Albert Einstein at School Summary In English
Albert’s class was on. The History teacher, Mr. Braun, asked Albert when the Prussians defeated the French at Waterloo. Albert told him that he didn’t know. The teacher said that he had often told them. Albert said that he must have forgotten. This irritated the teacher. He asked Albert, “Why?” Albert replied that he didn’t see a point in learning dates. One could learn about them from books. Ideas are more important than facts and figures. The teacher thought that Albert didn’t believe in education. He talked in a sarcastic manner. Albert told him that learning facts was not education. The teacher said that Albert was a disgrace to be there.
Albert felt miserable when he left the school that afternoon. He didn’t like this school. He would have to come to it again. He lived in a small room. It was one of the poorest quarters of Munich. The landlady beat her children regularly. Her husband came every Saturday. He drank in the evening. He then beat her. He didn’t like the children’s crying everytime. He told these things to Yuri. He hated the atmosphere of slum violence.
Next time his cousin Elsa came to Munich. She told Albert that if he tried he could pass the examination. There were more stupid boys than him. Moreover, passing the examination was not difficult. He had not to understand what he is taught. He should merely repeat in the examination. He told Elsa that he was not good at learning things by heart. He liked music as it gave him comfort. He also liked Geology.
Albert didn’t like to remain in school. He met Yuri after six months. He had an idea. He told Yuri that he needed a medical certificate. It should state that he suffered from a nervous breakdown. Then he could get rid of school. He asked Yuri if he had a doctor friend. Yuri told him that he knew Dr Ernest Weil. Yuri told him not to deceive him. He must be frank with him. Albert visited Dr Ernest Weil. Then he had really come near a nervous breakdown.
Dr Ernest issued him the certificate. Albert told Dr Ernest about his future plans. He would go to Milan. He hoped to get admission into an Italian college or institute. It was possible from the comments of the Mathematics teacher, Mr Koch. The mathematics teacher was a different man. He understood Albert well. He gave a glowing testimonial to him. He wrote that Albert knew so much that he couldn’t teach him any more. He was ready to enter a college.
The head teacher summoned Albert to his room. He wanted Albert to leave the school then. Albert asked why it was so. He asked if he should think he was to be expelled. The head teacher told him that if he went of his own accord, that question didn’t arise.
The head teacher gave several reasons for his asking him to leave the school. Albert’s presence made it impossible for the teacher to teach and pupils to learn. He rebelled and no serious work would be done while he was there. Albert felt that the medical certificate was useless. Albert wished to tell him what he thought of him and the school. But he did not. He went out of the room.
