………………
- पुष्प + अंजलि = ………………………
- महा + ऋषि = ………………………
- उप + आसना = ………………………
- शिव + आलय = ………………………
- प्रति + उत्तर = ………………………
- धन + एषण = ………………………
- सूर्य + उदय = ………………………
- महा + उदधि = ………………………
- तथा + अपि = ………………………
- ग्राम + उत्थान = ………………………
- नव + ऊढ़ा = ………………………
- कवि + इंद्र = ………………………
- लोक + आचार = ………………………
- अरुण + अचल = ………………………
- कर्म + इंद्रिय = ………………………
- अति + आवश्यक = ………………………
- महा + उत्सव = ………………………
- गृह + उपयोगी = ………………………
- प्रतीक्षा + आलय = ………………………
- प्रति + अक्षर = ………………………
- सत्य + अन्वेषी = ………………………
- अधिक + अधिक = ………………………
- शची + इंद्र = ………………………
- तथा + एव = ………………………
- अधि + ईश्वर = ………………………
- वाक + दत्ता = ………………………
- स्व + छंद = ………………………
उत्तरः
- यद्यपि
- मतैक्य
- स्वेच्छा
- महौषध
- वार्षिकोत्सव
- वनौषधि
- महोदय
- उदयांचल
- शब्दार्थ
- मंत्रालय
- नरेंद्र
- वार्तालाप
- पूर्वोत्तर
- युगांत
- उन्मेष
- सदैव
- पूर्णेदु
- एकैक
- अनाथालय
- वृक्षारोपण
- परमौषधि
- स्वार्थ
- स्वागत
- पदोन्नति
- अत्युत्तम
- चंद्रोदय
- इत्यादि
- चरणामृत
- लघुत्तर
- आच्छादन
- प्रत्येक
- लंकेश
- रेखांकित
- पुष्पांजलि
- महर्षि
- उपासना
- शिवालय
- प्रत्युत्तर
- धनैषणा
- सूर्योदय
- महोदधि
- तथापि
- ग्रामोत्थान
- नवोढ़ा
- कवींद्र
- लोकाचार
- अरुणाचल
- कर्मेंद्रिय
- अत्यावश्यक
- महोत्सव
- गृहोपयोगी
- प्रतीक्षालय
- प्रत्यक्षर
- सत्यान्वेषी
- अधिकाधिक
- शचींद्र
- तथैव
- अधीश्वर
- वागदत्ता
- स्वच्छंद
प्रश्नः 2.
निम्नलिखित शब्दों में संधि-विच्छेद कीजिए –
- लोकेंद्र = …………. + …………..
- यथार्थ = …………. + …………..
- अधरौष्ठ = …………. + …………..
- हिमांशु = …………. + …………..
- सोमेंद्र = …………. + …………..
- नवोदित = ………….. + …………..
- विस्मयादि = …………. + …………..
- नवोदय = …………. + …………..
- सर्वोदय = …………. + …………..
- लघूत्तर = …………. + …………..
- स्वल्प = …………. + …………..
- राजेश्वर = …………. + …………..
- धनादेश = …………. + …………..
- सदुपाय = …………. + …………..
- अध्यादेश = …………. + …………..
- परमाणु = …………. + …………..
- लोकोपचार = …………. + …………..
- दिग्गज = …………. + …………..
- कुशासन = …………. + …………..
- अत्यंत = …………. + …………..
- रत्नाकर = …………. + …………..
- वीरोचित = …………. + …………..
- वाचनालय = …………. + …………..
- सदैव = …………. + …………..
- चरणामृत = …………. + …………..
- शीतोदक = …………. + …………..
- महाशय = …………. + …………..
- कवीश्वर = …………. + …………..
- परिच्छेद = …………. + …………..
- देवेंद्र = …………. + …………..
- महेंद्र = …………. + …………..
- कृतार्थ = …………. + …………..
- दीक्षांत = …………. + …………..
- वनौषधि = …………. + ……………
- सागरोमि = …………. + …………..
- प्रत्येक = …………. + …………..
- कृपाकांक्षी = …………. + …………..