Before leaving the town, Albert saw Yuri. He had no other real friends.
Albert Einstein at School Summary In Hindi
एलबर्ट की क्लास चल रही थी। इतिहास के अध्यापक मि० बरॉन ने एलबर्ट से पूछा कि प्रशियावालों ने फ्रास को वाटरलू में कब हराया था। एलबर्ट कहता है कि वह नहीं जानता। अध्यापक ने कहा कि उसने प्रायः बताया था। एलबर्ट ने कहा कि वह भूले गया होगा। अध्यापक को क्रोध आ गया। उसने एलबर्ट से पूछा कि क्यों। एलबर्ट ने उत्तर दिया कि उसे तिथियाँ याद करने में कोई विशेष बात नजर नहीं आती। इनके बारे में कोई भी पुस्तकों से जानकारी ले सकता है। विचारे तथ्यों और आँकड़ों से अधिक महत्वपूर्ण है। अध्यापक सोचता है कि एलबर्ट को शिक्षा में कोई रुचि नहीं थी। उसने व्यंग्यात्मक तरीके से बातें की है। एलबर्ट ने कहा कि तथ्यों को याद करना शिक्षा नहीं है। अध्यापक ने कहा कि एलबर्ट का वहाँ होना कलंक था।
एलबर्ट दुखी था जब वह दोपहर को स्कूल छोड़ रहा था। वह इस स्कूल को पसंद नहीं करता था। उसे वहाँ दोबारा आना होगा। वह एक छोटे से कमरे में रहता था। वह म्यूनिख के सबसे गरीब लोगों का क्षेत्र था। मकान मालकिन अपने बच्चों को नियमित रूप से पीटती थी। उसका पति प्रत्येक शनिवार को आता था व शाम को पीता था। तब वह उसे पीटता था। वह हर समय बच्चों का रोना पसंद नहीं करता। उसने यह सब यूरी को बताया। वह गंदी-बस्तियों में होने वाली हिंसा से घृणा करता था।
अगली बार उसकी चचेरी बहन, एलसा म्यूनिख आती है। वह एलबर्ट से कहती है कि यदि वह कोशिश करे तो परीक्षा पास कर सकता है। यहाँ उससे भी ज्यादा मूर्ख लड़के हैं। इसके अलावा परीक्षा पास करना मुश्किल नहीं है। उसे कुछ भी समझना नहीं है। उसे केवल परीक्षा में दोहरा देना है। वह एलसा को बताता है कि वह जुबानी चीजें याद करने में अच्छा नहीं है। वह संगीत पसंद करता है। क्योंकि वह उसे आराम देता है। उसे भू-विज्ञान भी अच्छा लगता है।
एलबर्ट को स्कूल में रहना बिल्कुल पसंद नहीं था। वह यूरी से छः महीने बाद मिला था। उसे एक विचार आया। उसने यूरी से कहा कि उसे एक चिकित्सा प्रमाणपत्र चाहिए। इसमें कहा गया हो कि वह स्नायुसंबंधी खराबी से ग्रस्त है। फिर वह स्कूल से छुटकारा पा सकता है। वह यूरी से पूछता है कि क्या उसका कोई डाक्टर दोस्त है। यूरी बताता है कि डा० अरनेस्ट वेल है। यूरी कहता है वह उसे धोखा न दे। उसे उससे सारी खुलकर बातें करनी होंगी।
वह डाक्टर अरनेस्ट वेल से मिला तब सच में उसकी स्नायु खराब थी। डाक्टर अरनेस्ट ने उसे प्रमाणपत्र दे दिया। एलबर्ट ने डाक्टर अरनेस्ट को अपने भविष्य की योजना के बारे में बताता है। वह मिलाने जाएगा। उसे आशा है कि उसे इटैलियन कॉलेज में या संस्थान में दाखिला मिल जाएगा। यह गणित के अध्यापक मिस्टर कोच के प्रमाणपत्र से संभव है। मि० कोच जो कि गणित के अध्यापक थे, एक अलग किस्म के व्यक्ति थे। वह एलबर्ट को अच्छी तरह से समझते थे। उसने एलबर्ट को एक शानदार प्रमाणपत्र दिया। उसने लिखा कि एलबर्ट इतना जानता था कि वह उसे और शिक्षा नहीं दे सकता था। वह कॉलेज में प्रवेश के लिए तैयार था।
मुख्याध्यापक ने उसके स्कूल छोड़ने के लिए बहुत से कारण बताए हैं। एलबर्ट की उपस्थिति अध्यापकों को पढ़ाने में और छात्रों को सीखने में परेशानी पैदा करेगी। उसने विद्रोह किया और जब तक वह वहाँ था कोई महत्वपूर्ण कार्य नहीं किया जा सकता था। एलबर्ट को लगा कि चिकित्सा प्रमाणपत्र बेकार थी। एलबर्ट चाहता था कि उसे बता दें कि वह उसके बारे में और स्कूल के बारे में क्या सोचता है। किंतु उसने वैसा नहीं किया। वह कमरे से बाहर चला गया।
नगर छोड़ने से पहले एलबर्ट यूरी से मिला। उसके और कोई सच्चे मित्र नहीं थे।