- पूर्णंदु = …………. + …………..
- पर्यावरण = …………. + …………..
- उद्गम = …………. + …………..
- नीरस = …………. + …………..
- निर्धन = …………. + …………..
- सन्मार्ग = …………. + …………..
- उड्डयन = …………. + …………..
- तपोबल = …………. + …………..
- विश्रमालय = …………. + …………..
- नदीश = …………. + …………..
- दुश्शासन = …………. + …………..
- भाग्योदय = …………. + …………..
- मतैक्य = …………. + …………..
- वूधत्सव = …………. + …………..
- देवालय = …………. + …………..
- यद्यपि = …………. + …………..
- सज्जन = …………. + …………..
- भाग्योदय = …………. + …………..
- परोपकार = …………. + …………….
- एकैक = …………. + …………..
- स्वेच्छा = …………. + …………..
उत्तरः
- लोक + इंद्र
- यथा + अर्थ
- अधर + ओष्ट
- हिम + अंशु
- सोम + इंद्र
- नव + उदित
- विस्मय + आदि
- नव + उदय
- सर्व + उदय
- लघु + उत्तर
- सुः + अल्प
- राज + ईश्वर
- धन + आदेश
- सद + उपाय
- अधि + आदेश
- परम + अणु
- लोक + उपचार
- दिक् + गज
- कुश + आसन
- अति + अंत
- रत्न + आकर
- वीर + उचित
- वाचन + आलय
- सदा + एव
- चरण + अमृत
- शीत + उदक
- महा + आशय
- कवि + ईश्वर
- परि + छेद
- देव + इंद्र
- महा + इंद्र
- कृत + अर्थ
- दीक्षा + अंत
- वन + औषधि
- सागर + ऊर्मि
- प्रति + एक
- कृपा + आकांक्षी
- पूर्ण + इंदु
- परि + आवरण
- उत् + गम
- निः + रस
- निः + धन
- सत् + मार्ग
- उत् + डयन
- तपः + बल
- विश्राम + आलय
- नदी + ईश
- दुः + शासन
- भाग्य + उदय
- मत + एक्य
- वधू + उत्सव
- देव + आलय
- यदि + अपि
- सत् + जन
- भाग्य + उदय
- पर + उपकार
- एक + एक
- स्व + इच्छा
प्रश्नः 3.
निम्नलिखित शब्दों की संधि करते हुए, संधि का नाम भी लिखिए
- कपि + ईश = …………. , …………..
- अति + अधिक = …………. , …………..
- नै + इका = …………. , …………..
- षट् + आनन = …………. , …………..
- पुरः + कार = …………. , …………..
- वाक् + ईश = …………. , …………..
- तथा + एव = …………. , …………..
- उत् + घाटन = …………. , …………..
- पौ + अक = …………. , …………..
- सत् + जन = …………. , …………..
- तपः + वन = …………. , …………..
- नै + अक = …………. , …………..
- मनः + गति = …………. , …………..
- उत् + ज्वल = …………. , …………..
- भाग्य + उदय = …………. , …………..
- पौ + अन = …………. , …………..
- सरः + ज = …………. , …………..
- निः + छल = …………. , …………..
- सम् + देह = …………. , …………..
- उत् + नयन = …………. , …………..
उत्तरः
- कपीश = दीर्घ संधि
- अत्यधिक = यण संधि
- नायिका = अयादि संधि
- षडानन = व्यंजन संधि
- पुरस्कार = विसर्ग संधि
- वागीश = व्यंजन संधि
- तथैव = वृद्धि संधि
- उद्घाटन = विसर्ग संधि
- पावक = अयादि संधि
- सज्जन = व्यंजन संधि
- तपोवन = विसर्ग संधि
- नायक = अयादि संधि
- मनोगति = विसर्ग संधि
- उज्ज्वल = व्यंजन संधि
- भाग्योदय = गुण संधि
- पावन = अयादि संधि
- सरोज = विसर्ग संधि
- निश्छल = व्यंजन संधि
- संदेह = व्यंजन संधि
- उन्नयन = व्यंजन संधि